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asmehta225927

asmehta225927

asmehta225927

गर ज़िन्दगी मज़ाक है तोे खुल के खिलखिलाओ मित्रों

और अगर मज़ेदार है तो जम के तालियाँ बजाओ मित्रों

kumars11

Cool Morning
with Romantic
Nature can be
Felt,
Just Enjoy
the call of Beauty..!
?

kumars11

....

madakiya

mitnanda004950

રાહ જોઉં છું એ સમયની
જે સમયમાં તું સાથે હોય
કાલી ઘેલી તારી વાતો હોય
હસવાની થોડી પળો હોય
તારો મીઠો ગુસ્સો હોય
મારુ ક્યારેક મૌન હોય
તારી અવિરત વાતો હોય
કેટ કેટલી આશાઓ હોય
દિવસ આખાની ચર્ચા હોય
કેટલાક પ્રશ્નોના જવાબો હોય
દુનિયાની કોઈ ફિકર ના હોય
બસ "હું" અને "તું" જ હોય


waiting for #captain

-- Nirav Patel SHYAM

માતૃભારતી થકી પ્રસારિત થઇ https://www.matrubharti.com/bites/111049841

chiragpatel002645

devdevdas014328

..................सत्या का लक्ष्य..............

अरे ओ बेटा उठजा देख दिन सर  पर आगया है और बगल के भैया आफिस जा रहे है सब अपना काम कर रहे है तू अभी तक सोया है क्यों ऐसा कर रहा है चल उठजा ।
तू ऐसे नही मानेगा माँ कम्बल खीचते हुवे । रुक जा माँ थोड़ा सा और सो लेने दे थोड़ी देर और अभी उठता हु न 
मैं जानती हूं बेटा तू कैसे उठेगा माँ उसका हाथ खीचते हुवे 
थोड़ी देर और सो लेने दे माँ परेसान मत कर  बस थोड़ी देर और 
तेरा रोज का आदत बन गया है सूर्या तू ऐसे नही मानेगा रुक कहते हुवे माँ ने उसको बेड से नीचे खीच के उतार दिया। माँ सोने दो प्लीज  माँ माँ  समझो न सोने दो माँ सोने दो बहुत नीद आरही है 
माँ धकेलते हुवे स्नानगृह में जा जल्दी तरोताजा हो मै ने चाय बनाया है ठंडी हो जाएगी।
आज तुजे बुरा लग रहा है न बेटा जब मैं नही रहूंगी तो तू सोचेगा ये कहते हुवे माँ की आंखे आशुओ से भर गयीं।
माँ तौलिया देना ये कहते हुवे सूर्या ब्रश करने लगा
फ्रेस होकर वह स्नानगृह से वापस आते हुवे माँ माचिस कहा है वही गैस के पास रखी हु ले ले  बेटा और हा अगरबत्ती भी जला देना हमेसा पूजा करता है लेकिन अगरबत्ती जलाना ही भूल जाते हो।
माँ देख फ़ोन बज रहा है सायद किसी का फोन आ रहा है देखती हूं बेटा।
बेटा ब्रेड गैस के पास रखी हु उसपे घी लगा के सेक ले और चाय के साथ खा ले तबियत ठीक नही लग रहा है अभी थोड़ा आराम होता है तो मैं खाना बनाती हु। ठीक है मै
थोड़ी देर बाद माँ चाय ले लो ठीक है रख दे बेटा अभी मैं लेती हूं । नही मा ये लो सुर्या माँ की सर पकड़ के उठाते
हुए तू नही मानेगा ठीक है ला दे।
नास्ता करने के बाद रोज की तरह दूध पीने के बाद ओ टी वी देखने लगा।
 सुर्या के जिंदगी में दोस्तो की तरह साथ देने वाले पिताजी जान देने वाला भाई फिक्र करने वाली माँ के साथ ए कहा जा रहे हो हीरो कहने वाली बहन और जान और जानू कहने वाली दो-दो गर्ल फ्रेंड और चल पार्टी करते है भाई कहने वाले अच्छे दोस्त है।
इसके बावजूद उसकी ये सोच है कि उसकी जिंदगी किसी खोज के लिए बनी ह उसके मन मे कुछ इस तरह के सवाल उठते रहते हैै ।
मेरा जन्म आखिर क्यों हुआ है?
क्या मैं भी लोगो की तरह मर जाऊंगा ?
क्यों लोग पैसे को ही सब कुछ मान ले रहे जबकि उससे केवल जरूरत ही पूरी होती है ।
आखिर इस जिंदगी का मकसद क्या है?
इस बात की सच्चाई जानने के लिए कई पंडितो महात्माओ मोलवियों डॉक्टरों आदि से मिला पर उसको कही पर भी सही जबाब नही मिला जिससे ओ खुस रह सके ।उसे उम्मीद है कि एक दिन जरूर उसको एक लक्ष्य मिलेगा।
और उसके सारे प्रश्नों का उत्तर जरूर मिलेगा।
                               Durgesh tiwari 

जारि है............................

durgeshtiwari1100gmail.co

આજના દશઁન
શ્રી ખોડલધામ - કાગવડ
Dt :- 21/11/2018
?જય ખોડલધામ?
Sandip prajapati Vankal

sandipprajapatisandipprajapati214057

*તું એટલે*,
મારી આંખમાં આંજેલું એક નામ,
*તું એટલે*,
મારી ગમતી સફરનું પૂર્ણ-વિરામ.
..@k¡πu...

jigneshparmar101021

#AB ?kunjdeep..

kinjalpandya83.kp

arjunkraval195206

भारत के सौंदर्य जगत ने फ़िल्म उद्योग को कई अभिनेत्रियां दी हैं। सुष्मिता सेन, ऐश्वर्या राय, लारा दत्ता, दिया मिर्ज़ा, नेहा धूपिया, प्रियंका चोपड़ा, युक्ता मुखी, ज़ीनत अमान आदि ने फ़िल्मों में पदार्पण किया। इनमें सफ़लता की बात करें, तब भी एक भव्य चित्र हमारे सामने उभरता है।
प्रियंका चोपड़ा ने जहां बेहतरीन विविधतापूर्ण फ़िल्मों के साथ - साथ विश्व सिनेमा में जो नाम कमाया है वह बेमिसाल है।
ज़ीनत अमान ने तो एकाएक फ़िल्म जगत में आकर जैसे तहलका ही मचा डाला था। एक समय था जब हर बड़ा निर्माता या तो उनके साथ काम कर रहा था या उन्हें साइन करने की चाहत रखता था।
ऐश्वर्या राय ने भी चोटी पर पहुंच कर कई बेहतरीन फिल्में दीं।
इन खूबसूरत चेहरों ने 70 के दशक में एकाएक उभरी उस धारणा को लगभग मिटा ही डाला कि सफलता के लिए सुन्दर चेहरा नहीं, दमदार अभिनय चाहिए।
सत्तर के दशक की यह धारणा रेहाना सुलतान, राधा सलूजा, स्मिता पाटिल, विद्या सिन्हा, शबाना आज़मी, सुमिता सान्याल, जाहिदा, जाहिरा जैसी अभिनेत्रियों की एक बाढ़ सी लाई थी। इनमें से कुछ फ़िल्म इंस्टीट्यूट से प्रशिक्षित चेहरे भी थे। किन्तु जल्दी ही यह सिद्ध हो गया कि नायिकाओं के मामले में हमारे दर्शक अभी तक इतने परिपक्व नहीं हुए हैं कि वे उनमें सौंदर्य न तलाश कर अभिनय क्षमता के कायल हों।
आज फ़िर कैटरीना, दीपिका, आलिया, श्रद्धा और तापसी का बोलबाला है।

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