#उमंग की याद
#उमंग ! जिसका जिक्र मैने कहीं बार किया है। जिसकी बात मेरे लब्जों पर हमेंशा रहती है। जो हर वक़्त हमारे दिल मे है।
कुछ बाते है जो "उमंग" से जुड़ी है, उसकी यादों से जुड़ी है। जो हमसब से दूर होते हुए भी हमारे पास होने का एक अहसास है और एक भरोसा है। की वो जहा भी है वहा से हमें देख रहा होगा और सुन रहा होगा।
13-11-1997 को उमंग का जन्म हुआ था। वो मेरी बुआ का एक लौता बेटा था। और सात मामाओ का एक भानेज।
19 मे 2004, यह वो दिन है जिस दिन हम सबके जीवन मे अंधेरा सा गया। जिसके बाद रोशनी होते हुए भी उसका प्रकाश फीका ही लगता है।
मुझे याद है वो दिन, शाम का वक़्त था। में और मेरी मम्मी खेत से घर आ रहे थे तभी रास्ते मे खबर मिली उमंग भगवान जी के पास चला गया।
सबसे पूछा, ये कैसे हुआ? तो बताया की दोनों भाई - बहन खेल रहे थे और खेलते खेलते वो कुवे मे गिर गया।
उस दिन को 19 साल हो गये है। उसे याद करती हूँ तो उसका चेहरा भी ठीक से याद नहीं आता है। वो भी धुधला सा हो गया है। बस कुछ पल याद है। दादीमाँ के घर सीडीओ पर उमंग के साथ खेलते थे। चोटिला के मंदीर, मेरे पापा और भाई - बहनो के साथ खीची हुई एक तस्वीर, और कुछ उसके बचपन की तस्वीरे जो बुआ के पास थी जिसे मैने अपने आल्बम में संभाल के रखी है। बस इतनी और वही यादें है। और कुछ भी नहीं है......
उमंग हमारे परिवार का वो सदस्य था जिसे हमसब की खुशी शुरू होती थी। हर रोज उसे याद करते है। और सोचते है काश वो हमारे साथ होता। तो जिंदगी कुछ और होती......
उमंग! कितनी सारी बाते है जो तुम्हें कहना चाहते है। पर उसे सुनने के लिये तुम पास नहीं हो। हर साल भूमि (उमंग की छोटी बहन) रक्षाबंधन पर तेरे लिये राखी लेती है। तेरी कलाई पर बांध नहीं सकती इसलिए तेरी तस्वीर पर बांधती है। वैसे तो वो तुझे हर दिन याद करती है। पर त्योहार और प्रसंगो मे तेरी कमी बहोत महसूस होती है। वो किसीको बताती नहीं है पर तुझे याद करके कहीं बार रोती है।
उमंग के बिना आज भी अधूरा लगता है परिवार, आज भी आँखों मे आँसु है, आज भी जुबान पर उसका नाम है और हमेंशा रहेगा।
तुम हमारे दिल ❤ के करीब तो हो
बस हमारे करीब नहीं हो।।
We all miss you so much "Umang"