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https://youtu.be/WRuvN3RCYiQ?si=QZFp_naIN6rafeDu🌅 Imagine – Happy New Year 2026 Song Scene

कल्पना कीजिए…

सुबहे-सुबहे हल्की सुनहरी धूप आसमान में फैल रही है।
ठंडी हवा चेहरे को छूते हुए एक नई शुरुआत का एहसास करा रही है।

लोग छतों पर खड़े हैं—हाथों में खुशियों की चमक,
बच्चे हँसते हुए रंग-बिरंगी पटाखों की स्पार्कलर चला रहे हैं।

सड़कों पर हल्की सजावट,
लाइटों की टिमटिमाहट…
हर घर के बाहर "Happy New Year 2026" की रंगीन लाइटें चमक रही हैं।

आप कैमरे के सामने खड़े हैं—
चेहरे पर आत्मविश्वास, आँखों में सपने,
और धीमी हवा में आपकी जैकेट हल्के-हल्के लहर रही है।

जैसे ही म्यूज़िक शुरू होता है—
आस-पास के दोस्त, परिवार, भाई-बहन सब एक साथ
3…2…1…
की गिनती करते हैं।

फिर पूरा माहौल एक साथ चिल्लाता है—
"Happy New Year 2026!!!"

आकाश में रंगीन आतिशबाज़ी फटती है,
चिंगारियों की रोशनी सबके चेहरों पर पड़ती है,
और लगता है जैसे पूरा आसमान आपके सपनों के लिए रास्ता खोल रहा हो।

कैमरा ऊपर उठता है—
तारों से भरा आसमान, नीचे खुशियों से भरा शहर,
और बीच में आप—
नए साल की नई उम्मीदों के साथ मुस्कुराते हुए।

rajukumarchaudhary502010

https://youtu.be/WRuvN3RCYiQ?si=QZFp_naIN6rafeDu🌅 Imagine – Happy New Year 2026 Song Scene

कल्पना कीजिए…

सुबहे-सुबहे हल्की सुनहरी धूप आसमान में फैल रही है।
ठंडी हवा चेहरे को छूते हुए एक नई शुरुआत का एहसास करा रही है।

लोग छतों पर खड़े हैं—हाथों में खुशियों की चमक,
बच्चे हँसते हुए रंग-बिरंगी पटाखों की स्पार्कलर चला रहे हैं।

सड़कों पर हल्की सजावट,
लाइटों की टिमटिमाहट…
हर घर के बाहर "Happy New Year 2026" की रंगीन लाइटें चमक रही हैं।

आप कैमरे के सामने खड़े हैं—
चेहरे पर आत्मविश्वास, आँखों में सपने,
और धीमी हवा में आपकी जैकेट हल्के-हल्के लहर रही है।

जैसे ही म्यूज़िक शुरू होता है—
आस-पास के दोस्त, परिवार, भाई-बहन सब एक साथ
3…2…1…
की गिनती करते हैं।

फिर पूरा माहौल एक साथ चिल्लाता है—
"Happy New Year 2026!!!"

आकाश में रंगीन आतिशबाज़ी फटती है,
चिंगारियों की रोशनी सबके चेहरों पर पड़ती है,
और लगता है जैसे पूरा आसमान आपके सपनों के लिए रास्ता खोल रहा हो।

कैमरा ऊपर उठता है—
तारों से भरा आसमान, नीचे खुशियों से भरा शहर,
और बीच में आप—
नए साल की नई उम्मीदों के साथ मुस्कुराते हुए।

rajukumarchaudhary502010

https://youtu.be/WRuvN3RCYiQ?si=QZFp_naIN6rafeDu🌅 Imagine – Happy New Year 2026 Song Scene

कल्पना कीजिए…

सुबहे-सुबहे हल्की सुनहरी धूप आसमान में फैल रही है।
ठंडी हवा चेहरे को छूते हुए एक नई शुरुआत का एहसास करा रही है।

लोग छतों पर खड़े हैं—हाथों में खुशियों की चमक,
बच्चे हँसते हुए रंग-बिरंगी पटाखों की स्पार्कलर चला रहे हैं।

सड़कों पर हल्की सजावट,
लाइटों की टिमटिमाहट…
हर घर के बाहर "Happy New Year 2026" की रंगीन लाइटें चमक रही हैं।

आप कैमरे के सामने खड़े हैं—
चेहरे पर आत्मविश्वास, आँखों में सपने,
और धीमी हवा में आपकी जैकेट हल्के-हल्के लहर रही है।

जैसे ही म्यूज़िक शुरू होता है—
आस-पास के दोस्त, परिवार, भाई-बहन सब एक साथ
3…2…1…
की गिनती करते हैं।

फिर पूरा माहौल एक साथ चिल्लाता है—
"Happy New Year 2026!!!"

आकाश में रंगीन आतिशबाज़ी फटती है,
चिंगारियों की रोशनी सबके चेहरों पर पड़ती है,
और लगता है जैसे पूरा आसमान आपके सपनों के लिए रास्ता खोल रहा हो।

कैमरा ऊपर उठता है—
तारों से भरा आसमान, नीचे खुशियों से भरा शहर,
और बीच में आप—
नए साल की नई उम्मीदों के साथ मुस्कुराते हुए।

rajukumarchaudhary502010

Dr. Damyanti Bhatt: गीता जयंति की हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐💐🙏🙏🙏🌹🙏🌹
संजय ने कहा,
करूणा से व्याप्त, अश्रुपूर्ण नयनों से,
अर्जुन ने श्री कृष्ण से कहा,
नहीं लड़ना चाहता मैं हे केशव! यह धर्मयुद्ध, आचार्य पिता मह,गुरु उनसे में कैसे लड़ु?जिन्होंने ही मुझे बाण चलना सिखाया कैसे यह महापातक करूं? इससे तो अच्छा है, मैं अपना जीवन भिक्षा में व्यतीत करूं।
नहीं लड़ना चाहता मैं।
ऐसा कहकर मौन हुआ जब अर्जुन ,
तब मुस्कुराए मधुसुधन!
तू बड़ा विद्वान हो गया बातें करने लगा शाण पनकी, बल्कि विद्वान पुरुष कभी शोक नहीं किया करते हैं, यह देहमें बचपन, युवानी ,जरा- मरण आया जाया करते हैं, जैसे सुख-दुख, शीत -गरमी आया जाया करते हैं,
वैसे जन्म मृत्यु का नित्यक्रम चलता रहता है, इसमें शॉक कैसा? तुम क्षत्रिय हो,युद्ध कर।
नहीं आत्मा का जन्म होता और
ना मृत्यु, जैसे मनुष्य पुराने वस्त्रों को फेंक कर नयाधारण करता है वैसे शरीर पुराना त्याग कर, नया दे प्राप्त करता है, इसमें शोक कैसा? तुम क्षत्रिय हों, युद्ध कर!
नहीं आत्मा किसी से मरता है, नहीं जन्म पामता, नासमझ है वह लोग जो इसे नहीं मानते, यह आत्मा अविनाशी अजर अमर सनातन है,तुम क्षत्रिय हो,युद्ध कर।
सुख दुख ,लाभ -अ लाभ, जय पराजय, में
समत्व बुद्धि धारण करें और साधना अविरत करें फलश्रुति की अपेक्षा ना करें, उसको कर्म बंधन क्या नडे ?जो अपना सब कुछ मुझ को समर्पित करें, स्वयं समाधि में स्थिर रहे वही मेरी नजर में स्थित प्रज्ञ है,"गीता"
तुम क्षत्रिय हो,युद्ध कर।
✍️...© drdhbhatt

drbhattdamayntih1903

Pujya Niruma's Birthday

We promise to stay in utmost humility and oneness with each and every living being in this world.

To know more about Pujya Niruma, please visit: https://dbf.adalaj.org/sqaDOqeG

#birthday #happybirthday #birthdayvibes #DadaBhagwanFoundation

dadabhagwan1150

🙏🙏જે પૈસા માટે 'હવા પાણી' દૂષિત કરતાં માણસ તું અચકાતો નથી.

જ્યારે તે જ પૈસાથી ખરીદવા પડશે હવા પાણી ત્યારે તેનું 'મૂલ્ય' સમજાશે તને.🦚🦚

⏳રાષ્ટ્રીય પ્રદૂષણ નિયંત્રણ દિવસ 💡

parmarmayur6557

शब्दों की आवाज़

जिन्हें शब्दों की आवाज़ सुनाई नहीं देती,
वो इंसान की आवाज़ क्या सुनेंगे?
जिनकी आत्मा सोई है पत्थर बनकर,
वो दर्द की धड़कन क्या सुनेंगे?

जो अक्षरों में आग नहीं पहचानते,
उन्हें सच की गर्मी क्या छू पाएगी?
जो खामोशी में भी शोर नहीं पढ़ते,
उन्हें चीख़ की भाषा क्या समझ आएगी?

जिनकी आँखों में मतलब मर चुका है,
वो आँसुओं की इबारत क्या पढ़ेंगे?
जिन्हें शब्दों की आवाज़ सुनाई नहीं देती,
वो इंसान की आवाज़ क्या सुनेंगे?

और जो सुनते हैं शब्दों की सरगोशी,
वो ही ज़मीर की साज सुनाते हैं,
वो हर टूटी आवाज़ को जोड़कर,
इंसानियत को फिर जिंदा कर जाते हैं।

आर्यमौलिक

deepakbundela7179

मोहब्बत और ज़िन्दगी

वो मोहब्बत को जितने निकले हैं,
वो ज़िन्दगी में बीतने निकले हैं।

ख्वाबों की झोली भर लाए थे,
पर नींद में ही रीतने निकले हैं।

जिसे जीत समझा था बाज़ी में,
वो खुद से ही हारने निकले हैं।

हर मोड़ पे शीशे टूटे हैं,
फिर भी मुस्कानों को सीतने निकले हैं।

इश्क़ का पंछी ऊँचा उड़ा,
पर पंख जमीं में गींतने निकले हैं।

वो जिनको फ़तह का गुमान था,
वो वक़्त से ही सीखने निकले हैं।

मोहब्बत में जो सब हार गए,
अक्सर वही खुद को पाने निकले हैं।

आर्यमौलिक

deepakbundela7179

तेरी मोहब्बत ने दिल का नक्शा ही बदल दिया,
हर दर्द को जैसे नेमतों में उगल दिया।

तेरे होने से रूह में ऐसी ख़ामोशी उतरी,
ख़ुदा भी मुझमें कुछ पल ठहर गया।
#डॉअनामिका

rsinha9090gmailcom

કોણ યાદ રાખશે તને,
એવું તે શું છે તારામાં…
ક્યારેક મન પોતાને પૂછે,
તું શું છે પોતાની ઓળખમાં…

શાંત પળોમાં અંદર કહેશે,
“હું તારો જ સહારો છું.”

અંધારું આવે ત્યારે પણ,
તારું અંતર જ પ્રકાશનું વ્હાલું સૂત્ર છું.

જવાબ બધાં મારી અંદર જ છે…
મારી ઓળખનો પ્રકાશ પણ અંદર જ છે…

heenagopiyani.493689

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं
पूरी कविता का वीडियो देखिए
https://youtu.be/1xxFwdwruMU?si=cp34P1QLuvWbab7a

mamtatrivedi444291

🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏
🌹आपका दिन मंगलमय हो 🌹

sonishakya18273gmail.com308865

दिल के रहस्य - Dil ke Rahasya❤️ दिल के रहस्य – पार्ट 5

शीर्षक: खतरा और दिल की दास्तान

जैसे ही अजनबी नज़दीक आया, नीरव ने आर्या का हाथ कसकर पकड़ा और उसे कैंटीन के पीछे छुपा लिया। दिल की धड़कनें तेज़ थीं, और डर साफ़ महसूस हो रहा था।

“आर्या, अब संभल कर!” नीरव ने फुसफुसाया।

अजनबी ने नीरव की तरफ घूरते हुए कहा, “तुम्हारे राज़ को अब छुपाना मुश्किल होगा। मैं तुम्हें चेतावनी दे रहा हूँ।”

आर्या ने महसूस किया कि नीरव का डर वास्तविक था। लेकिन उसी समय, नीरव ने उसे धीरे से अपनी ओर खींचा। उनके चेहरे बहुत करीब थे, और डर के बीच रोमांस की हल्की चमक भी थी।

नीरव ने धीरे से कहा, “आर्या, तुम्हें सब सच बता दूँ?”

आर्या ने हौले से सिर हिलाया। “हां… मुझे जानना है।”

नीरव ने अपना पहला राज़ खोला:

> “मेरी फैमिली पर कभी हमला हुआ था, और मैं हमेशा सतर्क रहता हूँ कि वही खतरा मुझे और मेरे दोस्तों तक न पहुँचे। यही कारण है कि मैं बहुत कुछ छुपाता हूँ। लेकिन अब मैं चाहूँगा कि तुम मेरी कहानी का हिस्सा बनो।”



आर्या के दिल में डर और विश्वास दोनों उमड़ रहे थे। उसने नीरव का हाथ कसकर पकड़ा और कहा, “मैं तुम्हारे साथ हूँ, चाहे कुछ भी हो।”

अजनबी ने देखा कि नीरव अकेला नहीं है। वह कुछ पल ठहरा, फिर धीरे-धीरे वहां से चला गया।

आर्या और नीरव की नज़दीकियाँ बढ़ चुकी थीं, लेकिन खतरा अभी भी छुपा हुआ था।

क्या अजनबी फिर लौटेगा? और क्या आर्या और नीरव इस खतरे का सामना कर पाएंगे?

rajukumarchaudhary502010

❤️ दिल के रहस्य – पार्ट 2

शीर्षक: पहली दोस्ती, पहला रहस्य

अगले दिन, आर्या कॉलेज पहुँचते ही महसूस कर रही थी कि नीरव की छवि उसके दिमाग़ से गायब नहीं हो रही। हर क्लास में उसकी नजरें कहीं न कहीं उसे ढूंढतीं।

क्लास में बैठते ही अचानक नीरव उसके सामने आ खड़ा हुआ। “आजकल तुम्हें बहुत परेशान देख रहा हूँ… क्या सब ठीक है?” उसने धीरे से पूछा।

आर्या मुस्कराई। “ठीक हूँ, बस नए माहौल में थोड़ी अजीब सी लग रही है।”

नीरव ने हँसते हुए कहा, “तुम्हें जल्दी एडजस्ट होना पड़ेगा। वैसे, मैं मदद कर सकता हूँ।”

आर्या ने उसकी ओर देखा। उसका अंदाज, उसकी मुस्कान, सब कुछ उसे आरामदेह लग रहा था। शायद यही पहली दोस्ती की शुरुआत थी।

दिन भर वे छोटे-छोटे ग्रुप एक्टिविटी में एक-दूसरे के करीब आए। आर्या ने महसूस किया कि नीरव में सिर्फ मिस्ट्री नहीं, बल्कि एक दयालु और समझदार इंसान भी है।

लेकिन शाम को, जब क्लास खत्म हुई और लोग निकलने लगे, नीरव अचानक आर्या की ओर झुककर कुछ कहने वाला था… पर तभी उसके फोन की घंटी बज गई।

आर्या ने गौर से सुना, और महसूस किया कि नीरव ने कुछ अनकहा रहस्य उसे बताना चाहा।

क्या नीरव कोई राज़ छुपा रहा है? और क्या आर्या उसके राज़ को जान पाएगी?

❤️ दिल के रहस्य – पार्ट 3

शीर्षक: पहला राज़ और पहला ट्विस्ट

अगले दिन, कॉलेज का माहौल सामान्य था, लेकिन आर्या की नींद नहीं खुल रही थी। नीरव का वो रहस्य उसके दिमाग़ में बार-बार घूम रहा था।

लंच ब्रेक में नीरव अचानक उसके पास आया। “आर्या, कुछ दिखाना है तुम्हें। ये सिर्फ तुम्हारे लिए…” उसने अपनी जेब से एक छोटा नोटबुक निकालकर दिखाया।

आर्या ने हैरानी से पूछा, “ये क्या है?”

नीरव ने धीरे से कहा, “ये मेरी डायरी का एक पन्ना है। इसमें कुछ बातें हैं जो मैंने कभी किसी को नहीं बताई। मैं चाहता हूँ कि तुम समझो…”

आर्या ने हौले से पन्ना पढ़ना शुरू किया।

> “मैं कॉलेज में दिखाने जितना सामान्य नहीं हूँ। मेरे पास एक राज़ है… मेरी फैमिली में कुछ ऐसा हुआ है, जिसकी वजह से मैं हमेशा सतर्क रहता हूँ। मुझे डर है कि लोग इसे समझेंगे नहीं…”



आर्या की आँखों में आश्चर्य और थोड़ी चिंता दोनों थी। वह जान गई कि नीरव सच में अलग है और उसका रहस्य शायद बड़ा है।

तभी नीरव ने उसके हाथ को हल्का सा पकड़ा और कहा,
“आर्या, मैं चाहता हूँ कि तुम मेरी दोस्त बनो… लेकिन ये राज़ अभी और समय लेगा खुलने में।”

आर्या ने मुस्कान दी और कहा, “ठीक है… मैं रहस्य के लिए तैयार हूँ।”

लेकिन जैसे ही वे दोनों हँसते हुए वहां खड़े थे, कॉलेज के गेट पर एक अजनबी आया और नीरव की ओर गंभीर नजरों से देखा।

क्या आर्या का नया दोस्त सच में सुरक्षित है? और ये अजनबी कौन है जो नीरव के राज़ को जानता है?
❤️ दिल के रहस्य – पार्ट 4

शीर्षक: खतरा और बढ़ती नज़दीकियाँ

अगली सुबह, आर्या कॉलेज पहुंची तो उसने देखा कि नीरव कुछ चिंतित लग रहा था। उसकी आँखों में हल्की चिंता थी, जो पहले कभी नहीं देखी थी।

“क्या हुआ?” आर्या ने पूछा।

नीरव ने धीरे से कहा, “कल जो अजनबी गेट पर खड़ा था… वह मेरे अतीत से जुड़ा है। मैं नहीं चाहता कि तुम परेशान हो, लेकिन शायद हमें सतर्क रहना पड़े।”

आर्या की धड़कन तेज़ हो गई। खतरा नज़दीक था, और अब सिर्फ दोस्ती ही नहीं, बल्कि सुरक्षा भी मायने रखती थी।

दिनभर क्लास में आर्या और नीरव एक-दूसरे के करीब आने लगे। छोटे-छोटे पल – साथ में किताबें उठाना, कॉफी ब्रेक में बातचीत, और कभी-कभी नजरों का टकराना – सब रोमांस की मिठास बढ़ा रहा था।

लेकिन दोपहर को, जब कॉलेज का कैंटीन खाली था, वही अजनबी फिर दिखाई दिया। उसने नीरव की तरफ तेज़ कदम बढ़ाए।

नीरव ने आर्या की ओर देखा और फुसफुसाया, “छिपो, जल्दी।”

आर्या ने उसके हाथ को पकड़ लिया। उस पल, डर और रोमांस दोनों एक साथ महसूस हो रहे थे।

अजनबी ने नीरव को कुछ कहा, और नीरव के चेहरे का रंग बदल गया।
“ये वही है जिसकी वजह से मैं हमेशा सतर्क रहता हूँ…” नीरव ने धीरे से कहा।

क्या यह अजनबी नीरव के राज़ को उजागर कर देगा? और क्या आर्या इस खतरे से बच पाएगी?❤️ दिल के रहस्य – पार्ट 5

शीर्षक: खतरा और दिल की दास्तान

जैसे ही अजनबी नज़दीक आया, नीरव ने आर्या का हाथ कसकर पकड़ा और उसे कैंटीन के पीछे छुपा लिया। दिल की धड़कनें तेज़ थीं, और डर साफ़ महसूस हो रहा था।

“आर्या, अब संभल कर!” नीरव ने फुसफुसाया।

अजनबी ने नीरव की तरफ घूरते हुए कहा, “तुम्हारे राज़ को अब छुपाना मुश्किल होगा। मैं तुम्हें चेतावनी दे रहा हूँ।”

आर्या ने महसूस किया कि नीरव का डर वास्तविक था। लेकिन उसी समय, नीरव ने उसे धीरे से अपनी ओर खींचा। उनके चेहरे बहुत करीब थे, और डर के बीच रोमांस की हल्की चमक भी थी।

नीरव ने धीरे से कहा, “आर्या, तुम्हें सब सच बता दूँ?”

आर्या ने हौले से सिर हिलाया। “हां… मुझे जानना है।”

नीरव ने अपना पहला राज़ खोला:

> “मेरी फैमिली पर कभी हमला हुआ था, और मैं हमेशा सतर्क रहता हूँ कि वही खतरा मुझे और मेरे दोस्तों तक न पहुँचे। यही कारण है कि मैं बहुत कुछ छुपाता हूँ। लेकिन अब मैं चाहूँगा कि तुम मेरी कहानी का हिस्सा बनो।”



आर्या के दिल में डर और विश्वास दोनों उमड़ रहे थे। उसने नीरव का हाथ कसकर पकड़ा और कहा, “मैं तुम्हारे साथ हूँ, चाहे कुछ भी हो।”

अजनबी ने देखा कि नीरव अकेला नहीं है। वह कुछ पल ठहरा, फिर धीरे-धीरे वहां से चला गया।

आर्या और नीरव की नज़दीकियाँ बढ़ चुकी थीं, लेकिन खतरा अभी भी छुपा हुआ था।

क्या अजनबी फिर लौटेगा? और क्या आर्या और नीरव इस खतरे का सामना कर पाएंगे?

rajukumarchaudhary502010

“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 2”

विकास और अनामिका की जिंदगी फिर से सामान्य हो रही थी। बच्चों की पढ़ाई, घर और कामकाज के बीच दोनों ने अपनी खुशियों को छोटे-छोटे पलों में ढूंढना शुरू किया। लेकिन जैसे ही सब कुछ ठीक लग रहा था, विकास के ऑफिस में अचानक एक नई परियोजना आई, जो उसकी पूरी ऊर्जा मांग रही थी।

इस दौरान, अनामिका ने एक बड़ी पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लिया और उसका काम देश भर में सराहा गया। उसकी प्रसिद्धि बढ़ने लगी, और उसे अक्सर बाहर रहने के लिए बुलाया जाने लगा।

विकास और अनामिका दोनों व्यस्त थे, और धीरे-धीरे उनकी जिंदगी फिर से उलझन में आ गई। एक दिन, विकास ने देखा कि अनामिका ने उसके जन्मदिन पर कोई संदेश नहीं भेजा। दिल टूट सा गया।
“क्या मैं अब उसके जीवन में उतना अहम नहीं हूँ?” वह सोचने लगा।

अनामिका भी अपने मन में यही सवाल कर रही थी। उसने सोचा, “विकास बहुत थका हुआ है, शायद वह मेरी खुशी में खुश नहीं है।”

तभी कहानी में ट्विस्ट आया। विकास के ऑफिस में एक नई महिला कर्मचारी आई – स्नेहा। स्नेहा बहुत दोस्ताना और खुशमिजाज थी। विकास ने पहले तो सोचा कि वह सिर्फ मददगार है, लेकिन धीरे-धीरे उसके साथ अधिक समय बिताने लगा।

अनामिका ने यह महसूस किया और अंदर से थोड़ा डरने लगी। उसने विकास से सीधे सवाल किया,
“विकास, क्या हम कहीं खो रहे हैं?”

विकास ने कुछ देर चुप रहकर कहा,
“अनामिका, कभी-कभी मैं समझ नहीं पाता कि कैसे दोनों चीज़ें—काम और घर—साथ में निभाऊँ। लेकिन मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता।”

तभी अनामिका ने मुस्कुराते हुए कहा,
“तो हम फिर से शुरुआत करते हैं। अपने प्यार को प्राथमिकता देंगे, चाहे कितना भी काम क्यों न हो।”

दोनों ने तय किया कि रोज़ कम से कम आधा घंटा सिर्फ एक-दूसरे के लिए निकालेंगे। धीरे-धीरे, स्नेहा की मौजूदगी भी सिर्फ एक पेशेवर दोस्ती में बदल गई।

कुछ महीने बाद, विकास ने अनामिका को सरप्राइज दिया। उसने उनके पुराने कॉलेज वाले पार्क में एक छोटे-से कैम्पिंग ट्रिप का इंतजाम किया। वहाँ, दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया और कहा,
“हमारी जिंदगी में उतार-चढ़ाव आए, लेकिन हम हमेशा साथ रहे। यही असली प्यार है।”

और इस तरह, विकास और अनामिका ने साबित किया कि सच्चा प्यार वही है जो मुश्किल समय में भी डगमगाए नहीं, बल्कि और मजबूत हो जाए।
“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 3”

कुछ साल बाद, विकास और अनामिका की जिंदगी फिर से स्थिर लग रही थी। बच्चों की पढ़ाई अच्छी चल रही थी, और दोनों ने अपनी-अपनी काम में संतुलन बना लिया था। लेकिन तभी अचानक एक बड़ा संकट आया।

अनामिका की पुरानी दोस्त, नीहा, शहर में वापस आई। नीहा और अनामिका कॉलेज की दोस्त थीं, लेकिन विकास को नीहा के साथ अनामिका की दोस्ती कभी अच्छी नहीं लगी थी। नीहा ने अनामिका से मिलने के बहाने घर पर आए और धीरे-धीरे विकास के सामने उसके काम की तारीफ करने लगी।

विकास ने यह देखा और पहली बार अंदर से असुरक्षित महसूस किया। उसने अनामिका से कहा,
“अनामिका, मुझे डर है कि कहीं तुम्हारे पुराने दोस्त हमारी खुशियों में खलल न डाल दें।”

अनामिका ने गंभीर होकर कहा,
“विकास, मैं तुम्हारे लिए चुनी गई हूँ, और मेरे लिए तुम ही सब कुछ हो। नीहा सिर्फ मेरी पुरानी दोस्त है, और कोई खतरा नहीं है।”

लेकिन संकट यहीं खत्म नहीं हुआ। उसी समय, विकास के ऑफिस में एक बड़ा प्रोजेक्ट था जिसमें गलतफहमी और दबाव की वजह से वह गलती कर बैठा। कंपनी ने उसे सस्पेंड कर दिया। विकास बेहद टूट गया और अनामिका ने उसका सहारा बनने का फैसला किया।

उसने विकास को सहलाते हुए कहा,
“हमने पहले भी हर कठिनाई का सामना किया है। तुम अकेले नहीं हो। हम साथ हैं।”

फिर कहानी में एक रोमांटिक मोड़ आया। अनामिका ने एक सरप्राइज प्लान किया—पुराने कॉलेज वाले कैम्पस की वही जगह जहाँ उन्होंने पहली बार अपनी दोस्ती की शुरुआत की थी। वहाँ पहुँचते ही उसने विकास के सामने कहा,
“याद है, जब हम पहली बार यहाँ आए थे, हमने वादा किया था कि हम हमेशा साथ रहेंगे? मैं आज वही वादा दोबारा करना चाहती हूँ।”

विकास ने उसकी आँखों में देखकर कहा,
“और मैं आज फिर से वादा करता हूँ कि चाहे कोई भी मुश्किल आए, चाहे समय कितना भी बदल जाए, मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगा।”

दोनों ने हाथ थाम कर आसमान की ओर देखा और महसूस किया कि उनकी जिंदगी में उतार-चढ़ाव कितने भी आएँ, उनका प्यार और विश्वास अडिग था।

कहानी का संदेश यह था कि सच्चा प्यार केवल रोमांस नहीं, बल्कि विश्वास, समर्पण और एक-दूसरे के साथ हर चुनौती का सामना करना है।“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 4”

कुछ सालों बाद, विकास और अनामिका की जिंदगी फिर से व्यवस्थित लग रही थी। उनके बच्चे अब किशोरावस्था में थे और घर में खुशियों का माहौल था। लेकिन एक दिन अचानक अनामिका के पिता की तबियत गंभीर हो गई।

अनामिका की शादी के समय से ही उनके पिता ने कभी पूरी तरह उसके करियर और स्वतंत्र निर्णय को स्वीकार नहीं किया था। अब उनका इलाज बहुत महंगा था और विकास के ऑफिस में फिर से वित्तीय संकट आ गया।

विकास और अनामिका ने मिलकर यह फैसला किया कि वे पिता की देखभाल और इलाज के लिए शहर छोड़ देंगे। बच्चों के स्कूल और परिवार को संभालना आसान नहीं था।

इसी बीच, विकास के ऑफिस में एक प्रतियोगिता की घोषणा हुई। अगर विकास जीतता है तो उसे उच्च पद और वित्तीय सुरक्षा मिल सकती थी। लेकिन इसका मतलब था कि वह पूरे महीने घर से दूर रहे।

अनामिका ने उसे रोकने के बजाय कहा,
“विकास, यह तुम्हारे लिए एक अवसर है। मैं घर संभाल लूँगी, तुम्हें मौका लेना चाहिए। हम साथ हैं, याद है?”

विकास ने अनामिका को देखा और उसकी आँखों में अपने प्यार और भरोसे को महसूस किया। उसने प्रतियोगिता में भाग लिया और कड़ी मेहनत के बाद जीत गया। वित्तीय संकट समाप्त हुआ।

घर लौटने पर, अनामिका ने उसे सरप्राइज दिया। उसने घर सजाया, बच्चों के साथ स्वागत किया और खुद भी एक सुंदर पोशाक में इंतजार कर रही थी। विकास ने उसे देखा और कहा,
“तुम्हारा हर कदम, तुम्हारा हर भरोसा और प्यार ही मेरी ताकत है। तुम्हारे बिना मैं कुछ नहीं।”

अनामिका ने हँसते हुए कहा,
“और तुम्हारे बिना मैं कुछ नहीं। हम दोनों मिलकर हर संकट को पार कर सकते हैं।”

फिर, उस रात दोनों ने बच्चों को सोने के बाद पुरानी यादों और अपने प्यार के पल याद किए। विकास ने अनामिका के हाथों को पकड़ा और कहा,
“हमारी जिंदगी में चाहे कितने भी तूफान आएँ, हम हमेशा साथ रहेंगे। यही सच्चा प्यार है।”

और इस तरह, विकास और अनामिका ने साबित किया कि असली प्यार कठिनाइयों में झुकता नहीं, बल्कि और मजबूत होकर खिलता है।“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 5”

कुछ सालों बाद, विकास और अनामिका की जिंदगी अब स्थिर और खुशहाल लग रही थी। बच्चों की पढ़ाई भी अच्छी चल रही थी, और घर में प्यार और समझदारी का माहौल था। लेकिन एक दिन अचानक अनामिका को एक पुराना पत्र मिला।

यह पत्र उसकी कॉलेज की दोस्त नीहा से आया था। नीहा ने लिखा कि वह अब विदेश में शादी कर रही है और वह विकास और अनामिका को एक खास मौका देना चाहती है। पत्र में लिखा था कि उसने अनामिका की पेंटिंग्स से प्रेरित होकर एक इंटरनेशनल आर्ट गैलरी खोलने का विचार किया है और वह अनामिका को अपना विशेष अतिथि बनाना चाहती है।

अनामिका ने विकास को पत्र दिखाया। विकास ने मुस्कुराते हुए कहा,
“देखो, तुम्हारी कला और मेहनत ने तुम्हें इतना बड़ा मौका दिलाया है। मैं तुम्हारे साथ चलूँगा।”

गैलरी का उद्घाटन दिन आया। अनामिका ने अपने पेंटिंग्स प्रदर्शित किए और हर कोई उनकी तारीफ कर रहा था। विकास ने उसके हाथ में हाथ डालकर कहा,
“तुम हमेशा चमकती रहो। मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।”

इसी बीच, बच्चों ने चुपचाप एक सरप्राइज प्लान किया। उन्होंने पिताजी और माँ के लिए एक वीडियो तैयार किया जिसमें उनके छोटे-छोटे प्यारे पल, उनके संघर्ष और खुशियाँ दिख रही थीं। जब विकास और अनामिका ने वह वीडियो देखा, दोनों की आँखों में आँसू आ गए।

रात में, गैलरी की छत पर दोनों अकेले बैठे और आसमान की तरफ देखकर अनामिका ने कहा,
“विकास, हमारी जिंदगी में हर तूफान आया, लेकिन हमने कभी हार नहीं मानी। हमारे प्यार ने हर चुनौती को पार किया।”

विकास ने धीरे से कहा,
“अनामिका, तुम्हारे बिना मैं कुछ भी नहीं हूँ। तुम मेरी ताकत, मेरी प्रेरणा और मेरी जिंदगी हो।”

फिर, बच्चों और दोस्तों के सामने, विकास ने अनामिका को अपने हाथों में हाथ देकर कहा,
“क्या तुम मेरे साथ जीवन भर के लिए फिर से यह वादा दोहराओगी—हर मुश्किल, हर खुशी, हर पल साथ रहने का?”

अनामिका ने मुस्कुराते हुए कहा,
“हाँ, विकास। हमेशा। हम साथ हैं, और हमेशा रहेंगे।”

और इस तरह, विकास और अनामिका की कहानी ने साबित किया कि प्यार, विश्वास और साथ की ताकत से हर मुश्किल आसान हो जाती है, और जिंदगी की असली खूबसूरती छोटे-छोटे पलों और साथ बिताए समय में ही है

rajukumarchaudhary502010

“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 4”

कुछ सालों बाद, विकास और अनामिका की जिंदगी फिर से व्यवस्थित लग रही थी। उनके बच्चे अब किशोरावस्था में थे और घर में खुशियों का माहौल था। लेकिन एक दिन अचानक अनामिका के पिता की तबियत गंभीर हो गई।

अनामिका की शादी के समय से ही उनके पिता ने कभी पूरी तरह उसके करियर और स्वतंत्र निर्णय को स्वीकार नहीं किया था। अब उनका इलाज बहुत महंगा था और विकास के ऑफिस में फिर से वित्तीय संकट आ गया।

विकास और अनामिका ने मिलकर यह फैसला किया कि वे पिता की देखभाल और इलाज के लिए शहर छोड़ देंगे। बच्चों के स्कूल और परिवार को संभालना आसान नहीं था।

इसी बीच, विकास के ऑफिस में एक प्रतियोगिता की घोषणा हुई। अगर विकास जीतता है तो उसे उच्च पद और वित्तीय सुरक्षा मिल सकती थी। लेकिन इसका मतलब था कि वह पूरे महीने घर से दूर रहे।

अनामिका ने उसे रोकने के बजाय कहा,
“विकास, यह तुम्हारे लिए एक अवसर है। मैं घर संभाल लूँगी, तुम्हें मौका लेना चाहिए। हम साथ हैं, याद है?”

विकास ने अनामिका को देखा और उसकी आँखों में अपने प्यार और भरोसे को महसूस किया। उसने प्रतियोगिता में भाग लिया और कड़ी मेहनत के बाद जीत गया। वित्तीय संकट समाप्त हुआ।

घर लौटने पर, अनामिका ने उसे सरप्राइज दिया। उसने घर सजाया, बच्चों के साथ स्वागत किया और खुद भी एक सुंदर पोशाक में इंतजार कर रही थी। विकास ने उसे देखा और कहा,
“तुम्हारा हर कदम, तुम्हारा हर भरोसा और प्यार ही मेरी ताकत है। तुम्हारे बिना मैं कुछ नहीं।”

अनामिका ने हँसते हुए कहा,
“और तुम्हारे बिना मैं कुछ नहीं। हम दोनों मिलकर हर संकट को पार कर सकते हैं।”

फिर, उस रात दोनों ने बच्चों को सोने के बाद पुरानी यादों और अपने प्यार के पल याद किए। विकास ने अनामिका के हाथों को पकड़ा और कहा,
“हमारी जिंदगी में चाहे कितने भी तूफान आएँ, हम हमेशा साथ रहेंगे। यही सच्चा प्यार है।”

और इस तरह, विकास और अनामिका ने साबित किया कि असली प्यार कठिनाइयों में झुकता नहीं, बल्कि और मजबूत होकर खिलता है।

rajukumarchaudhary502010

“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 2”

विकास और अनामिका की जिंदगी फिर से सामान्य हो रही थी। बच्चों की पढ़ाई, घर और कामकाज के बीच दोनों ने अपनी खुशियों को छोटे-छोटे पलों में ढूंढना शुरू किया। लेकिन जैसे ही सब कुछ ठीक लग रहा था, विकास के ऑफिस में अचानक एक नई परियोजना आई, जो उसकी पूरी ऊर्जा मांग रही थी।

इस दौरान, अनामिका ने एक बड़ी पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लिया और उसका काम देश भर में सराहा गया। उसकी प्रसिद्धि बढ़ने लगी, और उसे अक्सर बाहर रहने के लिए बुलाया जाने लगा।

विकास और अनामिका दोनों व्यस्त थे, और धीरे-धीरे उनकी जिंदगी फिर से उलझन में आ गई। एक दिन, विकास ने देखा कि अनामिका ने उसके जन्मदिन पर कोई संदेश नहीं भेजा। दिल टूट सा गया।
“क्या मैं अब उसके जीवन में उतना अहम नहीं हूँ?” वह सोचने लगा।

अनामिका भी अपने मन में यही सवाल कर रही थी। उसने सोचा, “विकास बहुत थका हुआ है, शायद वह मेरी खुशी में खुश नहीं है।”

तभी कहानी में ट्विस्ट आया। विकास के ऑफिस में एक नई महिला कर्मचारी आई – स्नेहा। स्नेहा बहुत दोस्ताना और खुशमिजाज थी। विकास ने पहले तो सोचा कि वह सिर्फ मददगार है, लेकिन धीरे-धीरे उसके साथ अधिक समय बिताने लगा।

अनामिका ने यह महसूस किया और अंदर से थोड़ा डरने लगी। उसने विकास से सीधे सवाल किया,
“विकास, क्या हम कहीं खो रहे हैं?”

विकास ने कुछ देर चुप रहकर कहा,
“अनामिका, कभी-कभी मैं समझ नहीं पाता कि कैसे दोनों चीज़ें—काम और घर—साथ में निभाऊँ। लेकिन मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता।”

तभी अनामिका ने मुस्कुराते हुए कहा,
“तो हम फिर से शुरुआत करते हैं। अपने प्यार को प्राथमिकता देंगे, चाहे कितना भी काम क्यों न हो।”

दोनों ने तय किया कि रोज़ कम से कम आधा घंटा सिर्फ एक-दूसरे के लिए निकालेंगे। धीरे-धीरे, स्नेहा की मौजूदगी भी सिर्फ एक पेशेवर दोस्ती में बदल गई।

कुछ महीने बाद, विकास ने अनामिका को सरप्राइज दिया। उसने उनके पुराने कॉलेज वाले पार्क में एक छोटे-से कैम्पिंग ट्रिप का इंतजाम किया। वहाँ, दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया और कहा,
“हमारी जिंदगी में उतार-चढ़ाव आए, लेकिन हम हमेशा साथ रहे। यही असली प्यार है।”

और इस तरह, विकास और अनामिका ने साबित किया कि सच्चा प्यार वही है जो मुश्किल समय में भी डगमगाए नहीं, बल्कि और मजबूत हो जाए।

rajukumarchaudhary502010

“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 3”

कुछ साल बाद, विकास और अनामिका की जिंदगी फिर से स्थिर लग रही थी। बच्चों की पढ़ाई अच्छी चल रही थी, और दोनों ने अपनी-अपनी काम में संतुलन बना लिया था। लेकिन तभी अचानक एक बड़ा संकट आया।

अनामिका की पुरानी दोस्त, नीहा, शहर में वापस आई। नीहा और अनामिका कॉलेज की दोस्त थीं, लेकिन विकास को नीहा के साथ अनामिका की दोस्ती कभी अच्छी नहीं लगी थी। नीहा ने अनामिका से मिलने के बहाने घर पर आए और धीरे-धीरे विकास के सामने उसके काम की तारीफ करने लगी।

विकास ने यह देखा और पहली बार अंदर से असुरक्षित महसूस किया। उसने अनामिका से कहा,
“अनामिका, मुझे डर है कि कहीं तुम्हारे पुराने दोस्त हमारी खुशियों में खलल न डाल दें।”

अनामिका ने गंभीर होकर कहा,
“विकास, मैं तुम्हारे लिए चुनी गई हूँ, और मेरे लिए तुम ही सब कुछ हो। नीहा सिर्फ मेरी पुरानी दोस्त है, और कोई खतरा नहीं है।”

लेकिन संकट यहीं खत्म नहीं हुआ। उसी समय, विकास के ऑफिस में एक बड़ा प्रोजेक्ट था जिसमें गलतफहमी और दबाव की वजह से वह गलती कर बैठा। कंपनी ने उसे सस्पेंड कर दिया। विकास बेहद टूट गया और अनामिका ने उसका सहारा बनने का फैसला किया।

उसने विकास को सहलाते हुए कहा,
“हमने पहले भी हर कठिनाई का सामना किया है। तुम अकेले नहीं हो। हम साथ हैं।”

फिर कहानी में एक रोमांटिक मोड़ आया। अनामिका ने एक सरप्राइज प्लान किया—पुराने कॉलेज वाले कैम्पस की वही जगह जहाँ उन्होंने पहली बार अपनी दोस्ती की शुरुआत की थी। वहाँ पहुँचते ही उसने विकास के सामने कहा,
“याद है, जब हम पहली बार यहाँ आए थे, हमने वादा किया था कि हम हमेशा साथ रहेंगे? मैं आज वही वादा दोबारा करना चाहती हूँ।”

विकास ने उसकी आँखों में देखकर कहा,
“और मैं आज फिर से वादा करता हूँ कि चाहे कोई भी मुश्किल आए, चाहे समय कितना भी बदल जाए, मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगा।”

दोनों ने हाथ थाम कर आसमान की ओर देखा और महसूस किया कि उनकी जिंदगी में उतार-चढ़ाव कितने भी आएँ, उनका प्यार और विश्वास अडिग था।

कहानी का संदेश यह था कि सच्चा प्यार केवल रोमांस नहीं, बल्कि विश्वास, समर्पण और एक-दूसरे के साथ हर चुनौती का सामना करना है।

rajukumarchaudhary502010

“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 5”

कुछ सालों बाद, विकास और अनामिका की जिंदगी अब स्थिर और खुशहाल लग रही थी। बच्चों की पढ़ाई भी अच्छी चल रही थी, और घर में प्यार और समझदारी का माहौल था। लेकिन एक दिन अचानक अनामिका को एक पुराना पत्र मिला।

यह पत्र उसकी कॉलेज की दोस्त नीहा से आया था। नीहा ने लिखा कि वह अब विदेश में शादी कर रही है और वह विकास और अनामिका को एक खास मौका देना चाहती है। पत्र में लिखा था कि उसने अनामिका की पेंटिंग्स से प्रेरित होकर एक इंटरनेशनल आर्ट गैलरी खोलने का विचार किया है और वह अनामिका को अपना विशेष अतिथि बनाना चाहती है।

अनामिका ने विकास को पत्र दिखाया। विकास ने मुस्कुराते हुए कहा,
“देखो, तुम्हारी कला और मेहनत ने तुम्हें इतना बड़ा मौका दिलाया है। मैं तुम्हारे साथ चलूँगा।”

गैलरी का उद्घाटन दिन आया। अनामिका ने अपने पेंटिंग्स प्रदर्शित किए और हर कोई उनकी तारीफ कर रहा था। विकास ने उसके हाथ में हाथ डालकर कहा,
“तुम हमेशा चमकती रहो। मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।”

इसी बीच, बच्चों ने चुपचाप एक सरप्राइज प्लान किया। उन्होंने पिताजी और माँ के लिए एक वीडियो तैयार किया जिसमें उनके छोटे-छोटे प्यारे पल, उनके संघर्ष और खुशियाँ दिख रही थीं। जब विकास और अनामिका ने वह वीडियो देखा, दोनों की आँखों में आँसू आ गए।

रात में, गैलरी की छत पर दोनों अकेले बैठे और आसमान की तरफ देखकर अनामिका ने कहा,
“विकास, हमारी जिंदगी में हर तूफान आया, लेकिन हमने कभी हार नहीं मानी। हमारे प्यार ने हर चुनौती को पार किया।”

विकास ने धीरे से कहा,
“अनामिका, तुम्हारे बिना मैं कुछ भी नहीं हूँ। तुम मेरी ताकत, मेरी प्रेरणा और मेरी जिंदगी हो।”

फिर, बच्चों और दोस्तों के सामने, विकास ने अनामिका को अपने हाथों में हाथ देकर कहा,
“क्या तुम मेरे साथ जीवन भर के लिए फिर से यह वादा दोहराओगी—हर मुश्किल, हर खुशी, हर पल साथ रहने का?”

अनामिका ने मुस्कुराते हुए कहा,
“हाँ, विकास। हमेशा। हम साथ हैं, और हमेशा रहेंगे।”

और इस तरह, विकास और अनामिका की कहानी ने साबित किया कि प्यार, विश्वास और साथ की ताकत से हर मुश्किल आसान हो जाती है, और जिंदगी की असली खूबसूरती छोटे-छोटे पलों और साथ बिताए समय में ही है।

rajukumarchaudhary502010

“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 4”

कुछ सालों बाद, विकास और अनामिका की जिंदगी फिर से व्यवस्थित लग रही थी। उनके बच्चे अब किशोरावस्था में थे और घर में खुशियों का माहौल था। लेकिन एक दिन अचानक अनामिका के पिता की तबियत गंभीर हो गई।

अनामिका की शादी के समय से ही उनके पिता ने कभी पूरी तरह उसके करियर और स्वतंत्र निर्णय को स्वीकार नहीं किया था। अब उनका इलाज बहुत महंगा था और विकास के ऑफिस में फिर से वित्तीय संकट आ गया।

विकास और अनामिका ने मिलकर यह फैसला किया कि वे पिता की देखभाल और इलाज के लिए शहर छोड़ देंगे। बच्चों के स्कूल और परिवार को संभालना आसान नहीं था।

इसी बीच, विकास के ऑफिस में एक प्रतियोगिता की घोषणा हुई। अगर विकास जीतता है तो उसे उच्च पद और वित्तीय सुरक्षा मिल सकती थी। लेकिन इसका मतलब था कि वह पूरे महीने घर से दूर रहे।

अनामिका ने उसे रोकने के बजाय कहा,
“विकास, यह तुम्हारे लिए एक अवसर है। मैं घर संभाल लूँगी, तुम्हें मौका लेना चाहिए। हम साथ हैं, याद है?”

विकास ने अनामिका को देखा और उसकी आँखों में अपने प्यार और भरोसे को महसूस किया। उसने प्रतियोगिता में भाग लिया और कड़ी मेहनत के बाद जीत गया। वित्तीय संकट समाप्त हुआ।

घर लौटने पर, अनामिका ने उसे सरप्राइज दिया। उसने घर सजाया, बच्चों के साथ स्वागत किया और खुद भी एक सुंदर पोशाक में इंतजार कर रही थी। विकास ने उसे देखा और कहा,
“तुम्हारा हर कदम, तुम्हारा हर भरोसा और प्यार ही मेरी ताकत है। तुम्हारे बिना मैं कुछ नहीं।”

अनामिका ने हँसते हुए कहा,
“और तुम्हारे बिना मैं कुछ नहीं। हम दोनों मिलकर हर संकट को पार कर सकते हैं।”

फिर, उस रात दोनों ने बच्चों को सोने के बाद पुरानी यादों और अपने प्यार के पल याद किए। विकास ने अनामिका के हाथों को पकड़ा और कहा,
“हमारी जिंदगी में चाहे कितने भी तूफान आएँ, हम हमेशा साथ रहेंगे। यही सच्चा प्यार है।”

और इस तरह, विकास और अनामिका ने साबित किया कि असली प्यार कठिनाइयों में झुकता नहीं, बल्कि और मजबूत होकर खिलता है।

rajukumarchaudhary502010

“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 2”

विकास और अनामिका की जिंदगी फिर से सामान्य हो रही थी। बच्चों की पढ़ाई, घर और कामकाज के बीच दोनों ने अपनी खुशियों को छोटे-छोटे पलों में ढूंढना शुरू किया। लेकिन जैसे ही सब कुछ ठीक लग रहा था, विकास के ऑफिस में अचानक एक नई परियोजना आई, जो उसकी पूरी ऊर्जा मांग रही थी।

इस दौरान, अनामिका ने एक बड़ी पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लिया और उसका काम देश भर में सराहा गया। उसकी प्रसिद्धि बढ़ने लगी, और उसे अक्सर बाहर रहने के लिए बुलाया जाने लगा।

विकास और अनामिका दोनों व्यस्त थे, और धीरे-धीरे उनकी जिंदगी फिर से उलझन में आ गई। एक दिन, विकास ने देखा कि अनामिका ने उसके जन्मदिन पर कोई संदेश नहीं भेजा। दिल टूट सा गया।
“क्या मैं अब उसके जीवन में उतना अहम नहीं हूँ?” वह सोचने लगा।

अनामिका भी अपने मन में यही सवाल कर रही थी। उसने सोचा, “विकास बहुत थका हुआ है, शायद वह मेरी खुशी में खुश नहीं है।”

तभी कहानी में ट्विस्ट आया। विकास के ऑफिस में एक नई महिला कर्मचारी आई – स्नेहा। स्नेहा बहुत दोस्ताना और खुशमिजाज थी। विकास ने पहले तो सोचा कि वह सिर्फ मददगार है, लेकिन धीरे-धीरे उसके साथ अधिक समय बिताने लगा।

अनामिका ने यह महसूस किया और अंदर से थोड़ा डरने लगी। उसने विकास से सीधे सवाल किया,
“विकास, क्या हम कहीं खो रहे हैं?”

विकास ने कुछ देर चुप रहकर कहा,
“अनामिका, कभी-कभी मैं समझ नहीं पाता कि कैसे दोनों चीज़ें—काम और घर—साथ में निभाऊँ। लेकिन मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता।”

तभी अनामिका ने मुस्कुराते हुए कहा,
“तो हम फिर से शुरुआत करते हैं। अपने प्यार को प्राथमिकता देंगे, चाहे कितना भी काम क्यों न हो।”

दोनों ने तय किया कि रोज़ कम से कम आधा घंटा सिर्फ एक-दूसरे के लिए निकालेंगे। धीरे-धीरे, स्नेहा की मौजूदगी भी सिर्फ एक पेशेवर दोस्ती में बदल गई।

कुछ महीने बाद, विकास ने अनामिका को सरप्राइज दिया। उसने उनके पुराने कॉलेज वाले पार्क में एक छोटे-से कैम्पिंग ट्रिप का इंतजाम किया। वहाँ, दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया और कहा,
“हमारी जिंदगी में उतार-चढ़ाव आए, लेकिन हम हमेशा साथ रहे। यही असली प्यार है।”

और इस तरह, विकास और अनामिका ने साबित किया कि सच्चा प्यार वही है जो मुश्किल समय में भी डगमगाए नहीं, बल्कि और मजबूत हो जाए।
“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 3”

कुछ साल बाद, विकास और अनामिका की जिंदगी फिर से स्थिर लग रही थी। बच्चों की पढ़ाई अच्छी चल रही थी, और दोनों ने अपनी-अपनी काम में संतुलन बना लिया था। लेकिन तभी अचानक एक बड़ा संकट आया।

अनामिका की पुरानी दोस्त, नीहा, शहर में वापस आई। नीहा और अनामिका कॉलेज की दोस्त थीं, लेकिन विकास को नीहा के साथ अनामिका की दोस्ती कभी अच्छी नहीं लगी थी। नीहा ने अनामिका से मिलने के बहाने घर पर आए और धीरे-धीरे विकास के सामने उसके काम की तारीफ करने लगी।

विकास ने यह देखा और पहली बार अंदर से असुरक्षित महसूस किया। उसने अनामिका से कहा,
“अनामिका, मुझे डर है कि कहीं तुम्हारे पुराने दोस्त हमारी खुशियों में खलल न डाल दें।”

अनामिका ने गंभीर होकर कहा,
“विकास, मैं तुम्हारे लिए चुनी गई हूँ, और मेरे लिए तुम ही सब कुछ हो। नीहा सिर्फ मेरी पुरानी दोस्त है, और कोई खतरा नहीं है।”

लेकिन संकट यहीं खत्म नहीं हुआ। उसी समय, विकास के ऑफिस में एक बड़ा प्रोजेक्ट था जिसमें गलतफहमी और दबाव की वजह से वह गलती कर बैठा। कंपनी ने उसे सस्पेंड कर दिया। विकास बेहद टूट गया और अनामिका ने उसका सहारा बनने का फैसला किया।

उसने विकास को सहलाते हुए कहा,
“हमने पहले भी हर कठिनाई का सामना किया है। तुम अकेले नहीं हो। हम साथ हैं।”

फिर कहानी में एक रोमांटिक मोड़ आया। अनामिका ने एक सरप्राइज प्लान किया—पुराने कॉलेज वाले कैम्पस की वही जगह जहाँ उन्होंने पहली बार अपनी दोस्ती की शुरुआत की थी। वहाँ पहुँचते ही उसने विकास के सामने कहा,
“याद है, जब हम पहली बार यहाँ आए थे, हमने वादा किया था कि हम हमेशा साथ रहेंगे? मैं आज वही वादा दोबारा करना चाहती हूँ।”

विकास ने उसकी आँखों में देखकर कहा,
“और मैं आज फिर से वादा करता हूँ कि चाहे कोई भी मुश्किल आए, चाहे समय कितना भी बदल जाए, मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगा।”

दोनों ने हाथ थाम कर आसमान की ओर देखा और महसूस किया कि उनकी जिंदगी में उतार-चढ़ाव कितने भी आएँ, उनका प्यार और विश्वास अडिग था।

कहानी का संदेश यह था कि सच्चा प्यार केवल रोमांस नहीं, बल्कि विश्वास, समर्पण और एक-दूसरे के साथ हर चुनौती का सामना करना है।“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 5”

कुछ सालों बाद, विकास और अनामिका की जिंदगी अब स्थिर और खुशहाल लग रही थी। बच्चों की पढ़ाई भी अच्छी चल रही थी, और घर में प्यार और समझदारी का माहौल था। लेकिन एक दिन अचानक अनामिका को एक पुराना पत्र मिला।

यह पत्र उसकी कॉलेज की दोस्त नीहा से आया था। नीहा ने लिखा कि वह अब विदेश में शादी कर रही है और वह विकास और अनामिका को एक खास मौका देना चाहती है। पत्र में लिखा था कि उसने अनामिका की पेंटिंग्स से प्रेरित होकर एक इंटरनेशनल आर्ट गैलरी खोलने का विचार किया है और वह अनामिका को अपना विशेष अतिथि बनाना चाहती है।

अनामिका ने विकास को पत्र दिखाया। विकास ने मुस्कुराते हुए कहा,
“देखो, तुम्हारी कला और मेहनत ने तुम्हें इतना बड़ा मौका दिलाया है। मैं तुम्हारे साथ चलूँगा।”

गैलरी का उद्घाटन दिन आया। अनामिका ने अपने पेंटिंग्स प्रदर्शित किए और हर कोई उनकी तारीफ कर रहा था। विकास ने उसके हाथ में हाथ डालकर कहा,
“तुम हमेशा चमकती रहो। मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।”

इसी बीच, बच्चों ने चुपचाप एक सरप्राइज प्लान किया। उन्होंने पिताजी और माँ के लिए एक वीडियो तैयार किया जिसमें उनके छोटे-छोटे प्यारे पल, उनके संघर्ष और खुशियाँ दिख रही थीं। जब विकास और अनामिका ने वह वीडियो देखा, दोनों की आँखों में आँसू आ गए।

रात में, गैलरी की छत पर दोनों अकेले बैठे और आसमान की तरफ देखकर अनामिका ने कहा,
“विकास, हमारी जिंदगी में हर तूफान आया, लेकिन हमने कभी हार नहीं मानी। हमारे प्यार ने हर चुनौती को पार किया।”

विकास ने धीरे से कहा,
“अनामिका, तुम्हारे बिना मैं कुछ भी नहीं हूँ। तुम मेरी ताकत, मेरी प्रेरणा और मेरी जिंदगी हो।”

फिर, बच्चों और दोस्तों के सामने, विकास ने अनामिका को अपने हाथों में हाथ देकर कहा,
“क्या तुम मेरे साथ जीवन भर के लिए फिर से यह वादा दोहराओगी—हर मुश्किल, हर खुशी, हर पल साथ रहने का?”

अनामिका ने मुस्कुराते हुए कहा,
“हाँ, विकास। हमेशा। हम साथ हैं, और हमेशा रहेंगे।”

और इस तरह, विकास और अनामिका की कहानी ने साबित किया कि प्यार, विश्वास और साथ की ताकत से हर मुश्किल आसान हो जाती है, और जिंदगी की असली खूबसूरती छोटे-छोटे पलों और साथ बिताए समय में ही है“साथ-साथ जीवन की राह – भाग 4”

कुछ सालों बाद, विकास और अनामिका की जिंदगी फिर से व्यवस्थित लग रही थी। उनके बच्चे अब किशोरावस्था में थे और घर में खुशियों का माहौल था। लेकिन एक दिन अचानक अनामिका के पिता की तबियत गंभीर हो गई।

अनामिका की शादी के समय से ही उनके पिता ने कभी पूरी तरह उसके करियर और स्वतंत्र निर्णय को स्वीकार नहीं किया था। अब उनका इलाज बहुत महंगा था और विकास के ऑफिस में फिर से वित्तीय संकट आ गया।

विकास और अनामिका ने मिलकर यह फैसला किया कि वे पिता की देखभाल और इलाज के लिए शहर छोड़ देंगे। बच्चों के स्कूल और परिवार को संभालना आसान नहीं था।

इसी बीच, विकास के ऑफिस में एक प्रतियोगिता की घोषणा हुई। अगर विकास जीतता है तो उसे उच्च पद और वित्तीय सुरक्षा मिल सकती थी। लेकिन इसका मतलब था कि वह पूरे महीने घर से दूर रहे।

अनामिका ने उसे रोकने के बजाय कहा,
“विकास, यह तुम्हारे लिए एक अवसर है। मैं घर संभाल लूँगी, तुम्हें मौका लेना चाहिए। हम साथ हैं, याद है?”

विकास ने अनामिका को देखा और उसकी आँखों में अपने प्यार और भरोसे को महसूस किया। उसने प्रतियोगिता में भाग लिया और कड़ी मेहनत के बाद जीत गया। वित्तीय संकट समाप्त हुआ।

घर लौटने पर, अनामिका ने उसे सरप्राइज दिया। उसने घर सजाया, बच्चों के साथ स्वागत किया और खुद भी एक सुंदर पोशाक में इंतजार कर रही थी। विकास ने उसे देखा और कहा,
“तुम्हारा हर कदम, तुम्हारा हर भरोसा और प्यार ही मेरी ताकत है। तुम्हारे बिना मैं कुछ नहीं।”

अनामिका ने हँसते हुए कहा,
“और तुम्हारे बिना मैं कुछ नहीं। हम दोनों मिलकर हर संकट को पार कर सकते हैं।”

फिर, उस रात दोनों ने बच्चों को सोने के बाद पुरानी यादों और अपने प्यार के पल याद किए। विकास ने अनामिका के हाथों को पकड़ा और कहा,
“हमारी जिंदगी में चाहे कितने भी तूफान आएँ, हम हमेशा साथ रहेंगे। यही सच्चा प्यार है।”

और इस तरह, विकास और अनामिका ने साबित किया कि असली प्यार कठिनाइयों में झुकता नहीं, बल्कि और मजबूत होकर खिलता है।

rajukumarchaudhary502010

ફીક્ર

કોઈની ચિંતા કરો તો, એને જરૂર કહેજો,

મૌન રહેશો તો મનના દરવાજા બંધ થઈ જશે.

ન કહેલા શબ્દો કદી કોઈ સાંભળતું નથી,

અને એ શબ્દો જ અંતરમાં ભાર બની રહે છે.
DHAMAK

heenagopiyani.493689

सरस्वती माता का गीत

अंतरा 1:
वाणी की देवी, ज्ञान की मूरत,
सरस्वती माता, कर दो हम पर कृपा।
पढ़ाई में लगे रहें, बुद्धि में वृद्धि हो,
तेरे चरणों में हम समर्पित जीवन जीएँ।

कोरस:
जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती,
ज्ञान की दाता, जग की रौशनी।
जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती,
वाणी और विद्या की तुम हो नायिका।

अंतरा 2:
साधक बनाकर करो जीवन सफल,
अज्ञान के अंधकार को तुम दूर भगाओ।
संगीत और कला में हमें निपुण बनाओ,
माँ सरस्वती, हम सब पर अपनी कृपा बनाओ।

कोरस:
जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती,
ज्ञान की दाता, जग की रौशनी।
जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती,
वाणी और विद्या की तुम हो नायिका।

अंतरा 3:
हाथ में वीणा, कमल पर विराज,
सत्य और विद्या का करती प्रचार।
भक्तों के संकट हर लो तू दूर,
सरस्वती माता, कर दो जीवन सुंदर।

कोरस:
जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती,
ज्ञान की दाता, जग की रौशनी।
जय माँ सरस्वती, जय माँ सरस्वती,
वाणी और विद्या की तुम हो नायिका।

rajukumarchaudhary502010