Quotes by Mohini in Bitesapp read free

Mohini

Mohini

@neelamshah6821
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Tapti hui garmiyon ki hawaon mein,
raahon par koi anjaan sa humsafar mil gaya

jo khud to kuch na bola,
par meri thakki rooh ko halka sa sahara de gaya.

Kal tak jo kalam mere haathon mein bejaan si thi,
aaj usi ne meri ungliyaan tham kar
labon par nayi umeed ki syahi utaar di.

Pata nahi dil ka rang itna halka kab ho gaya,
kab apne hi sanam pe dil girvi rakh diya
aur khud se door chala gaya…

Mujhe ab is khel-e-ehsaas ka matlab koi na samjhaaye,

ishq ka raaz to tabhi khul jaata hai
jab aansu chupke se muskaan ban jaaye.

Bas tu hi hai
jo mere khayaalon mein
Raam ki tarah pavitra,
aur duaon ki tarah narm ho kar,
har roz mere kareeb se guzar jaata hai.

_Mohiniwrites

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मेरा प्यार,या मेरा जुड़ाव जो
तेरे साथ है वो
किसी बाहरी कोशिश या बनावट से नहीं बना।

न मैं किसी पत्थर की सूरत हूँ,
जो तराशी गई हो किसी और के हाथों से ..

मेरे चेहरे को ज़रा गौर से देखो,
तो समझ पाओगे...
मैं तो वही मूरत हूँ,
जिसमें तेरी नजरों ने जान भर दी।

ना वक्त ने इशारा किया, ना किस्मत ने खबर दी
तू किसी आँगन की सीढ़ी से नहीं..बस यूँ ही,अपने आप
मेरी रूह में उतर आया

_Mohiniwrites

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दर्द का असर
तुमने दर्द का असर क्यों बढ़ा दिया,
जब मेरी रूह ने तुम्हें पहले ही ठुकरा दिया था!
जाओ, मुझे थोड़ा हल्का सा होने दो।
मेरे चेहरे का नूर क्यों चुरा रहे हो?
जाओ, धूप ले जाओ... कहीं और, जहाँ फूल खिल सकें।
मेरे दिल से प्यार की बरसात तो कब की बरस चुकी,
अब तुम उसमें भीगकर क्या कर लोगे?
अब... बस मेरे खोए हुए जज़्बातों को फिर से मत जगाओ,
वो अब ख्वाबों में भी आँसू नहीं माँगते। 🌧️
_Mohiniwrites

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*सागर ने पूछा*
“क्या तू कभी गहराई में उतरा है?”

मैंने देखा,
वो कहीं खो गया
ना टूटा, ना किसी सहारे की तलाश म रहा

जब मैं उसके पास खड़ी हुई,
वो पिघलता रहा,
मेरे दर्द को अपने सीने में समेटता,
मेरे लबों की मुस्कान पर
अपनी चुप्पी से प्यार की हँसी छोड़ जाता।

और हर पल,
हर निगाह में
मुझे अपना बनाने की खामोश इच्छा छुपाता रहा।
_Mohiniwrites

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*सुन्दर वो*
मेरे हुस्न पे फ़िदा यूँ हुए,
कि मेरे क़रीब से गुज़रते हुए
कहीं और भटक गए।

न जाने वो
जो मुझसे छूटकर चले थे,
मंज़िलों पे पहुँचकर भी
ख़ुद को पा न सके।

और मैं...
जब किसी गली को ठुकरा देती हूँ,
जहाँ वो बस चुके होते हैं,
तो लगता है
या तो वो रूह से उतर चुके हैं,
या फिर
मेरे ख़यालों में हमेशा के लिए
क़ैद हो गए हैं।
_Mohiniwrites

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*प्यार वो था…*

न तो कोई तोफ़ा था, न किसी से माँगा,
बस ख़ुद-ब-ख़ुद मेरी राहों में उतर आया।

यादों की आहट ने जब कदम छुए,
ख़ामोशी भी जैसे कुछ कहने लगी।

फना थी हर डगर, मगर जाने कहाँ से
एक रौशनी सी मेरी साँसों में समा गई।

लज्जा की नर्मी, दिल की हल्की कंपन,
उसी पल वो मेरे सीने में घर कर गया।

हम चाहने लगे उसे इस कदर,
कि हमारी चाहत में ही
वो हमेशा ज़िंदा रह गया।
_Mohiniwrites

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*चाहत की तड़प*

जितना चाहा, कोई अपना न बन सका,
राहों में रोये हम, पर वो जान न सका।

शायद मोहब्बत से वो घबरा गया,
रूठकर दूर गया, और हम रातों को जागते रहे।

फिर भी दिल में उसकी चाह जगती रही,
हर सांस में उसकी याद सजती रही।

मंज़िल तक पहुँचे, मगर ठहराव न मिला,
गीत गुनगुनाए, पर सफ़र फिर से अधूरा रहा।
_Mohiniwrites

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तेरी मुस्कान में हम खो गए,
जाने क्यों दिल तुझपे फ़िदा हो गया।
तेरी चाहत बिन दिखे भी रहती है,
मेरे वजूद में तेरी रूह सा बस गई है।

तेरे सहारे ही तो जीते हैं हम,
जहाँ में तुझसा नहीं कोई।
तेरे दिल का टुकड़ा जैसे
मेरे पहलू में छुपा दिया गया हो कहीं।

तेरी हँसी में सुकून है,
तेरी खामोशी भी एक दुआ सी लगती है।
तेरा होना ही काफी है,
तेरे बिना ये दुनिया अधूरी सी लगती है।
_Mohiniwrites

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मौसम भी बहार का था,
तेरे संग क्या हुआ, न जाने।
जो पल रहा हर वक्त,
वो क्यों बिखर गया, न जाने।

फिर भी मैं चली अपने राहों पर,
ना कोई मंज़िल, ना कोई ठिकाना।
तुझको मगर दी थी हर वफ़ा,
बस यही था मेरा फ़साना।

रब करे, मेरे चले जाने से
तेरी दुनिया आबाद रहे।
मेरी दुआओं की छाँव तले
तेरी हर ख़ुशी बरक़रार रहे।
_Mohiniwrites

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*माया से आज़ादी*

माया से अब आज़ाद करे,
जो कोई मेरे मन को भाए।
जब भी सिरहाने आए,
खामोशी में रूह को छू जाए।

वो पल जो वक्त बेवक्त लौट आए,
बस सांसों में रह जाएँ।

मेरे हुज़ूर से कोई वफ़ा न तोड़े,
ना नाम ले, ना साथ मांगे
दिल से दिल तक राह बनाए।

जो मेरे तक आए, वो सच को पाए,
ना किसी का हो, ना मेरा , बस रूह बन जाए।
_Mohiniwrites

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