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New bites

पावसाच्या पहिल्या सरीसारखा एक क्षण आला,
आकाश झरझर रडत होतं, पण मन मात्र हसत होतं.
कागदाच्या होड्या सुटल्या पुन्हा एकदा,
आणि बालपण धावत आलं — चिंब भिजून.

ओल्या वाऱ्यात एक हळूशा गंध पसरला,
जणू जुन्या पत्रांमधून उमटलेलं तुझं हसू.
त्या मोडक्या वाऱ्यावर अजूनही आपलं नाव लिहिलं होतं,
आणि पावसाने ते मिटवलं नाही — जपून ठेवलं.

मातीचा सुगंध फक्त वास नसतो,
तो आठवणीतला पहिला पाऊस असतो,
आईच्या पदराचा स्पर्श असतो,
आणि वडिलांच्या डोक्यावरच्या छत्रीची सावली.

हा पाऊस भिजवतोही आणि सावरतोही,
जणू जुनं प्रेम नव्याने उमलतंय.
एक क्षणासाठी तरी वाटतं,
"हरवलेलं काहीच हरवत नसतं, पाऊस परत आणतो."

रस्त्यावरची चिखलट वाट सुद्धा एखाद्या कवितेसारखी वाटते,
कारण त्यावरून चालताना आठवणींना घसरणं लागतं,
आणि त्या घसरण्यांतूनच
आपल्याला आपलं खरं आयुष्य सापडतं.


Fazal Abubakkar Esaf

fazalesaf2973

विचार जो आपको रखे आगे….

piyushgoel6666

✨ “Punctuality is not just about being on time,

it’s about respecting your future.

A few lost minutes today can cost you a lifetime tomorrow.”



— Nensi Vithalani

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सात भाई और उनकी बहन की दुखद कथा

भाग 1: गाँव और परिवार का परिचय

बहुत समय पहले, एक घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरे गाँव में सात भाई और उनकी प्यारी बहन रहते थे। गाँव का नाम था सुमंगलपुर। यह गाँव हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध था, लेकिन वहाँ के लोग बहुत मेहनती थे।

सातों भाई – अजय, विजय, मनोज, संजय, रवि, दीपक और सतीश – मेहनती और ताकतवर थे, लेकिन उनमें कभी-कभी आपसी झगड़े और छोटी-छोटी बातों पर अहंकार उभर आता था। उनकी बहन गौरी गाँव की सबसे सुंदर और बुद्धिमान लड़की थी। उसका स्वभाव दयालु और प्रेमपूर्ण था। वह हर किसी की मदद करती और भाईयों की चिंता करती।

गाँव में लोगों के बीच यह कहा जाता था कि सात भाई और उनकी बहन एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं। लेकिन किस्मत में उन्हें भयानक परीक्षा लेने वाली थी।


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भाग 2: अकाल और भय

एक वर्ष गाँव में भयंकर अकाल पड़ा। खेतों में फसल नहीं हुई, नदियाँ सूख गईं और गाँव में भोजन की कमी होने लगी। लोगों के चेहरे पर चिंता और डर स्पष्ट था।

भाइयों को भी डर लगने लगा। उन्होंने सोचा, “अगर भोजन नहीं मिलेगा, तो हम सभी मर जाएंगे।”
गौरी ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि भाई-बहनों का प्यार और आपसी सहयोग सबसे बड़ी ताकत है, लेकिन अकाल और भय ने उनके दिलों में लालच और क्रोध पैदा किया।


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भाग 3: मन में अंधकार

भाई धीरे-धीरे गलत विचारों में फंसने लगे। उन्हें लगा कि अगर बहन नहीं रहेगी तो भोजन की समस्या हल हो सकती है।
गौरी ने उन्हें प्रेम और दया से समझाया, लेकिन डर और लालच की शक्ति ने उनके दिलों पर कब्जा कर लिया।

रात के समय, गाँव के बुजुर्गों ने कहा:
“भय और लालच इंसान को सबसे भयानक कदम उठाने पर मजबूर कर सकता है। जो भी नैतिकता से हटकर काम करेगा, उसका अंत दुखद होगा।”

लेकिन भाई सुनने को तैयार नहीं थे।


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भाग 4: भयावह निर्णय

भाईयों ने भय और लालच में एक भयंकर निर्णय लिया। वे यह सोच रहे थे कि बहन को मारकर भोजन की कमी हल हो जाएगी।

गौरी, अपनी बुद्धिमत्ता और धैर्य से, उन्हें बार-बार समझाती रही:
“भाईयों, यह रास्ता हमें विनाश की ओर ले जाएगा। हम मिलकर अन्य उपाय ढूँढ सकते हैं।”

लेकिन उनके शब्द भाईयों के दिल तक नहीं पहुँच पाए। उनका भय और लालच उनकी समझ पर भारी पड़ गया।


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भाग 5: दुखद घटना

अंततः, एक भयंकर रात में, भय और लालच ने उन्हें ऐसा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया, जिसका परिणाम वे कभी नहीं भूल पाए।

यह घटना पूरे गाँव में फैल गई। लोग स्तब्ध रह गए। यह बताते हुए कि भय और लालच इंसान को कितना विनाशकारी बना सकता है।


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भाग 6: पछतावा और शिक्षा

घटना के बाद, भाइयों का मन व्यथित और दुखी हो गया। उन्होंने देखा कि भय और लालच ने न केवल बहन को छीन लिया, बल्कि उनके जीवन को भी अंधकार में डाल दिया।

गाँव के लोग उनकी गलती देखकर उन्हें समझाने लगे:
“जो भी नैतिकता से हटकर काम करता है, उसका अंत हमेशा दुखद होता है। प्रेम, दया और सहयोग ही जीवन की असली ताकत हैं।”

भाइयों ने महसूस किया कि भय और लालच इंसान को विनाश की ओर ले जाते हैं, और उन्होंने अपने कर्मों का पश्चाताप किया।


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भाग 7: समाप्ति

समय बीतने के साथ, यह घटना गाँव में एक लोककथा बन गई। लोग इसे सुनकर सीखते थे कि:

1. भय और लालच से दूर रहें।


2. प्यार और सम्मान से जीवन जीएँ।


3. अनैतिक कार्य का अंत हमेशा दुखद होता है।



गौरी की याद और उनकी आत्मा की शांति के लिए गाँव में प्रतिवर्ष एक स्मृति दिवस मनाया जाने लगा, जिसमें लोग सहिष्णुता, दया और सहयोग की महत्ता को याद करते थे।

rajukumarchaudhary502010

कालरात्रि universh ka time line 👇👇👇

kumar00

तेरी मुस्कान में हम खो गए,
जाने क्यों दिल तुझपे फ़िदा हो गया।
तेरी चाहत बिन दिखे भी रहती है,
मेरे वजूद में तेरी रूह सा बस गई है।

तेरे सहारे ही तो जीते हैं हम,
जहाँ में तुझसा नहीं कोई।
तेरे दिल का टुकड़ा जैसे
मेरे पहलू में छुपा दिया गया हो कहीं।

तेरी हँसी में सुकून है,
तेरी खामोशी भी एक दुआ सी लगती है।
तेरा होना ही काफी है,
तेरे बिना ये दुनिया अधूरी सी लगती है।
_Mohiniwrites

neelamshah6821

सर्कार आपकी लेखिका यानी मै हूं !

gautamreena712gmail.com185620

मुस्कुराती आँखों में चमक है प्यार की,
छोटी हथेलियों में दुनिया का सार है।
एक संगिनी, एक परछाई,
जैसे धड़कन के साथ दिल की तार है।

टूटू खींचती दुपट्टा हौले से,
जैसे कह रही हो — "मैं भी तुम्हारी तरह बनूँगी।"
और मैंँ हँसकर देखती है उसे,
मानो कह रही हो — "तू मेरी सबसे खूबसूरत धुन होगी।"

घास पर बिखरी है हँसी,
हवा में घुला है अपनापन,
इस रिश्ते का हर रंग,
दुनिया की सबसे अनमोल दास्तान है।

akankshasrivastava3617

थोड़ा थक सी गई हूं मैं,
इसलिए ज्यादा बोलना छोड़ दिया है, इसका मतलब ये नहीं कि
मैंने रिश्ता निभाना छोड़ दिया है...

याद तो करती हूं मैं सभी को
परवाह भी करती हूं,
मगर कब करती हूं?
कितना करती हूं?
अब बस बताना छोड़ दिया है।।

reenachouhan428395

Good night friends

kattupayas.101947

મનની વાત

સ્ત્રી દરિયા જેવી હોય છે:
​ક્યારેક શાંત, ક્યારેક તોફાની.
​ક્યારેક બધું તબાહ કરી નાખે તેવી,
તો ક્યારેક સંપૂર્ણ રીતે સમર્પણ કરી દે તેવી.

​પુરુષ ખલાસી જેવો હોવો જોઈએ:
​સ્ત્રી ને એક સાચો ખલાસી ,
પુરુષ જ સમજી શકે છે.
​જ્યારે દરિયો તોફાને ચડે,
ત્યારે સાચો ખલાસી શાંત રહે છે.
​એક પુરુષે ખલાસી જેવું બનવું જોઈએ,
જે સ્ત્રીને દરિયાની જેમ તેના મૂળથી સમજી શકે.
DHAMAK

heenagopiyani.493689

rgposhiya2919

Intelligence

kattupayas.101947

Love birds

kattupayas.101947

Birds life is better than Human's life

kattupayas.101947

Lets go on world tour. its wide open

kattupayas.101947

Travel experience

kattupayas.101947

न जन्म हमारी मर्जी से होता है

न मृत्यु ही हमारी मर्जी से होती है

तो जन्म मृत्यु के बीच होने वाली व्यवस्था हमारी मर्जी से कैसे हो सकता है

जो आपके कर्मों के योग्य है वो आपको मिल जायेगा

और जो नही है वो छीन जायेगा

हमारा काम है सिर्फ कर्म करते रहना

वास्तव में कर्म क्या है?

भजन ही कर्म है बाकी तो मोह माया है

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Homecoming

kattupayas.101947

Have a peaceful evening

kattupayas.101947