*अदाकारा 50*
*हो गए बर्बाद*
के सेट पर बज रहे संगीत की धुन पर धीरेधीरे नाच रहे शर्मिला ओर रंजन कदम से कदम ताल करते हुए शॉट दे रहे थे।
रंजन अब शर्मिला को पाने के लिए उतावला ओर बेचैन हुआ जा रहा था।
कल रात मयूरने दी हुई सलाह के अनुसार उसने एक बार शर्मिला के ब्रेस्ट को अपनी उंगली से छु तो लिया था।लेकिन शर्मिलाने भी अपनी कड़क आँखों से उसे देख कर उस स्पर्श के प्रति अपनी नाराजगी ज़ाहिर की थी।
अब दूसरी बार वो दोनों शॉट देने के लिए तैयार थे।
मल्होत्रा ने फिर से कहा।
"कैमरा।
लाइट।
एक्शन।"
शर्मिला और रंजन फिर से उसी मुद्रा में शर्मिला आगे ओर रंजन पीछे इस तरह खड़े थे।जैसे ही उन्होंने मल्होत्रा के मुँह से "एक्शन" शब्द सुना।फिर से दोनों।बाएँ से दाएँ और दाएँ से बाएँ कदम ताल करते हुए डांस करने लगे। रंजन का ध्यान कदम उठाने से ज़्यादा शर्मिला के कदम के साथ साथ उसके हिलते डुलते अंगों पर था।अब वह किसी भी तरह जल्द से जल्द शर्मिला को पाना चाहता था उसके जिस्म का आनंद लेना चाहता था।
उसने डांस स्टेप करते हुए फिर वही हरकत दोहराई जो उसने पिछली बार की थी।उसने शर्मिला के उरूज़ को फिर से अपनी उंगलियों से छुआ।डांस स्टेप करते हुए शर्मिला एक बार फिर खड़ी हो गईं।रंजनने चालाकी से पीछे हटकर अनजान बनते हुए ऐसा बिहेवियर किया जैसे कुछ हुआ ही न हो।इस बार भी शर्मिला को लगा कि हो सकता है रंजन की उंगलियों का स्पर्श अनजाने में ही हुआ होगा।
इस बार उसने कॉफ़ी पीने के लिए ब्रेक लेना उचित समझा।
शर्मिलाने मल्होत्रा से कहा।
"सर कॉफ़ी मँगवा दीजिए ताकि हम कॉफ़ी पीकर यह डांस शॉट पूरा कर सकें।"
"ठीक है।बॉय।मैडम ओर रंजन के लिए कॉफ़ी और मेरे चाय ले आइए।"
आधे घंटे के ब्रेक के बाद शर्मिला और रंजन फिर से शूटिंग के लिए तैयार थे।
रंजन पहले की तरह शर्मिला के पीछे आकर खड़ा हो गया था।
निर्देशक ने फिर से आवाज़ लगाई।
"लाइट्स।
कैमरा।
एक्शन।"
और धीरे-धीरे फिर संगीत बजने लगा।
रंजन और शर्मिला वे संगीत की लय पर नाचने लगे।
लेकिन रंजन आज पूरी तरह से अपना आपा मानो खो बैठा था।पिछले तीन महीने से वो इस फिल्म को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा था। मगर अब मानो वो उन पर पानी फेरने के लिए तैयार हो गया था।
लगातार तीसरी बार बाएँ-दाएँ स्टेप करते हुए, रंजनने फिर से एक बार शर्मिला के सीने को अपनी उंगलियों से छुआ।पहली दो बार तो शर्मिलाने रंजन की उस बेवकूफी भरी हरकत को नज़रअंदाज़ कर दिया था यह सोच कर की शायद अनजाने में उसकी उंगलियां लग गई होगी और उसे नज़र अंदाज़ कर दिया था।
लेकिन इस बार वह गुस्से से तिलमिला उठी वह तेजी से पीछे मुड़ी।और उसने रंजन के गाल पर ज़ोरदार तमाचा जड़ दिया।
सेट पर सन्नाटा सा छा गया।
"क्या….क्या हुआ मैडम?"
मल्होत्राने चौंककर पूछा।
"यह सवाल तुम्हारे इस कमीने हीरो से पूछो।"
शर्मिला चीखते हुए बोली।
"मैंने…मैंने क्या किया?"
रंजनने अंजान बनने की कोशिश करते हुए भोली सी सूरत बनाते हुए पूछा।
"मैंने क्या किया?एक और दु क्या खींचकर?"
शर्मिलाने फिर मार ने के लिए अपना हाथ उठाया।रंजन डर के मारे दो कदम पीछे हट गया।
और हकलाती हुई आवाज़ में बोला।
"वो तो मैडम अनजाने में मेरी उंगली टच हो गई।"
"एक बार गलती हो सकती है।दो बार हो सकती लेकिन अगर जब बार-बार होती है तो वह गलती नहीं बल्कि मन का मैल होता हे समझे?और ये थप्पड़ को हमेशा याद रखना।"
यह कहकर शर्मिला सेट छोड़ कर जाने लगीं।
अब रंजनने भी अपना रंग दिखाया।
उसने भी दाँत पीसते हुए कहा।
"याद रखूंगा।इस थप्पड़ को में अच्छी तरह याद रखूँगा और इस थप्पड़ की कीमत ब्याज समेत तुझसे वसूल करूँगा।"
"जा।जा।तुझसे जो बन पड़े कर लेना।"
यह कहते हुए शर्मिलाने अपने कदम सेट से जाने के लिए बढ़ाए।
इस बार मल्होत्राने उसे रोकने की नाकाम कोशिश की।
"प्लीज़ मेरी बात सुनये शर्मिला जी।"
लेकिन शर्मिला मल्होत्रा की बात सुने बिना ही चली गईं।
जब शर्मिला बिना कुछ कहे चली गईं तो मल्होत्राने रंजन से पूछा।
"भाई तुमने ऐसा क्या किया कि वह इतनी नाराज़ होकर तुम्हें थप्पड़ मार कर चली गईं?"
"अरे सर।मैंने तो केवल अपनी उंगली से उनके ब्रेस्ट को छुआ था।उसमें इतना एटीट्यूड दिखाने की या ऐसा बखेड़ा खड़ा करने की क्या ज़रूरत थी?इतनी छोटी सी बात पर वह मुझ पर कीतना भड़क गईं?"
रंजनने इस तरह कहा जैसे किसी औरत को उसकी मर्ज़ी के खिलाफ छूना कोई मामूली बात हो।मल्होत्रा रंजन को बड़ी-बड़ी आँखे कर के देखने लगा।
"क्या तुम्हें ऐसा लगता है कि यह कोई छोटी सी बात है?पड़ा ना गाल पर थप्पड़?"
रंजनने अपने हाथ गाल पर फेरते हुए कहा।
"मैं उस साली को नहीं छोड़ूँगा।मेरे साथ पंगा लेने की गलती उसे बहुत भारी पड़ेगी।"
"और मुझे लगता हे कि तुम्हारी इस नासमझी की कीमत इस फिल्म को भारी पड़ेगी।"
मल्होत्रा भड़ास निकालते हुए बोला।
(क्या शर्मिला अब यह फिल्म पूरी करेंगी?या ये फिल्म बीच में ही लटक के रह जायेगी? जानने के लिए अगला एपिसोड पढ़ें)