चंद्रयान को भेजकर, पहुँचाया संदेश।
हिंदुस्तानी कम नहीं, अंतरिक्ष उन्मेश।।
कर्म साधना पर बढ़ें, गीता का है ज्ञान।
करें निरंतर साधना, कलयुग का भगवान।।
हिम्मत कभी न हारिए, करें लगन से काम।
हर मुश्किल आसान हो, मदद करेंगे राम।।
चंद दिनों के बाद ही, उड़ा क्षितिज की ओर।
अग्नि पिंड को समझने, पकड़ा उसका छोर।।
नमस्कार है सूर्य को, इसरो का अभियान।
उसके तेज प्रकाश का, करना अनुसंधान ।।
इसरो ने चौंका दिया, भारत को अभिमान।
विश्व जगत अब देखता, विश्व गुरू का ज्ञान।।
मनोजकुमार शुक्ल मनोज