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DrAnamika

DrAnamika Matrubharti Verified

@rsinha9090gmailcom
(98)

वक्त की सिलवटें यादें समेटे रही हैं
जाने कब वक्त बदल जाए..
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बटोरी हुई यादें खुशियों दे जाएं
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वरना इतिहास के पन्ने अक्सर
धुमिल हो जाया करते हैं...
---डॉ अनामिका---
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"धूप छाँव जि़ंदगी के हिस्से हैं इन दो तथ्यों के दरमियान जो संघर्ष है उन्हीं तथ्यों के कारण हम वास्तविक ज़िन्दगी जीना सीखते हैं "
----डॉ अनामिका---

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"सामान की ही तरह इंसान का भी एक्सपायरी डेट निश्चित है परन्तु जीव उत्पत्ति के बाद भूल जाता है."
--यह अहम से वहम तक जाने की प्रक्रिया है--
--डॉ अनामिका--

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हर हर महादेव🙏

पैसे बटोरते-बटोरते,रिश्ते ना खो देना
पैसा तो पैसा है वह वापस आएगा..
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रिश्ते तो बहुत ही नाज़ुक हैं
टूट गया फिर न बन पाएगा.
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रह जाएगा सब यहीं
कुटिलता काम न आएगी..
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चालाकियाँ बस कुछ काल की हैं
सब काल कवलित हो जाएंगी.
---डॉ अनामिका---
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रिश्ते अब बेजार हुए
लोग ख़रीदार हुए..
जितनी ऊंचा दाम
उतना ही सम्मान..
---डॉ अनामिका----

--अराउंड द वर्ल्ड एट डॉलर--

जब भी कभी बात होती है तुम्हारी
असंख्य मुस्कुराहट आ जाती है चेहरे पर..
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जो तुम ना होते चांद तारों की बातें ना होतीं
आसमानी चांदोबा की वो बिछातें न होतीं.
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खूबसूरत चांदनी की सिलवटें प्रसरित ना होतीं
रश्मियाँ होतीं, धरा को अंक में समेटे हुए..
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पर कैसे बताऊं.. ? जो बात तुमसे है..
वो बात औरों में कहाँ है .. !!
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तुम सुंदर सुबह हो तुम्हारे बगैर
दिन-रात की खूबसूरती फिर कहाँ होती..
--डॉ अनामिका----

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कदम-कदम पर छिड़ा है जंग
हर ओर छल कपट
हर ओर मातम..
कब सुधरेंगे लोग पता नहीं
जमाना आज का हो या पुरानी सरज़मीन
कुछ भी हो इस छद्म से बाहर आना होगा
अपने आपको ऐसी हालातों से बचाना होगा.
---डॉ अनामिका----

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सुबह की भोर शहनाई
बजा रही है..
दिनकर की रश्मियाँ संसार
को जगा रही..
उठो जागों, बढो़ आगे
संघर्ष है हर ओर..
अपनी अपनी कू़वत से
बढा़ओ जीवन की डोर..
---डॉ अनामिका----
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