इंस्पेक्टर बृजेश। वह एक लंबा,सुंदर,ऊर्जावान और स्वस्थ अधिकारी था। उनकी उम्र तीस साल के करीब थी,लेकिन अभी तक उनकी शादी नहीं हुई थी। चेहरे पर पतली दाढ़ी मरोड़दार मूंछे ओर घुंघराले बालों के कारण वह बेहद आकर्षक लगता था। ब्रिजेश का अभी तक शादी न करने का एकमात्र कारण यह था कि वह एक साधारण परिवार से था। लेकिन वह बहुत महत्वाकांक्षी ओर अपने कार्य के प्रति बेहद ईमानदार भी था। और उनका एक ही लक्ष्य था कि पहले वह जीवन में कुछ नाम और शोहरत कमाएँ और उसके बाद ही अपना घर बसाएँ। ऐसा नहीं था कि उन्हें शादी के प्रस्ताव नहीं मिल रहे थे। लेकिन उन्होंने तय कर लिया था कि जब तक वह कुछ बन नही जाते, कुछ नाम ओर शोहरत कमा नही लेते तब तक वह शादी का नाम भी नहीं लेंगे।
अदाकारा - 1
अदाकारा 1(प्रिय पाठकों! इस बार मैं आपके लिए अदाकारा* नामक एक सस्पेंस थ्रिलर कहानी लेकर आया हूँ। जो आपको पसंद आएगी। इसे पढ़ने के बाद आप अपनी राय ज़रूर दें।) *अदाकारा 1*इंस्पेक्टर बृजेश।वह एक लंबा,सुंदर,ऊर्जावान और स्वस्थ अधिकारी था। उनकी उम्र तीस साल के करीब थी,लेकिन अभी तक उनकी शादी नहीं हुई थी।चेहरे पर पतली दाढ़ी मरोड़दार मूंछे ओर घुंघराले बालों के कारण वह बेहद आकर्षक लगता था।ब्रिजेश का अभी तक शादी न करने का एकमात्र कारण यह था कि वह एक साधारण परिवार से था। लेकिन वह बहुत महत्वाकांक्षी ओर अपने कार्य ...Read More
अदाकारा - 2
अदाकारा 2 सुबह उठने के साथ ही उर्मिलाने मानो पूरा घर ही अपने सिर पर उठा लिया उठ जा ना यार। दस बज गए हैं। मुझे बेहराम भाई को राखी बाँधने भी जाना है।""तो तू चली जाना।मुझे तो चैन से सोने दो। मुझे क्यों परेशान कर रही हो?।"सुनील ने चादर अपने सिर तक खींचते हुए कहा।"मुझे परेशान मत करो का क्या मतलब? क्या बड़ी दीदी थोड़ी देर में तुम्हें राखी बाँधने नहीं आएगी? चलो,अब उठ जाओ।"उर्मिला ने सुनील से आग्रह करते हुए कहा।इस बार सुनील को उर्मिला का आदेश मानना ही पड़ा। उसने चादर अपने शरीर पर ...Read More
अदाकारा - 3
अदाकारा 3*इंस्पेक्टर बृजेशने अजनबी पर और ज़ोर डालना बंद किया और कहा।"ठीक है भाई। अब बताओ तुम्हारे पास क्या है?""फ़िल्म अभिनेत्री शर्मिला...."अजनबी के मुँह से अपनी पसंदीदा अभिनेत्री का नाम सुनकर बृजेश चौंक गया और बीच में ही उसकी बात काट कर चिंतित स्वर में बोला।"क्या…क्या?शर्मिला को क्या हुआ?""शर्मिला को कुछ नहीं हुआ है।""तो।फिर तुमने फ़ोन क्यों किया।"बृजेश गुस्से से गुर्राया।अब अजनबी भी असमंजस में पड़ गया।"साहब। मुझे पूरी बात तो कहने दीजिए।""हाँ,तो जल्दी बोलो,मुझे घर जाने में देर हो रही है।""अभिनेत्री शर्मिला पंद्रह मिनट पहले ...Read More
अदाकारा - 4
अदाकारा 4* बृजेश और जयसूर्या ने जुहू सर्कल से लेफ्ट वर्सोवा जाने वाली सड़क पर अपनी तैनाती कर थी। और वे दोनों वहाँ खड़े होकर शर्मिला के आने का बेसबरी से इंतज़ार कर रहे थे।तब रात के पौने बारह बज रहे थे।बीस मिनट और बीत गए। लेकिन ये बीस मिनट भी बृजेश को बीस घंटे जैसे लग रहे थे। और इस दौरान उसके मन में बस यही ख्याल आ रहा था कि भगवान न करे जो जानकारी उसे मिली है वह सच मे सही हो। बृजेश नहीं चाहता था कि उसकी पसंदीदा अदाकारा पर कोई कलंक लगे। और ...Read More
अदाकारा - 5
अदाकारा 5*…..इस तरह बेहराम और उर्मिला के बीच भाई-बहन का पवित्र रिश्ता शुरू हुआ था......बेहराम एक वकील था।और अंधेरी ड्रिस्टिक अदालत में प्रैक्टिस करता था।वो रहता था पारसी पंचायत रोड पर ओर उसका दफ़्तर मरोल मार्केट के पास था।आज उन्हें दफ़्तर पहुँचने में देर हो गई थी।एक मुवक्किल उनसे मिलने वाला आने था।बेहराम ने उसे सुबह साढ़े दस बजे का मिलने का समय दिया था।लेकिन घर से निकलते ही साढ़े दस बज गए।और उनका दफ़्तर सड़क मार्ग से उनके घर से आधे घंटे की ...Read More
अदाकारा - 6
अदाकारा 6* बृजेशने ड्रग्स का बैग हाथ में लिया और पुलिस वैन में आकर पिछली सीट पर शर्मिला के बगल में बैठ गया। और बैग शर्मिला को दिखाते हुए उसने पूछा।"यह क्या है,शर्मिला जी?"शर्मिला उस सामान याने ड्रग्स के साथ रंगे हाथों पकड़ी गई थी।वह समझ गई थी कि अब वह खुद को बचाने के लिए कोई भी बहाने बाज़ी नहीं कर सकती थी।इसलिए,अपने बचाव मे कुछ भी कहने के बजाय, शर्मिलाने शर्म से अपनी आँखें नीची करके ज़मीन मे गढ़ाली।"आप मानो या न मानो,मैडम। लेकिन मुझे आप बहुत पसंद थीं।मैं आपको अपना आदर्श मानता था।"बृजेश निराश ...Read More