Adakaar - 22 in Hindi Crime Stories by Amir Ali Daredia books and stories PDF | अदाकारा - 22

Featured Books
Categories
Share

अदाकारा - 22

*अदाकारा 22*

       "उर्मि।अगर तुम यहाँ घर पर ही थी तो वो कौन थी जिसे मैंने अभी रिक्शे में जाते देखा?"

स्क्वायर गार्डन की लिफ्ट में चढ़ते ही सुनील ने उर्मिला से पूछा।

"वो मेरी जुड़वाँ बहन थी।"

जवाब में उर्मिला ने सुनील को अपने मोबाइल पर शर्मिला के साथ ली गई एक सेल्फी दिखाई।

"देखो है ना हम दोनों बिलकुल एक जैसी।"

सुनील शर्मिला को देखकर चौंक गया जो बिल्कुल उर्मिला जैसी ही दिखती थी।उसे यकीन नहीं हो रहा था कि दो अलग-अलग लोगों में इतनी समानताएँ हो सकती हैं।उसे अब भी शक था कि उर्मिला ने ये डबल-रोल फोटो किसी ऐप की मदद से या शीशे के सामने खड़े होकर ली होगी।इसलिए अपनी शंका दूर करने के लिए उसने उर्मिला से पूछा।

"तुमने बहुत अच्छी फोटो खींची है उर्मि।अब यह बताओ तुमने ये डबल-रोल फोटो किस ऐप से ली है।"

"ओय हीरो!ये किसी ऐप से बनाई या मिक्स की हुई तस्वीर नहीं है।असली वाली है।ये रियल में मेरी जुड़वाँ बहन शर्मिला है।"

उर्मिला के इस खुलासे पर सुनील का मुँह आश्चर्य से फैल गया।

"तुम क्या कह रही हो?मुझे अभी भी नहीं लगता कि दो अलग-अलग लोगों में इतनी समानता हो सकती है।वो क्या कर रही है?"

"वो हीरोइन बनना चाहती है।पिताजी फिल्मों में जूनियर आर्टिस्ट सप्लाई का काम करते हैं और इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं।उनके पहचान से उसे एक फिल्म भी मिली है।इसलिए वो रोज़ाना साढ़े दस बजे शूटिंग के लिए चली जाती हैं।तो तुने उसे रिक्शा में जाते हुए देखा होगा।"

लिफ्ट ग्यारहवो मंज़िल पर पहुँची।जहाँ उर्मिला फ्लैट नंबर 1103 में रहती थी।उर्मिला ने डोरबेल पर उंगली रखी और सुनील की धड़कन अचानक बढ़ने लगी।उसे डर लगने लगा कि वो उर्मिला के माता-पिता का सामना कैसे करेगा?

उर्मिला के पिता उत्तम ने दरवाज़ा खोला। उर्मिला ने सुनील को कोहनी मारी और उसके कान में फुसफुसायि।

"पापा हैं"

सुनील झुका और उत्तम के पैर छुए।

"इशबर तोमारा मंगला करुका।"

उत्तम के मुँह से उसकी मातृभाषा बंगाली में आशीर्वाद रूपी शब्द निकले।दरवाजे की घंटी की आवाज़ सुनकर मुनमुन भी रसोई से बैठक में आ गई।उर्मिला ने सुनील को इशारा किया।

"मम्मी।"

सुनील आगे बढ़ा और मुनमुन के पैर छूने लगा।लेकिन मुनमुन ने हाथ के इशारे से उसे रोक दिया और दो कदम पीछे हटते हुए बोली।

"अभी इसकी ज़रूरत नहीं है।पहले तुम फ्रेश हो जाओ।फिर हम कुछ सवाल जवाब करेंगे।"

"ठीक है मम्मीजी।"

सुनील ने शांत स्वर में कहा। लेकिन सुनील के मुँह से कहा गया मम्मी शब्द जैसे चुभा हो गया हो वैसे मुनमुन सिहर उठी उसने सुनील की तरफ़ कटु दृष्टि से देखा।

सुनील फ्रेश होकर अपने होने वाले सास ससुर के सामने बैठ गया और उनके द्वारा पूछे जाने वाले सवालों का इंतज़ार करने लगा।

पहला सवाल मुनमुन की तरफ़ से आया।

"क्या तुम सच में उर्मि से प्यार करते हो?"

"अगर नहीं करता तो मैं क्या यहाँ ज़ख मारने आया हूँ?"

ये शब्द सुनील के होठों तक पहुँच गए थे। लेकिन उसने उन्हें कड़वी दवा की तरह निगल लिये।

"हाँ।बिल्कुल करता हूँ।"

"कितना?"

मुनमुन मानो सुनील के धैर्य की परीक्षा ले रही थी।

चेहरे पर एक व्यंग्यात्मक मुस्कान के साथ उसने कहा।

"अगर तुम्हारे पास प्यार को नापने का कोई थर्मामीटर है तो तुम खुद ही नाप लो।"

मुनमुन को ऐसे जवाब की उम्मीद नहीं थी। उसने सुनील के चेहरे पर एक वैद्यक नज़र डाली।और कुछ कहने के लिए उसने अपने होंठ फड़फड़ाए।लेकिन उसके होठों से कुछ भी निकले उससे पहले ही सुनील बोल पड़ा।

"मैं कोई बजरंग बली नहीं हूँ।की में उनके जैसा अपना दिल खोलकर दिखा दु कि मैं उर्मिला से कितना प्यार करता हूँ।और मेरे दिल में उर्मिला के अलावा कोई नहीं है।"

मुनमुन के पास सुनील के इस तर्क का कोई जवाब नहीं था।तो उसने एयसी शर्त रखी मानो वह सुनील का नाक दबा रही हो।

"अगर तुम उर्मिला से शादी करना चाहते हो, तो तुम्हें हमारे साथ घर जवाई बनकर रहना होगा। कहो क्या यह मंज़ूर है?"

उर्मिला उत्तम और मुनमुन तीनो अब सुनील की तरफ गहरी निगाहों से देख रहे थे।और कानों को सतर्क कर लिए थे यह जानने के लिए कि सुनील इस शर्त पर क्या प्रतिक्रिया देगा।

(क्या सुनील मुनमुन की यह शर्त मान लेगा? या एक स्वाभिमानी इंसान की तरह इसे ठुकरा देंगा?जानने के लिए पढ़ते रहिए,)