दोस्ती ,,,,
हां दोस्ती और प्यार में बहुत फर्क होता है ,,,,दोस्ती हमें उठाना और प्यार हमें झुकना सीखना है,,
दोस्ती में ना कोई हिचकिचाहत ना कोई शर्म होती है,,,,वह तो बिंदास होता है,,
लेकिन प्यार में एक सीमा होती है ,,,जिसे लोग विश्वास का नाम भी दे देते हैं ,,,,लेकिन कब टूट जाए ,,,किसी को पता नहीं चलता ,,,
वह एक कच्चे धागे की तरह होता है,,,टूट जाए तो जल्दी जुड़ता नहीं,,,,और,,
और प्यार में बहुत सी वेडिया होती है ,,,,जिस पार कर ,,,प्यार को हासिल किया जाता है
लेकिन दोस्ती ,,,दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो बगैर मांगे मिल जाता है ,,,,,दोस्ती में हमें खुश और गम दोनों सीखाता है,,
और प्यार में तो हमेशा बटना सीखता है,,,सिर्फ बटना सीखाता है
,,,दोस्ती दोस्ती में तो सिर्फ दोस्ती होती है ,,,,लेकिन प्यार में तो, , ,,,,, लोग बहुत बातें करते है ,,,,,जो मोहब्बत फीकी पड़ जाने पर ,,,,वह सब कुछ भूल जाता है ,,,,
लेकिन दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है ,,,,जो हर वादे को भी उसे पूरा करने को याद दिलाता है ,,,,दोस्ती खुशी हो या गम हमेशा साथ रहता है
लेकिन प्यार वेडियो में बंध,,,,वह रास्ते में ही साथ छोड़ जाता है,,, अपनी मां-बाप या परिवार का वास्ता दे जाता है ,,,
लेकिन दोस्ती में ऐसी कोई बंदिशे नहीं होती,,,,वह तो पाक होती है
और प्यार तो पाक होकर भी नापाक बन जाती है,,,,अगर वह मुकम्मल ना हो तो
क्योंकि दोस्ती में कोई ऐसे वादे नहीं होते,,,,कि मैं तेरे लिए चांद तारे तोडूंगा ,,,,तेरे लिए हर हद से गुजर जाऊंगा,,,, क्योंकि इसका भी एक अंदाज होता है
लेकिन प्यार में कई झूठे वादे और कई दर्द होते हैं जो वक्त आने पर बगैर कुछ किया ही मिल जाते हैं ,,,किसी का वास्ता दे हमें छोड़ जाते हैं
प्यार,,,,प्यार चेहरा और खूबसूरती देखता है,,,अगर पसंद आया तो कर लिया ,,,वरना दूसरे को ढूंढने चला जाता है,,,, लेकिन दोस्ती दोस्ती सिर्फ दिल देखता है,,,,,चाहे इंसान का हो या जानवर का