The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
World's trending and most popular quotes by the most inspiring quote writers is here on BitesApp, you can become part of this millions of author community by writing your quotes here and reaching to the millions of the users across the world.
लोक कथा: "सच्चाई की ताकत"
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह गरीब था लेकिन दिल से बहुत ईमानदार और मेहनती। उसकी ज़मीन छोटी थी, पर वह हर दिन कड़ी मेहनत करता था, अपने परिवार के लिए।
एक दिन उसने खेत में हल चला रहा था, तो हल की नोक कहीं फंस गई। जब वह उसे निकालने गया, तो उसे ज़मीन के नीचे से एक बड़ा संदूक मिला। संदूक में सोने-चांदी के आभूषण और धन-दौलत भरी हुई थी।
किसान ने सोचा, "इतनी दौलत पाकर मैं तो अमीर हो जाऊंगा! पर अगर मैं इसे छुपा लूँ तो मेरे गाँव वाले क्या कहेंगे?" उसने तुरंत फैसला किया कि वह गाँव के मुखिया के पास जाकर यह ख़ज़ाना सौंप देगा।
गाँव के मुखिया ने धन को देखकर कहा, "यह खजाना तो राजा का है, इसे तुरंत राजमहल भेजो।" किसान ने पूरी ईमानदारी से खजाना राजा तक पहुंचाया।
राजा बहुत खुश हुआ और उसने किसान को बहुत इनाम दिया। उसने कहा, "तुम्हारी ईमानदारी ने तुम्हें अमीर तो बनाया ही, साथ ही तुम्हारा नाम भी हमारे राज्य में अमर कर दिया।"
सीख:
ईमानदारी और सच्चाई की कोई कीमत नहीं होती, वह इंसान को असली दौलत देती है। दौलत जो चोरी या छल से मिले, वह कभी टिकती नहीं। असली सफलता तो वही है जो सही रास्ते से मिले।https://www.amazon.in/dp/1612681131?tag=rajukumar-21
लोक कथा: "सच्चाई की ताकत"
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह गरीब था लेकिन दिल से बहुत ईमानदार और मेहनती। उसकी ज़मीन छोटी थी, पर वह हर दिन कड़ी मेहनत करता था, अपने परिवार के लिए।
एक दिन उसने खेत में हल चला रहा था, तो हल की नोक कहीं फंस गई। जब वह उसे निकालने गया, तो उसे ज़मीन के नीचे से एक बड़ा संदूक मिला। संदूक में सोने-चांदी के आभूषण और धन-दौलत भरी हुई थी।
किसान ने सोचा, "इतनी दौलत पाकर मैं तो अमीर हो जाऊंगा! पर अगर मैं इसे छुपा लूँ तो मेरे गाँव वाले क्या कहेंगे?" उसने तुरंत फैसला किया कि वह गाँव के मुखिया के पास जाकर यह ख़ज़ाना सौंप देगा।
गाँव के मुखिया ने धन को देखकर कहा, "यह खजाना तो राजा का है, इसे तुरंत राजमहल भेजो।" किसान ने पूरी ईमानदारी से खजाना राजा तक पहुंचाया।
राजा बहुत खुश हुआ और उसने किसान को बहुत इनाम दिया। उसने कहा, "तुम्हारी ईमानदारी ने तुम्हें अमीर तो बनाया ही, साथ ही तुम्हारा नाम भी हमारे राज्य में अमर कर दिया।"
सीख:
ईमानदारी और सच्चाई की कोई कीमत नहीं होती, वह इंसान को असली दौलत देती है। दौलत जो चोरी या छल से मिले, वह कभी टिकती नहीं। असली सफलता तो वही है जो सही रास्ते से मिले।https://www.amazon.in/dp/1612681131?tag=rajukumar-21
लोक कथा: "सच्चाई की ताकत"
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह गरीब था लेकिन दिल से बहुत ईमानदार और मेहनती। उसकी ज़मीन छोटी थी, पर वह हर दिन कड़ी मेहनत करता था, अपने परिवार के लिए।
एक दिन उसने खेत में हल चला रहा था, तो हल की नोक कहीं फंस गई। जब वह उसे निकालने गया, तो उसे ज़मीन के नीचे से एक बड़ा संदूक मिला। संदूक में सोने-चांदी के आभूषण और धन-दौलत भरी हुई थी।
किसान ने सोचा, "इतनी दौलत पाकर मैं तो अमीर हो जाऊंगा! पर अगर मैं इसे छुपा लूँ तो मेरे गाँव वाले क्या कहेंगे?" उसने तुरंत फैसला किया कि वह गाँव के मुखिया के पास जाकर यह ख़ज़ाना सौंप देगा।
गाँव के मुखिया ने धन को देखकर कहा, "यह खजाना तो राजा का है, इसे तुरंत राजमहल भेजो।" किसान ने पूरी ईमानदारी से खजाना राजा तक पहुंचाया।
राजा बहुत खुश हुआ और उसने किसान को बहुत इनाम दिया। उसने कहा, "तुम्हारी ईमानदारी ने तुम्हें अमीर तो बनाया ही, साथ ही तुम्हारा नाम भी हमारे राज्य में अमर कर दिया।"
सीख:
ईमानदारी और सच्चाई की कोई कीमत नहीं होती, वह इंसान को असली दौलत देती है। दौलत जो चोरी या छल से मिले, वह कभी टिकती नहीं। असली सफलता तो वही है जो सही रास्ते से मिले।https://www.amazon.in/dp/1612681131?tag=rajukumar-21
लोक कथा: "सच्चाई की ताकत"
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह गरीब था लेकिन दिल से बहुत ईमानदार और मेहनती। उसकी ज़मीन छोटी थी, पर वह हर दिन कड़ी मेहनत करता था, अपने परिवार के लिए।
एक दिन उसने खेत में हल चला रहा था, तो हल की नोक कहीं फंस गई। जब वह उसे निकालने गया, तो उसे ज़मीन के नीचे से एक बड़ा संदूक मिला। संदूक में सोने-चांदी के आभूषण और धन-दौलत भरी हुई थी।
किसान ने सोचा, "इतनी दौलत पाकर मैं तो अमीर हो जाऊंगा! पर अगर मैं इसे छुपा लूँ तो मेरे गाँव वाले क्या कहेंगे?" उसने तुरंत फैसला किया कि वह गाँव के मुखिया के पास जाकर यह ख़ज़ाना सौंप देगा।
गाँव के मुखिया ने धन को देखकर कहा, "यह खजाना तो राजा का है, इसे तुरंत राजमहल भेजो।" किसान ने पूरी ईमानदारी से खजाना राजा तक पहुंचाया।
राजा बहुत खुश हुआ और उसने किसान को बहुत इनाम दिया। उसने कहा, "तुम्हारी ईमानदारी ने तुम्हें अमीर तो बनाया ही, साथ ही तुम्हारा नाम भी हमारे राज्य में अमर कर दिया।"
सीख:
ईमानदारी और सच्चाई की कोई कीमत नहीं होती, वह इंसान को असली दौलत देती है। दौलत जो चोरी या छल से मिले, वह कभी टिकती नहीं। असली सफलता तो वही है जो सही रास्ते से मिले।https://gigl.page.link/ZySKZrCuoWCzEHjx8https://www.amazon.in/dp/1612681131?tag=rajukumar-21
लोक कथा: "सच्चाई की ताकत"
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह गरीब था लेकिन दिल से बहुत ईमानदार और मेहनती। उसकी ज़मीन छोटी थी, पर वह हर दिन कड़ी मेहनत करता था, अपने परिवार के लिए।
एक दिन उसने खेत में हल चला रहा था, तो हल की नोक कहीं फंस गई। जब वह उसे निकालने गया, तो उसे ज़मीन के नीचे से एक बड़ा संदूक मिला। संदूक में सोने-चांदी के आभूषण और धन-दौलत भरी हुई थी।
किसान ने सोचा, "इतनी दौलत पाकर मैं तो अमीर हो जाऊंगा! पर अगर मैं इसे छुपा लूँ तो मेरे गाँव वाले क्या कहेंगे?" उसने तुरंत फैसला किया कि वह गाँव के मुखिया के पास जाकर यह ख़ज़ाना सौंप देगा।
गाँव के मुखिया ने धन को देखकर कहा, "यह खजाना तो राजा का है, इसे तुरंत राजमहल भेजो।" किसान ने पूरी ईमानदारी से खजाना राजा तक पहुंचाया।
राजा बहुत खुश हुआ और उसने किसान को बहुत इनाम दिया। उसने कहा, "तुम्हारी ईमानदारी ने तुम्हें अमीर तो बनाया ही, साथ ही तुम्हारा नाम भी हमारे राज्य में अमर कर दिया।"
सीख:
ईमानदारी और सच्चाई की कोई कीमत नहीं होती, वह इंसान को असली दौलत देती है। दौलत जो चोरी या छल से मिले, वह कभी टिकती नहीं। असली सफलता तो वही है जो सही रास्ते से मिले।कभी-कभी ज़िंदगी हमें इतना तोड़ देती है…
कि इंसान को खुद पर भी शक होने लगता है।
लेकिन वही ज़िंदगी हमें वो मोड़ भी देती है…
जहाँ से उड़ान शुरू होती है।
ये कहानी है आदित्य की…
एक ऐसे लड़के की जिसने ज़मीन से आसमान तक का सफर तय किया –
लेकिन बिना शॉर्टकट, बिना किसी चमत्कार के।
सिर्फ अपने हौसले, मेहनत और विश्वास के दम पर।
आदित्य सिंह – बिहार के एक छोटे गाँव का लड़का।
पिता खेती करते थे, माँ गृहिणी थीं।
घर में टीवी नहीं था, मोबाइल नहीं था…
बस था तो एक सपना – IAS बनना।
जब वो अपनी माँ से कहता, "मैं अफसर बनूंगा…"
तो माँ मुस्कुरा देतीं… और कहतीं,
"तू कुछ भी कर सकता है, बेटा… तू मेरा शेर है।"
गाँव वाले हँसते थे, दोस्त मज़ाक उड़ाते –
"तू IAS?"
लेकिन आदित्य के कानों में सिर्फ माँ की बात गूंजती –
"तू कर सकता है…"
12वीं के बाद उसने ग्रेजुएशन किया – गाँव में रहकर ही।
कोचिंग नहीं थी… YouTube पर फ्री लेक्चर देखे।
गाँव के छोटे पुस्तकालय में बैठकर घंटों नोट्स बनाता।
पहली बार परीक्षा दी… और फेल हो गया।
रात को खूब रोया… अकेले… माँ के सामने नहीं।
पर सुबह उठते ही… फिर से किताबों में झुक गया।
दूसरी बार… फिर असफल।
तीसरी बार… सिर्फ दो नंबर से चूक गया।
सबसे बड़ा झटका था।
लोग बोले – “अब छोड़ दे।”
पर आदित्य ने कहा –
"आखिरी बार सही… लेकिन इस बार जान लगा दूंगा।"
सुबह 5 बजे उठना… 14 घंटे पढ़ाई…
सोशल मीडिया बंद… दुनिया से दूरी…
सिर्फ किताबें, चाय, और सपना।
चौथी बार परीक्षा दी…
हर पेपर में आत्मविश्वास था।
रिज़ल्ट आया…
दोस्त ने फोन कर कहा – "भाई… तू टॉप 50 में है!"
वो चुप रहा…
फिर माँ की गोद में सिर रखकर… फूट-फूट कर रो पड़ा।
आज उसका सपना… सच था।
गाँव में ढोल बजे…
जिसे लोग ‘बेकार’ कहते थे… अब उसे ‘साहब’ कहा जाने लगा।
माँ की आँखें नम थीं… लेकिन मुस्कान थी।
अब वही लोग इंटरव्यू लेने आए…
जो कभी कहते थे – "तेरे बस का नहीं।"
ज़िंदगी में गिरना ज़रूरी है…
क्योंकि तभी तो उड़ने का हौसला पैदा होता है।
अगर आदित्य… उस छोटे गाँव का लड़का…
बिना साधन, बिना कोचिंग…
देश का अफसर बन सकता है –
तो आप क्यों नहीं?
"हार सकते हो… लेकिन हार मानना मत।"
अगर ये कहानी आपको प्रेरणा देती है…
तो वीडियो को Like करें,
Comment में लिखें – "मैं भी कर सकता हूँ",
और हमारे चैनल *Kahaniyon Ka Duniya* को Subscribe करना मत भूलें।
आपका एक Like…
एक नए आदित्य को हिम्मत दे सकता हैhttps://gigl.page.link/ZySKZrCuoWCzEHjxhttps://www.amazon.in/dp/1612681131?tag=rajukumar-2https://www.amazon.in/dp/1612681131?tag=rajukumar-2
लोक कथा: "सच्चाई की ताकत"
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह गरीब था लेकिन दिल से बहुत ईमानदार और मेहनती। उसकी ज़मीन छोटी थी, पर वह हर दिन कड़ी मेहनत करता था, अपने परिवार के लिए।
एक दिन उसने खेत में हल चला रहा था, तो हल की नोक कहीं फंस गई। जब वह उसे निकालने गया, तो उसे ज़मीन के नीचे से एक बड़ा संदूक मिला। संदूक में सोने-चांदी के आभूषण और धन-दौलत भरी हुई थी।
किसान ने सोचा, "इतनी दौलत पाकर मैं तो अमीर हो जाऊंगा! पर अगर मैं इसे छुपा लूँ तो मेरे गाँव वाले क्या कहेंगे?" उसने तुरंत फैसला किया कि वह गाँव के मुखिया के पास जाकर यह ख़ज़ाना सौंप देगा।
गाँव के मुखिया ने धन को देखकर कहा, "यह खजाना तो राजा का है, इसे तुरंत राजमहल भेजो।" किसान ने पूरी ईमानदारी से खजाना राजा तक पहुंचाया।
राजा बहुत खुश हुआ और उसने किसान को बहुत इनाम दिया। उसने कहा, "तुम्हारी ईमानदारी ने तुम्हें अमीर तो बनाया ही, साथ ही तुम्हारा नाम भी हमारे राज्य में अमर कर दिया।"
सीख:
ईमानदारी और सच्चाई की कोई कीमत नहीं होती, वह इंसान को असली दौलत देती है। दौलत जो चोरी या छल से मिले, वह कभी टिकती नहीं। असली सफलता तो वही है जो सही रास्ते से मिले।https://www.amazon.in/dp/1612681131?tag=rajukumar-21
लोक कथा: "सच्चाई की ताकत"
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह गरीब था लेकिन दिल से बहुत ईमानदार और मेहनती। उसकी ज़मीन छोटी थी, पर वह हर दिन कड़ी मेहनत करता था, अपने परिवार के लिए।
एक दिन उसने खेत में हल चला रहा था, तो हल की नोक कहीं फंस गई। जब वह उसे निकालने गया, तो उसे ज़मीन के नीचे से एक बड़ा संदूक मिला। संदूक में सोने-चांदी के आभूषण और धन-दौलत भरी हुई थी।
किसान ने सोचा, "इतनी दौलत पाकर मैं तो अमीर हो जाऊंगा! पर अगर मैं इसे छुपा लूँ तो मेरे गाँव वाले क्या कहेंगे?" उसने तुरंत फैसला किया कि वह गाँव के मुखिया के पास जाकर यह ख़ज़ाना सौंप देगा।
गाँव के मुखिया ने धन को देखकर कहा, "यह खजाना तो राजा का है, इसे तुरंत राजमहल भेजो।" किसान ने पूरी ईमानदारी से खजाना राजा तक पहुंचाया।
राजा बहुत खुश हुआ और उसने किसान को बहुत इनाम दिया। उसने कहा, "तुम्हारी ईमानदारी ने तुम्हें अमीर तो बनाया ही, साथ ही तुम्हारा नाम भी हमारे राज्य में अमर कर दिया।"
सीख:
ईमानदारी और सच्चाई की कोई कीमत नहीं होती, वह इंसान को असली दौलत देती है। दौलत जो चोरी या छल से मिले, वह कभी टिकती नहीं। असली सफलता तो वही है जो सही रास्ते से मिले।https://www.amazon.in/dp/1612681131?tag=rajukumar-21
लोक कथा: "सच्चाई की ताकत"
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह गरीब था लेकिन दिल से बहुत ईमानदार और मेहनती। उसकी ज़मीन छोटी थी, पर वह हर दिन कड़ी मेहनत करता था, अपने परिवार के लिए।
एक दिन उसने खेत में हल चला रहा था, तो हल की नोक कहीं फंस गई। जब वह उसे निकालने गया, तो उसे ज़मीन के नीचे से एक बड़ा संदूक मिला। संदूक में सोने-चांदी के आभूषण और धन-दौलत भरी हुई थी।
किसान ने सोचा, "इतनी दौलत पाकर मैं तो अमीर हो जाऊंगा! पर अगर मैं इसे छुपा लूँ तो मेरे गाँव वाले क्या कहेंगे?" उसने तुरंत फैसला किया कि वह गाँव के मुखिया के पास जाकर यह ख़ज़ाना सौंप देगा।
गाँव के मुखिया ने धन को देखकर कहा, "यह खजाना तो राजा का है, इसे तुरंत राजमहल भेजो।" किसान ने पूरी ईमानदारी से खजाना राजा तक पहुंचाया।
राजा बहुत खुश हुआ और उसने किसान को बहुत इनाम दिया। उसने कहा, "तुम्हारी ईमानदारी ने तुम्हें अमीर तो बनाया ही, साथ ही तुम्हारा नाम भी हमारे राज्य में अमर कर दिया।"
सीख:
ईमानदारी और सच्चाई की कोई कीमत नहीं होती, वह इंसान को असली दौलत देती है। दौलत जो चोरी या छल से मिले, वह कभी टिकती नहीं। असली सफलता तो वही है जो सही रास्ते से मिले।https://www.amazon.in/dp/1612681131?tag=rajukumar-21
लोक कथा: "सच्चाई की ताकत"
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह गरीब था लेकिन दिल से बहुत ईमानदार और मेहनती। उसकी ज़मीन छोटी थी, पर वह हर दिन कड़ी मेहनत करता था, अपने परिवार के लिए।
एक दिन उसने खेत में हल चला रहा था, तो हल की नोक कहीं फंस गई। जब वह उसे निकालने गया, तो उसे ज़मीन के नीचे से एक बड़ा संदूक मिला। संदूक में सोने-चांदी के आभूषण और धन-दौलत भरी हुई थी।
किसान ने सोचा, "इतनी दौलत पाकर मैं तो अमीर हो जाऊंगा! पर अगर मैं इसे छुपा लूँ तो मेरे गाँव वाले क्या कहेंगे?" उसने तुरंत फैसला किया कि वह गाँव के मुखिया के पास जाकर यह ख़ज़ाना सौंप देगा।
गाँव के मुखिया ने धन को देखकर कहा, "यह खजाना तो राजा का है, इसे तुरंत राजमहल भेजो।" किसान ने पूरी ईमानदारी से खजाना राजा तक पहुंचाया।
राजा बहुत खुश हुआ और उसने किसान को बहुत इनाम दिया। उसने कहा, "तुम्हारी ईमानदारी ने तुम्हें अमीर तो बनाया ही, साथ ही तुम्हारा नाम भी हमारे राज्य में अमर कर दिया।"
सीख:
ईमानदारी और सच्चाई की कोई कीमत नहीं होती, वह इंसान को असली दौलत देती है। दौलत जो चोरी या छल से मिले, वह कभी टिकती नहीं। असली सफलता तो वही है जो सही रास्ते से मिले।https://www.amazon.in/dp/1612681131?tag=rajukumar-21
लोक कथा: "सच्चाई की ताकत"
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह गरीब था लेकिन दिल से बहुत ईमानदार और मेहनती। उसकी ज़मीन छोटी थी, पर वह हर दिन कड़ी मेहनत करता था, अपने परिवार के लिए।
एक दिन उसने खेत में हल चला रहा था, तो हल की नोक कहीं फंस गई। जब वह उसे निकालने गया, तो उसे ज़मीन के नीचे से एक बड़ा संदूक मिला। संदूक में सोने-चांदी के आभूषण और धन-दौलत भरी हुई थी।
किसान ने सोचा, "इतनी दौलत पाकर मैं तो अमीर हो जाऊंगा! पर अगर मैं इसे छुपा लूँ तो मेरे गाँव वाले क्या कहेंगे?" उसने तुरंत फैसला किया कि वह गाँव के मुखिया के पास जाकर यह ख़ज़ाना सौंप देगा।
गाँव के मुखिया ने धन को देखकर कहा, "यह खजाना तो राजा का है, इसे तुरंत राजमहल भेजो।" किसान ने पूरी ईमानदारी से खजाना राजा तक पहुंचाया।
राजा बहुत खुश हुआ और उसने किसान को बहुत इनाम दिया। उसने कहा, "तुम्हारी ईमानदारी ने तुम्हें अमीर तो बनाया ही, साथ ही तुम्हारा नाम भी हमारे राज्य में अमर कर दिया।"
सीख:
ईमानदारी और सच्चाई की कोई कीमत नहीं होती, वह इंसान को असली दौलत देती है। दौलत जो चोरी या छल से मिले, वह कभी टिकती नहीं। असली सफलता तो वही है जो सही रास्ते से मिले।https://www.amazon.in/dp/1612681131?tag=rajukumar-21
लोक कथा: "सच्चाई की ताकत"
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह गरीब था लेकिन दिल से बहुत ईमानदार और मेहनती। उसकी ज़मीन छोटी थी, पर वह हर दिन कड़ी मेहनत करता था, अपने परिवार के लिए।
एक दिन उसने खेत में हल चला रहा था, तो हल की नोक कहीं फंस गई। जब वह उसे निकालने गया, तो उसे ज़मीन के नीचे से एक बड़ा संदूक मिला। संदूक में सोने-चांदी के आभूषण और धन-दौलत भरी हुई थी।
किसान ने सोचा, "इतनी दौलत पाकर मैं तो अमीर हो जाऊंगा! पर अगर मैं इसे छुपा लूँ तो मेरे गाँव वाले क्या कहेंगे?" उसने तुरंत फैसला किया कि वह गाँव के मुखिया के पास जाकर यह ख़ज़ाना सौंप देगा।
गाँव के मुखिया ने धन को देखकर कहा, "यह खजाना तो राजा का है, इसे तुरंत राजमहल भेजो।" किसान ने पूरी ईमानदारी से खजाना राजा तक पहुंचाया।
राजा बहुत खुश हुआ और उसने किसान को बहुत इनाम दिया। उसने कहा, "तुम्हारी ईमानदारी ने तुम्हें अमीर तो बनाया ही, साथ ही तुम्हारा नाम भी हमारे राज्य में अमर कर दिया।"
सीख:
ईमानदारी और सच्चाई की कोई कीमत नहीं होती, वह इंसान को असली दौलत देती है। दौलत जो चोरी या छल से मिले, वह कभी टिकती नहीं। असली सफलता तो वही है जो सही रास्ते से मिले।
लोक कथा: "सच्चाई की ताकत"
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह गरीब था लेकिन दिल से बहुत ईमानदार और मेहनती। उसकी ज़मीन छोटी थी, पर वह हर दिन कड़ी मेहनत करता था, अपने परिवार के लिए।
एक दिन उसने खेत में हल चला रहा था, तो हल की नोक कहीं फंस गई। जब वह उसे निकालने गया, तो उसे ज़मीन के नीचे से एक बड़ा संदूक मिला। संदूक में सोने-चांदी के आभूषण और धन-दौलत भरी हुई थी।
किसान ने सोचा, "इतनी दौलत पाकर मैं तो अमीर हो जाऊंगा! पर अगर मैं इसे छुपा लूँ तो मेरे गाँव वाले क्या कहेंगे?" उसने तुरंत फैसला किया कि वह गाँव के मुखिया के पास जाकर यह ख़ज़ाना सौंप देगा।
गाँव के मुखिया ने धन को देखकर कहा, "यह खजाना तो राजा का है, इसे तुरंत राजमहल भेजो।" किसान ने पूरी ईमानदारी से खजाना राजा तक पहुंचाया।
राजा बहुत खुश हुआ और उसने किसान को बहुत इनाम दिया। उसने कहा, "तुम्हारी ईमानदारी ने तुम्हें अमीर तो बनाया ही, साथ ही तुम्हारा नाम भी हमारे राज्य में अमर कर दिया।"
सीख:
ईमानदारी और सच्चाई की कोई कीमत नहीं होती, वह इंसान को असली दौलत देती है। दौलत जो चोरी या छल से मिले, वह कभी टिकती नहीं। असली सफलता तो वही है जो सही रास्ते से मिले।
लोक कथा: "सच्चाई की ताकत"
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह गरीब था लेकिन दिल से बहुत ईमानदार और मेहनती। उसकी ज़मीन छोटी थी, पर वह हर दिन कड़ी मेहनत करता था, अपने परिवार के लिए।
एक दिन उसने खेत में हल चला रहा था, तो हल की नोक कहीं फंस गई। जब वह उसे निकालने गया, तो उसे ज़मीन के नीचे से एक बड़ा संदूक मिला। संदूक में सोने-चांदी के आभूषण और धन-दौलत भरी हुई थी।
किसान ने सोचा, "इतनी दौलत पाकर मैं तो अमीर हो जाऊंगा! पर अगर मैं इसे छुपा लूँ तो मेरे गाँव वाले क्या कहेंगे?" उसने तुरंत फैसला किया कि वह गाँव के मुखिया के पास जाकर यह ख़ज़ाना सौंप देगा।
गाँव के मुखिया ने धन को देखकर कहा, "यह खजाना तो राजा का है, इसे तुरंत राजमहल भेजो।" किसान ने पूरी ईमानदारी से खजाना राजा तक पहुंचाया।
राजा बहुत खुश हुआ और उसने किसान को बहुत इनाम दिया। उसने कहा, "तुम्हारी ईमानदारी ने तुम्हें अमीर तो बनाया ही, साथ ही तुम्हारा नाम भी हमारे राज्य में अमर कर दिया।"
सीख:
ईमानदारी और सच्चाई की कोई कीमत नहीं होती, वह इंसान को असली दौलत देती है। दौलत जो चोरी या छल से मिले, वह कभी टिकती नहीं। असली सफलता तो वही है जो सही रास्ते से मिले।
*Tadap*
Kabhi mehsoos kare koi mera tadapana,
Samjhe woh nadan, dard ka raaz.
Jahan dil bhool gaya raasta,
Wahan roshni bhi chhup gayi.
Chuppi teri, waqt ka zehar,
Mere chehre se ujala cheen liya.
Phir bhi jagi hai chahat,
Pal-pal tu tha mere saath.
Mehboob tha, par chala gaya,
Main raha gehra, bedard aur akela |
_Mohiniwrites
लोक कथा: "सच्चाई की ताकत"
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह गरीब था लेकिन दिल से बहुत ईमानदार और मेहनती। उसकी ज़मीन छोटी थी, पर वह हर दिन कड़ी मेहनत करता था, अपने परिवार के लिए।
एक दिन उसने खेत में हल चला रहा था, तो हल की नोक कहीं फंस गई। जब वह उसे निकालने गया, तो उसे ज़मीन के नीचे से एक बड़ा संदूक मिला। संदूक में सोने-चांदी के आभूषण और धन-दौलत भरी हुई थी।
किसान ने सोचा, "इतनी दौलत पाकर मैं तो अमीर हो जाऊंगा! पर अगर मैं इसे छुपा लूँ तो मेरे गाँव वाले क्या कहेंगे?" उसने तुरंत फैसला किया कि वह गाँव के मुखिया के पास जाकर यह ख़ज़ाना सौंप देगा।
गाँव के मुखिया ने धन को देखकर कहा, "यह खजाना तो राजा का है, इसे तुरंत राजमहल भेजो।" किसान ने पूरी ईमानदारी से खजाना राजा तक पहुंचाया।
राजा बहुत खुश हुआ और उसने किसान को बहुत इनाम दिया। उसने कहा, "तुम्हारी ईमानदारी ने तुम्हें अमीर तो बनाया ही, साथ ही तुम्हारा नाम भी हमारे राज्य में अमर कर दिया।"
सीख:
ईमानदारी और सच्चाई की कोई कीमत नहीं होती, वह इंसान को असली दौलत देती है। दौलत जो चोरी या छल से मिले, वह कभी टिकती नहीं। असली सफलता तो वही है जो सही रास्ते से मिले।
लोक कथा: "सच्चाई की ताकत"
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह गरीब था लेकिन दिल से बहुत ईमानदार और मेहनती। उसकी ज़मीन छोटी थी, पर वह हर दिन कड़ी मेहनत करता था, अपने परिवार के लिए।
एक दिन उसने खेत में हल चला रहा था, तो हल की नोक कहीं फंस गई। जब वह उसे निकालने गया, तो उसे ज़मीन के नीचे से एक बड़ा संदूक मिला। संदूक में सोने-चांदी के आभूषण और धन-दौलत भरी हुई थी।
किसान ने सोचा, "इतनी दौलत पाकर मैं तो अमीर हो जाऊंगा! पर अगर मैं इसे छुपा लूँ तो मेरे गाँव वाले क्या कहेंगे?" उसने तुरंत फैसला किया कि वह गाँव के मुखिया के पास जाकर यह ख़ज़ाना सौंप देगा।
गाँव के मुखिया ने धन को देखकर कहा, "यह खजाना तो राजा का है, इसे तुरंत राजमहल भेजो।" किसान ने पूरी ईमानदारी से खजाना राजा तक पहुंचाया।
राजा बहुत खुश हुआ और उसने किसान को बहुत इनाम दिया। उसने कहा, "तुम्हारी ईमानदारी ने तुम्हें अमीर तो बनाया ही, साथ ही तुम्हारा नाम भी हमारे राज्य में अमर कर दिया।"
सीख:
ईमानदारी और सच्चाई की कोई कीमत नहीं होती, वह इंसान को असली दौलत देती है। दौलत जो चोरी या छल से मिले, वह कभी टिकती नहीं। असली सफलता तो वही है जो सही रास्ते से मिले।
https://www.amazon.in/dp/1612681131?tag=rajukumar-21लोक कथा: "सच्चाई की ताकत"
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह गरीब था लेकिन दिल से बहुत ईमानदार और मेहनती। उसकी ज़मीन छोटी थी, पर वह हर दिन कड़ी मेहनत करता था, अपने परिवार के लिए।
एक दिन उसने खेत में हल चला रहा था, तो हल की नोक कहीं फंस गई। जब वह उसे निकालने गया, तो उसे ज़मीन के नीचे से एक बड़ा संदूक मिला। संदूक में सोने-चांदी के आभूषण और धन-दौलत भरी हुई थी।
किसान ने सोचा, "इतनी दौलत पाकर मैं तो अमीर हो जाऊंगा! पर अगर मैं इसे छुपा लूँ तो मेरे गाँव वाले क्या कहेंगे?" उसने तुरंत फैसला किया कि वह गाँव के मुखिया के पास जाकर यह ख़ज़ाना सौंप देगा।
गाँव के मुखिया ने धन को देखकर कहा, "यह खजाना तो राजा का है, इसे तुरंत राजमहल भेजो।" किसान ने पूरी ईमानदारी से खजाना राजा तक पहुंचाया।
राजा बहुत खुश हुआ और उसने किसान को बहुत इनाम दिया। उसने कहा, "तुम्हारी ईमानदारी ने तुम्हें अमीर तो बनाया ही, साथ ही तुम्हारा नाम भी हमारे राज्य में अमर कर दिया।"
सीख:
ईमानदारी और सच्चाई की कोई कीमत नहीं होती, वह इंसान को असली दौलत देती है। दौलत जो चोरी या छल से मिले, वह कभी टिकती नहीं। असली सफलता तो वही है जो सही रास्ते से मिले।कभी-कभी ज़िंदगी हमें इतना तोड़ देती है…
कि इंसान को खुद पर भी शक होने लगता है।
लेकिन वही ज़िंदगी हमें वो मोड़ भी देती है…
जहाँ से उड़ान शुरू होती है।
ये कहानी है आदित्य की…
एक ऐसे लड़के की जिसने ज़मीन से आसमान तक का सफर तय किया –
लेकिन बिना शॉर्टकट, बिना किसी चमत्कार के।
सिर्फ अपने हौसले, मेहनत और विश्वास के दम पर।
आदित्य सिंह – बिहार के एक छोटे गाँव का लड़का।
पिता खेती करते थे, माँ गृहिणी थीं।
घर में टीवी नहीं था, मोबाइल नहीं था…
बस था तो एक सपना – IAS बनना।
जब वो अपनी माँ से कहता, "मैं अफसर बनूंगा…"
तो माँ मुस्कुरा देतीं… और कहतीं,
"तू कुछ भी कर सकता है, बेटा… तू मेरा शेर है।"
गाँव वाले हँसते थे, दोस्त मज़ाक उड़ाते –
"तू IAS?"
लेकिन आदित्य के कानों में सिर्फ माँ की बात गूंजती –
"तू कर सकता है…"
12वीं के बाद उसने ग्रेजुएशन किया – गाँव में रहकर ही।
कोचिंग नहीं थी… YouTube पर फ्री लेक्चर देखे।
गाँव के छोटे पुस्तकालय में बैठकर घंटों नोट्स बनाता।
पहली बार परीक्षा दी… और फेल हो गया।
रात को खूब रोया… अकेले… माँ के सामने नहीं।
पर सुबह उठते ही… फिर से किताबों में झुक गया।
दूसरी बार… फिर असफल।
तीसरी बार… सिर्फ दो नंबर से चूक गया।
सबसे बड़ा झटका था।
लोग बोले – “अब छोड़ दे।”
पर आदित्य ने कहा –
"आखिरी बार सही… लेकिन इस बार जान लगा दूंगा।"
सुबह 5 बजे उठना… 14 घंटे पढ़ाई…
सोशल मीडिया बंद… दुनिया से दूरी…
सिर्फ किताबें, चाय, और सपना।
चौथी बार परीक्षा दी…
हर पेपर में आत्मविश्वास था।
रिज़ल्ट आया…
दोस्त ने फोन कर कहा – "भाई… तू टॉप 50 में है!"
वो चुप रहा…
फिर माँ की गोद में सिर रखकर… फूट-फूट कर रो पड़ा।
आज उसका सपना… सच था।
गाँव में ढोल बजे…
जिसे लोग ‘बेकार’ कहते थे… अब उसे ‘साहब’ कहा जाने लगा।
माँ की आँखें नम थीं… लेकिन मुस्कान थी।
अब वही लोग इंटरव्यू लेने आए…
जो कभी कहते थे – "तेरे बस का नहीं।"
ज़िंदगी में गिरना ज़रूरी है…
क्योंकि तभी तो उड़ने का हौसला पैदा होता है।
अगर आदित्य… उस छोटे गाँव का लड़का…
बिना साधन, बिना कोचिंग…
देश का अफसर बन सकता है –
तो आप क्यों नहीं?
"हार सकते हो… लेकिन हार मानना मत।"
अगर ये कहानी आपको प्रेरणा देती है…
तो वीडियो को Like करें,
Comment में लिखें – "मैं भी कर सकता हूँ",
और हमारे चैनल *Kahaniyon Ka Duniya* को Subscribe करना मत भूलें।
आपका एक Like…
एक नए आदित्य को हिम्मत दे सकता है
https://gigl.page.link/ZySKZrCuoWCzEHjx8कभी-कभी ज़िंदगी हमें इतना तोड़ देती है…
कि इंसान को खुद पर भी शक होने लगता है।
लेकिन वही ज़िंदगी हमें वो मोड़ भी देती है…
जहाँ से उड़ान शुरू होती है।
ये कहानी है आदित्य की…
एक ऐसे लड़के की जिसने ज़मीन से आसमान तक का सफर तय किया –
लेकिन बिना शॉर्टकट, बिना किसी चमत्कार के।
सिर्फ अपने हौसले, मेहनत और विश्वास के दम पर।
आदित्य सिंह – बिहार के एक छोटे गाँव का लड़का।
पिता खेती करते थे, माँ गृहिणी थीं।
घर में टीवी नहीं था, मोबाइल नहीं था…
बस था तो एक सपना – IAS बनना।
जब वो अपनी माँ से कहता, "मैं अफसर बनूंगा…"
तो माँ मुस्कुरा देतीं… और कहतीं,
"तू कुछ भी कर सकता है, बेटा… तू मेरा शेर है।"
गाँव वाले हँसते थे, दोस्त मज़ाक उड़ाते –
"तू IAS?"
लेकिन आदित्य के कानों में सिर्फ माँ की बात गूंजती –
"तू कर सकता है…"
12वीं के बाद उसने ग्रेजुएशन किया – गाँव में रहकर ही।
कोचिंग नहीं थी… YouTube पर फ्री लेक्चर देखे।
गाँव के छोटे पुस्तकालय में बैठकर घंटों नोट्स बनाता।
पहली बार परीक्षा दी… और फेल हो गया।
रात को खूब रोया… अकेले… माँ के सामने नहीं।
पर सुबह उठते ही… फिर से किताबों में झुक गया।
दूसरी बार… फिर असफल।
तीसरी बार… सिर्फ दो नंबर से चूक गया।
सबसे बड़ा झटका था।
लोग बोले – “अब छोड़ दे।”
पर आदित्य ने कहा –
"आखिरी बार सही… लेकिन इस बार जान लगा दूंगा।"
सुबह 5 बजे उठना… 14 घंटे पढ़ाई…
सोशल मीडिया बंद… दुनिया से दूरी…
सिर्फ किताबें, चाय, और सपना।
चौथी बार परीक्षा दी…
हर पेपर में आत्मविश्वास था।
रिज़ल्ट आया…
दोस्त ने फोन कर कहा – "भाई… तू टॉप 50 में है!"
वो चुप रहा…
फिर माँ की गोद में सिर रखकर… फूट-फूट कर रो पड़ा।
आज उसका सपना… सच था।
गाँव में ढोल बजे…
जिसे लोग ‘बेकार’ कहते थे… अब उसे ‘साहब’ कहा जाने लगा।
माँ की आँखें नम थीं… लेकिन मुस्कान थी।
अब वही लोग इंटरव्यू लेने आए…
जो कभी कहते थे – "तेरे बस का नहीं।"
ज़िंदगी में गिरना ज़रूरी है…
क्योंकि तभी तो उड़ने का हौसला पैदा होता है।
अगर आदित्य… उस छोटे गाँव का लड़का…
बिना साधन, बिना कोचिंग…
देश का अफसर बन सकता है –
तो आप क्यों नहीं?
"हार सकते हो… लेकिन हार मानना मत।"
अगर ये कहानी आपको प्रेरणा देती है…
तो वीडियो को Like करें,
Comment में लिखें – "मैं भी कर सकता हूँ",
और हमारे चैनल *Kahaniyon Ka Duniya* को Subscribe करना मत भूलें।
आपका एक Like…
एक नए आदित्य को हिम्मत दे सकता है।लोक कथा: "सच्चाई की ताकत"
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह गरीब था लेकिन दिल से बहुत ईमानदार और मेहनती। उसकी ज़मीन छोटी थी, पर वह हर दिन कड़ी मेहनत करता था, अपने परिवार के लिए।
एक दिन उसने खेत में हल चला रहा था, तो हल की नोक कहीं फंस गई। जब वह उसे निकालने गया, तो उसे ज़मीन के नीचे से एक बड़ा संदूक मिला। संदूक में सोने-चांदी के आभूषण और धन-दौलत भरी हुई थी।
किसान ने सोचा, "इतनी दौलत पाकर मैं तो अमीर हो जाऊंगा! पर अगर मैं इसे छुपा लूँ तो मेरे गाँव वाले क्या कहेंगे?" उसने तुरंत फैसला किया कि वह गाँव के मुखिया के पास जाकर यह ख़ज़ाना सौंप देगा।
गाँव के मुखिया ने धन को देखकर कहा, "यह खजाना तो राजा का है, इसे तुरंत राजमहल भेजो।" किसान ने पूरी ईमानदारी से खजाना राजा तक पहुंचाया।
राजा बहुत खुश हुआ और उसने किसान को बहुत इनाम दिया। उसने कहा, "तुम्हारी ईमानदारी ने तुम्हें अमीर तो बनाया ही, साथ ही तुम्हारा नाम भी हमारे राज्य में अमर कर दिया।"
सीख:
ईमानदारी और सच्चाई की कोई कीमत नहीं होती, वह इंसान को असली दौलत देती है। दौलत जो चोरी या छल से मिले, वह कभी टिकती नहीं। असली सफलता तो वही है जो सही रास्ते से मिले
लोक कथा: "सच्चाई की ताकत"
बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह गरीब था लेकिन दिल से बहुत ईमानदार और मेहनती। उसकी ज़मीन छोटी थी, पर वह हर दिन कड़ी मेहनत करता था, अपने परिवार के लिए।
एक दिन उसने खेत में हल चला रहा था, तो हल की नोक कहीं फंस गई। जब वह उसे निकालने गया, तो उसे ज़मीन के नीचे से एक बड़ा संदूक मिला। संदूक में सोने-चांदी के आभूषण और धन-दौलत भरी हुई थी।
किसान ने सोचा, "इतनी दौलत पाकर मैं तो अमीर हो जाऊंगा! पर अगर मैं इसे छुपा लूँ तो मेरे गाँव वाले क्या कहेंगे?" उसने तुरंत फैसला किया कि वह गाँव के मुखिया के पास जाकर यह ख़ज़ाना सौंप देगा।
गाँव के मुखिया ने धन को देखकर कहा, "यह खजाना तो राजा का है, इसे तुरंत राजमहल भेजो।" किसान ने पूरी ईमानदारी से खजाना राजा तक पहुंचाया।
राजा बहुत खुश हुआ और उसने किसान को बहुत इनाम दिया। उसने कहा, "तुम्हारी ईमानदारी ने तुम्हें अमीर तो बनाया ही, साथ ही तुम्हारा नाम भी हमारे राज्य में अमर कर दिया।"
सीख:
ईमानदारी और सच्चाई की कोई कीमत नहीं होती, वह इंसान को असली दौलत देती है। दौलत जो चोरी या छल से मिले, वह कभी टिकती नहीं। असली सफलता तो वही है जो सही रास्ते से मिले।
https://www.amazon.in/dp/1612681131?tag=rajukumar-21कभी-कभी ज़िंदगी हमें इतना तोड़ देती है…
कि इंसान को खुद पर भी शक होने लगता है।
लेकिन वही ज़िंदगी हमें वो मोड़ भी देती है…
जहाँ से उड़ान शुरू होती है।
ये कहानी है आदित्य की…
एक ऐसे लड़के की जिसने ज़मीन से आसमान तक का सफर तय किया –
लेकिन बिना शॉर्टकट, बिना किसी चमत्कार के।
सिर्फ अपने हौसले, मेहनत और विश्वास के दम पर।
आदित्य सिंह – बिहार के एक छोटे गाँव का लड़का।
पिता खेती करते थे, माँ गृहिणी थीं।
घर में टीवी नहीं था, मोबाइल नहीं था…
बस था तो एक सपना – IAS बनना।
जब वो अपनी माँ से कहता, "मैं अफसर बनूंगा…"
तो माँ मुस्कुरा देतीं… और कहतीं,
"तू कुछ भी कर सकता है, बेटा… तू मेरा शेर है।"
गाँव वाले हँसते थे, दोस्त मज़ाक उड़ाते –
"तू IAS?"
लेकिन आदित्य के कानों में सिर्फ माँ की बात गूंजती –
"तू कर सकता है…"
12वीं के बाद उसने ग्रेजुएशन किया – गाँव में रहकर ही।
कोचिंग नहीं थी… YouTube पर फ्री लेक्चर देखे।
गाँव के छोटे पुस्तकालय में बैठकर घंटों नोट्स बनाता।
पहली बार परीक्षा दी… और फेल हो गया।
रात को खूब रोया… अकेले… माँ के सामने नहीं।
पर सुबह उठते ही… फिर से किताबों में झुक गया।
दूसरी बार… फिर असफल।
तीसरी बार… सिर्फ दो नंबर से चूक गया।
सबसे बड़ा झटका था।
लोग बोले – “अब छोड़ दे।”
पर आदित्य ने कहा –
"आखिरी बार सही… लेकिन इस बार जान लगा दूंगा।"
सुबह 5 बजे उठना… 14 घंटे पढ़ाई…
सोशल मीडिया बंद… दुनिया से दूरी…
सिर्फ किताबें, चाय, और सपना।
चौथी बार परीक्षा दी…
हर पेपर में आत्मविश्वास था।
रिज़ल्ट आया…
दोस्त ने फोन कर कहा – "भाई… तू टॉप 50 में है!"
वो चुप रहा…
फिर माँ की गोद में सिर रखकर… फूट-फूट कर रो पड़ा।
आज उसका सपना… सच था।
गाँव में ढोल बजे…
जिसे लोग ‘बेकार’ कहते थे… अब उसे ‘साहब’ कहा जाने लगा।
माँ की आँखें नम थीं… लेकिन मुस्कान थी।
अब वही लोग इंटरव्यू लेने आए…
जो कभी कहते थे – "तेरे बस का नहीं।"
ज़िंदगी में गिरना ज़रूरी है…
क्योंकि तभी तो उड़ने का हौसला पैदा होता है।
अगर आदित्य… उस छोटे गाँव का लड़का…
बिना साधन, बिना कोचिंग…
देश का अफसर बन सकता है –
तो आप क्यों नहीं?
"हार सकते हो… लेकिन हार मानना मत।"
अगर ये कहानी आपको प्रेरणा देती है…
तो वीडियो को Like करें,
Comment में लिखें – "मैं भी कर सकता हूँ",
और हमारे चैनल *Kahaniyon Ka Duniya* को Subscribe करना मत भूलें।
आपका एक Like…
एक नए आदित्य को हिम्मत दे सकता है।
પાત્રતા ક્યાં હોય? સંસારમાં ક્યારેય પણ ક્લેશ ના થતો હોય તે પાત્ર કહેવાય. - દાદા ભગવાન
વધુ માહિતી માટે અહીં ક્લિક કરો: https://dbf.adalaj.org/O82CS5dN
#quoteoftheday #quotes #spiritualquotes #spirituality #DadaBhagwanQuotes #dadabhagwanfoundation
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Copyright © 2025, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Copyright © 2025, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.