*अदाकारा 38*
निर्देशक मल्होत्राने निर्माता जयदेव को फ़ोन करके स्टूडियो में हुई सारी बातें बताईं,जिससे निर्माता जयदेव चिंतित हो गए।
"मल्होत्रा अब क्या होगा?"
"शर्मिलाने फ़िल्म छोड़ी है तो अब टॉप की कोई और हीरोइन यह फिल्म नहीं करेंगी।"
मल्होत्रा ने जयदेव को असलियत समझा दी।
"प्लीज़ मल्होत्रा।ऐसी बाते ना करें कोई हल निकालो।"
"जयदेव जी।मैं रंजन को कुछ नहीं कह सकता तुम्हें ही उसे कुछ समझाना चाहिए। वरना अगर दूसरी कोई और हीरोइन मिल भी जाए तो वह भी रंजन के एटीट्यूड की वजह से नहीं टिकेगी।"
"मुझे पता है कि उसमें हीरो बनने योग्यता नहीं है लेकिन उसकी माँ की ज़िद के आगे मैं बेबस हूँ।तुम कुछ भी करके शर्मिला को मना लो मैं रंजन का दिमाग ठिकाने लाता हूं।"
जयदेवने मल्होत्रा से बात खतम की और रंजन का फ़ोन मिलाया।
"जी पापा।"
"कहाँ हो तुम?इस तरह से कैसे हीरो बन पाओगे?सेट पर अनुशासन में रहना सीखो।"
"पापा।मैंने कुछ नहीं किया।शर्मिला ही अपना मिजाज दिखाकर सेट छोड़ कर चली गई।"
रंजन ने अपने बचाव करते हुए कहा।
"तुम बार बार इतने सारे रीटेक लेते रहोगे तो क्या सामने वाला बोर नही हो जाएगा?अगर तुम शूट से पहले ठीक से रिहर्सल कर लोगे तो क्या तुम्हें और रीटेक नहीं लेने पड़ेंगे?"
"सॉरी पापा।ऐसा दोबारा नहीं होगा।"
रंजन ने अपनी गलती मानते हुए कहा। जयदेव गुस्से से बोला।
"सॉरी मुझे मत कहो।शर्मिला से कहो।"
"ठीक है पापा।मैं उसे भी कह दूँगा।"
"ठीक है तो अभी मल्होत्रा से मेरी बात कराओ।"
रंजन ने फ़ोन मल्होत्रा को दे दिया।
जयदेव ने मल्होत्रा से कहा।
"मैंने रंजन को समझा दिया है।अब तुम शर्मिला को मना लो और शूटिंग शुरू करो।"
"शर्मिला को मनाना काफी मुश्किल है लेकिन मैं कोशिश करता हु।"
शर्मिलाके मैनेजर निर्मल झा शर्मिला के कहने के मुताबिक तीन दिनों की शूटिंग का बिल लेने के लिए वहाँ खडा था।मल्होत्रा निर्मल झा को एक तरफ ले गए और बोले।
"निर्मलभाई,यह फिल्म तो मैडम को ही करनी है।अब आप ही कोई रास्ता बताइए।"
लेकिन निर्मलने इन्कार करते हुए बोला।
"कमान से छुटा हुआ तीर वापस आ सकता है लेकिन मैडम की ना को'हाँ' में को बदलना संभव नहीं है।"
"कुछ करो।भई यह 'हो गए बर्बाद' की स्टोरी मैडम को ध्यान में रखकर ही लिखी गई है। अगर मैडम यह फिल्म नहीं करेंगी तो हमें भी पूरा प्रोजेक्ट कैंसल करना पड़ेगा।"
कहते कहते मल्होत्रा इमोशनल हो गया। मल्होत्रा की आवाज़ में आई नमी देखकर निर्मल सोच में पड़ गया।
वह बोला।
"क्या रंजन मैडम से माफ़ी माँगेंगा?"
"रंजन क्या उसका बाप भी माफ़ी मांगेगा। आप सिर्फ मैडम को मना लो।"
"ठीक है। कन्फर्म तो नही कह सकता।लेकिन मैं कोशिश करता हूँ।"
निर्मलने मल्होत्रा को आश्वासन दिलाया।फिर उसने शर्मिला को फ़ोन किया।
शर्मिला ने फ़ोन उठाते हुए कहा।
"कल घर आकर मुझे चेक दे देना।"
शर्मिला को लगा निर्मलने चेक कलेक्ट कर लिया है इसलिए उसने फ़ोन किया होगा। लेकिन निर्मल ने तो कुछ ओर ही कहा।
"मैडम।मल्होत्राने चेक नहीं दिया है लेकिन वो समझौता करके शूटिंग जारी रखना चाहते हैं।"
"क्या बकवास है?हमारा उनसे तो कोई झगड़ा नहीं है तो समझौता किस बात का?"
"मैडम।मल्होत्रा रोने लगे थे।वो आपके साथ ही ये फ़िल्म बनाना चाहते हैं।वो कह रहे थे कि अगर शर्मिला मैडम ये फ़िल्म नहीं करेंगी, तो वो पूरा प्रोजेक्ट ही बंध कर देंगे।"
शर्मिला ने कुछ पल सोचा और फिर बोलीं।
"लेकिन हमारी समस्या रंजन से है।उसका क्या?"
"वो आपसे सॉरी कहेगा।"
“सिर्फ सॉरी से काम नही चलेगा।हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वह फिर से इस तरह फालतू में समय बर्बाद न करे ठीक है ना?”
शर्मिलाने अपनी ओर से जो कहना था वह कह दिया।
तो निर्मल ने कहा।
“अगर मल्होत्रा और रंजन इस बात की गारंटी दे दें,तो यह काफी है ना?”
“हाँ।हमें कहा ये फ़िल्में छोड़नी अच्छी लगती है।लेकिन चूँकि वह निर्माता का बेटा है इसलिए वो हमें कुछ भी अनाप शनाप बोल दे यह में बर्दाश्त हरगिज़ नहीं करूंगी ठीक है?”
“ठीक है,मैं मल्होत्रा को फ़ोन दूँ?”
निर्मल ने डरते हुए पूछा।
“जी दीजिए।”
शर्मिला ने लाल सिग्नल दिया।तो निर्मल ने मल्होत्रा के हाथों में फ़ोन दे दिया।
मल्होत्रा ने धीमी आवाज़ में कहा।
“मैडम।प्लीज़ कल से फिर से शूटिंग करें।”
“और रंजन का क्या?मुझे उससे समस्या है, तुमसे नहीं।”
“ल्यो।वह तुमसे कुछ कहना चाहता है।उससे बात करो।”
अब मल्होत्रा ने फ़ोन रंजन को दे दिया।रंजन ने बहुत धीरे से नम्रता पूर्ण आवाज़ में कहा।
“ "शर्मिलाजी मुझे माफ़ करना।मैं प्रॉमिस करता हूँ।अब से कोई प्रोबलेम नहीं होगा।मैं शूटिंग से पहले अच्छी तरह रिहर्सल कर लूंगा।"
तो शर्मिला उसे प्रोत्साहित करते हुए बोली।
"गुड बॉय। तो फिर हम कल से फिर से एक बार शूट शुरू करते है।मिलते है कल सेट पर।”
(क्या*हो गए बरबाद*मूवी किसी भी समस्या के बगैर पूरी हो जायेगी?जानने के लिए पढ़ते रहिए)