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New bites

Niyas KN leads not with noise, but with clarity.

niyaskn

શીર્ષક: બંધન કે ઉડાન?
​પ્રેમી પંખી (નર):
મને ડર લાગે છે, તું એક પવન જેવી છે,
કે કયા વળાંક પર તું દિશા બદલી જઈશ.
હું તને સમજી શકતો નથી, તું બીજાથી અલગ છે,
એટલે જ દિલમાં તને ખોઈ દેવાનો ભય છે.
​પ્રેમી પંખી (માદા):
ડર શા માટે? પ્રેમ એ તો ખુલ્લું આકાશ છે,
જ્યાં પંખીઓ પાંખો ખોલીને મુક્ત થઈ શકે છે.
જો તારો પ્રેમ સાચો છે, તો વિશ્વાસ રાખજે,
ઉડાન ભલે ભરે, પણ પાછું એ તારી પાસે આવશે.
​પ્રેમી પંખી (નર):
પણ પ્રેમ તો અસુરક્ષા લઈને આવે છે,
આ ભય ક્યારેય દિલમાંથી જતો નથી.
​પ્રેમી પંખી (માદા):
ત્યાં જ તો પ્રેમની સાચી કસોટી છે,
જ્યાં વિશ્વાસની પાંખો ડર પર વિજય મેળવે છે.
પ્રેમ એ પકડવું નહીં, પણ મુક્ત કરવું છે,
અને વિશ્વાસ એ જ એનો સાચો બંધન છે.
DHAMAK

heenagopiyani.493689

Enjoy this tea time with friends..

kattupayas.101947

हमारी नजर उन पर से हटती नहीं।
और उनकी है जो हम पर ठहरती नहीं।
समंदर क्या जाने , नदी के जज्बातों को।
जो खुद को खो लेती है,पाने की आस खोती नहीं।
अपने हर जर्रे को समंदर में बहाकर ।
घुल जाती है,अपने अस्तित्व को गवाकर।
एकतरफा प्यार करना उसकी ख़ुशनसीबी है।
यह भूल कर कि समंदर का खारापन उसकी फितरत है।

truptirami4589

Flowers booming season

kattupayas.101947

Happy Wednesday morning !!!

kattupayas.101947

अकेले थे अच्छे थे, लोग मिले सब उलझ सा गया...॥

reenachouhan428395

જીવન સરળ નીકળ્યું,
પણ આ માણસ નહિં,

દૌલત, હીરા, પૈસા,
રૂપનો પણ લોભી,
પાછળ તો કેવો દોડે,

રાખે છે એ,
દૌલતને તું મુઠ્ઠીમાં,
ખૂબ જકડી રાખ્યું,
શુ ખરેખર તારુ જ છે ?

જાણી ગયો તોય,
સાચું લક્ષ્ય કેમ ભટક્યો,

કુદરતનો ખોબો ખુલ્લો,
જોઈ લે તું આકાશમાં..

મનોજ નાવડીયા

manojnavadiya7402

Radhey Radhey 🌸🌺💞🌺🌸

gautamsuthar129584

जिद्द लोगो से नहीं
जिंदगी से करें
अपना पन किसी ओर से नहीं
खुद से करें
भरोसा, प्यार, विश्वास, लगाव
जिंदगी से करें
ना जाने कब बिछड़ जाए!

akankshasrivastava3617

अर्ज़ किया है,

ग़ज़ब का तूने रुलाया ऐ ज़िंदगी,
मलाल तनिक भी ना है।

उसने हँसकर कहा—
मैं ज़िंदगी हूँ पगली,
रुलाया नहीं, सबक सिखाया है।

अभी तो तमाम स्टेप से
तुझे तोड़ कर जोड़ा है मैंने,
हर चोट में छुपा
तेरा ही नया चेहरा गढ़ा है मैंने।

मत समझ कि तू हार गई,
मत सोच कि तू थक गई—
ये आँसू ही तो हैं
जो तुझमें हिम्मत बनकर ढल गए।

मैं तुझे गिराती भी हूँ,
मैं तुझे उठाती भी हूँ,
तोड़कर ही निखारती हूँ,
तुझें खामोशी में सिखाती भी हूँ।

याद रख…
मैं रुलाती हूँ, मगर साथ ही
तेरी रगों में उम्मीद भी भर जाती हूँ।

akankshasrivastava3617

प्रेम में विरह ना हों
तो प्रेम अधूरा है!

akankshasrivastava3617

पावसाच्या पहिल्या सरीसारखा एक क्षण आला,
आकाश झरझर रडत होतं, पण मन मात्र हसत होतं.
कागदाच्या होड्या सुटल्या पुन्हा एकदा,
आणि बालपण धावत आलं — चिंब भिजून.

ओल्या वाऱ्यात एक हळूशा गंध पसरला,
जणू जुन्या पत्रांमधून उमटलेलं तुझं हसू.
त्या मोडक्या वाऱ्यावर अजूनही आपलं नाव लिहिलं होतं,
आणि पावसाने ते मिटवलं नाही — जपून ठेवलं.

मातीचा सुगंध फक्त वास नसतो,
तो आठवणीतला पहिला पाऊस असतो,
आईच्या पदराचा स्पर्श असतो,
आणि वडिलांच्या डोक्यावरच्या छत्रीची सावली.

हा पाऊस भिजवतोही आणि सावरतोही,
जणू जुनं प्रेम नव्याने उमलतंय.
एक क्षणासाठी तरी वाटतं,
"हरवलेलं काहीच हरवत नसतं, पाऊस परत आणतो."

रस्त्यावरची चिखलट वाट सुद्धा एखाद्या कवितेसारखी वाटते,
कारण त्यावरून चालताना आठवणींना घसरणं लागतं,
आणि त्या घसरण्यांतूनच
आपल्याला आपलं खरं आयुष्य सापडतं.


Fazal Abubakkar Esaf

fazalesaf2973

विचार जो आपको रखे आगे….

piyushgoel6666

✨ “Punctuality is not just about being on time,

it’s about respecting your future.

A few lost minutes today can cost you a lifetime tomorrow.”



— Nensi Vithalani

nensivithalani.210365

सात भाई और उनकी बहन की दुखद कथा

भाग 1: गाँव और परिवार का परिचय

बहुत समय पहले, एक घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरे गाँव में सात भाई और उनकी प्यारी बहन रहते थे। गाँव का नाम था सुमंगलपुर। यह गाँव हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध था, लेकिन वहाँ के लोग बहुत मेहनती थे।

सातों भाई – अजय, विजय, मनोज, संजय, रवि, दीपक और सतीश – मेहनती और ताकतवर थे, लेकिन उनमें कभी-कभी आपसी झगड़े और छोटी-छोटी बातों पर अहंकार उभर आता था। उनकी बहन गौरी गाँव की सबसे सुंदर और बुद्धिमान लड़की थी। उसका स्वभाव दयालु और प्रेमपूर्ण था। वह हर किसी की मदद करती और भाईयों की चिंता करती।

गाँव में लोगों के बीच यह कहा जाता था कि सात भाई और उनकी बहन एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं। लेकिन किस्मत में उन्हें भयानक परीक्षा लेने वाली थी।


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भाग 2: अकाल और भय

एक वर्ष गाँव में भयंकर अकाल पड़ा। खेतों में फसल नहीं हुई, नदियाँ सूख गईं और गाँव में भोजन की कमी होने लगी। लोगों के चेहरे पर चिंता और डर स्पष्ट था।

भाइयों को भी डर लगने लगा। उन्होंने सोचा, “अगर भोजन नहीं मिलेगा, तो हम सभी मर जाएंगे।”
गौरी ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि भाई-बहनों का प्यार और आपसी सहयोग सबसे बड़ी ताकत है, लेकिन अकाल और भय ने उनके दिलों में लालच और क्रोध पैदा किया।


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भाग 3: मन में अंधकार

भाई धीरे-धीरे गलत विचारों में फंसने लगे। उन्हें लगा कि अगर बहन नहीं रहेगी तो भोजन की समस्या हल हो सकती है।
गौरी ने उन्हें प्रेम और दया से समझाया, लेकिन डर और लालच की शक्ति ने उनके दिलों पर कब्जा कर लिया।

रात के समय, गाँव के बुजुर्गों ने कहा:
“भय और लालच इंसान को सबसे भयानक कदम उठाने पर मजबूर कर सकता है। जो भी नैतिकता से हटकर काम करेगा, उसका अंत दुखद होगा।”

लेकिन भाई सुनने को तैयार नहीं थे।


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भाग 4: भयावह निर्णय

भाईयों ने भय और लालच में एक भयंकर निर्णय लिया। वे यह सोच रहे थे कि बहन को मारकर भोजन की कमी हल हो जाएगी।

गौरी, अपनी बुद्धिमत्ता और धैर्य से, उन्हें बार-बार समझाती रही:
“भाईयों, यह रास्ता हमें विनाश की ओर ले जाएगा। हम मिलकर अन्य उपाय ढूँढ सकते हैं।”

लेकिन उनके शब्द भाईयों के दिल तक नहीं पहुँच पाए। उनका भय और लालच उनकी समझ पर भारी पड़ गया।


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भाग 5: दुखद घटना

अंततः, एक भयंकर रात में, भय और लालच ने उन्हें ऐसा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया, जिसका परिणाम वे कभी नहीं भूल पाए।

यह घटना पूरे गाँव में फैल गई। लोग स्तब्ध रह गए। यह बताते हुए कि भय और लालच इंसान को कितना विनाशकारी बना सकता है।


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भाग 6: पछतावा और शिक्षा

घटना के बाद, भाइयों का मन व्यथित और दुखी हो गया। उन्होंने देखा कि भय और लालच ने न केवल बहन को छीन लिया, बल्कि उनके जीवन को भी अंधकार में डाल दिया।

गाँव के लोग उनकी गलती देखकर उन्हें समझाने लगे:
“जो भी नैतिकता से हटकर काम करता है, उसका अंत हमेशा दुखद होता है। प्रेम, दया और सहयोग ही जीवन की असली ताकत हैं।”

भाइयों ने महसूस किया कि भय और लालच इंसान को विनाश की ओर ले जाते हैं, और उन्होंने अपने कर्मों का पश्चाताप किया।


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भाग 7: समाप्ति

समय बीतने के साथ, यह घटना गाँव में एक लोककथा बन गई। लोग इसे सुनकर सीखते थे कि:

1. भय और लालच से दूर रहें।


2. प्यार और सम्मान से जीवन जीएँ।


3. अनैतिक कार्य का अंत हमेशा दुखद होता है।



गौरी की याद और उनकी आत्मा की शांति के लिए गाँव में प्रतिवर्ष एक स्मृति दिवस मनाया जाने लगा, जिसमें लोग सहिष्णुता, दया और सहयोग की महत्ता को याद करते थे।

rajukumarchaudhary502010

कालरात्रि universh ka time line 👇👇👇

kumar00

तेरी मुस्कान में हम खो गए,
जाने क्यों दिल तुझपे फ़िदा हो गया।
तेरी चाहत बिन दिखे भी रहती है,
मेरे वजूद में तेरी रूह सा बस गई है।

तेरे सहारे ही तो जीते हैं हम,
जहाँ में तुझसा नहीं कोई।
तेरे दिल का टुकड़ा जैसे
मेरे पहलू में छुपा दिया गया हो कहीं।

तेरी हँसी में सुकून है,
तेरी खामोशी भी एक दुआ सी लगती है।
तेरा होना ही काफी है,
तेरे बिना ये दुनिया अधूरी सी लगती है।
_Mohiniwrites

neelamshah6821

सर्कार आपकी लेखिका यानी मै हूं !

gautamreena712gmail.com185620

मुस्कुराती आँखों में चमक है प्यार की,
छोटी हथेलियों में दुनिया का सार है।
एक संगिनी, एक परछाई,
जैसे धड़कन के साथ दिल की तार है।

टूटू खींचती दुपट्टा हौले से,
जैसे कह रही हो — "मैं भी तुम्हारी तरह बनूँगी।"
और मैंँ हँसकर देखती है उसे,
मानो कह रही हो — "तू मेरी सबसे खूबसूरत धुन होगी।"

घास पर बिखरी है हँसी,
हवा में घुला है अपनापन,
इस रिश्ते का हर रंग,
दुनिया की सबसे अनमोल दास्तान है।

akankshasrivastava3617

थोड़ा थक सी गई हूं मैं,
इसलिए ज्यादा बोलना छोड़ दिया है, इसका मतलब ये नहीं कि
मैंने रिश्ता निभाना छोड़ दिया है...

याद तो करती हूं मैं सभी को
परवाह भी करती हूं,
मगर कब करती हूं?
कितना करती हूं?
अब बस बताना छोड़ दिया है।।

reenachouhan428395