Most popular trending quotes in Hindi, Gujarati , English

World's trending and most popular quotes by the most inspiring quote writers is here on BitesApp, you can become part of this millions of author community by writing your quotes here and reaching to the millions of the users across the world.

New bites

🌹 imran 🌹

imaranagariya1797

Good evening.....

dimpledas211732

*शीर्षक: “अनकही राहें”*

हर सुबह जब सूरज उगता है,
कोई नई उम्मीद जगा जाता है।
छत की मुंडेर पर बैठा पंछी
अपने पंखों में आसमान समेट लाता है।
माँ की पुकार, रसोई की खुशबू,
पिता की हँसी, बहन की शरारतें,
घर का हर कोना
यादों की बगिया सा महक जाता है।

बचपन के वो दिन,
मिट्टी में खेलना,
बारिश में भीगना,
कागज़ की नाव बनाकर
नाले में बहाना,
कभी गिरना, कभी उठना,
फिर भी न थकना,
हर चोट में माँ की दवा,
हर आँसू में पिता का प्यार।

स्कूल की घंटी,
दोस्तों की टोली,
कभी झगड़ा, कभी मिठास,
लंच बॉक्स में छुपा प्यार,
क्लासरूम की खिड़की से
बाहर झाँकती आँखें,
कभी सपनों के पीछे भागना,
कभी टीचर की डाँट में
अपना नाम ढूँढना।

जवानी की दहलीज़ पर कदम रखते ही
सपनों का रंग गहरा हो जाता है।
पहली मोहब्बत की मीठी सी तकरार,
दिल की धड़कनों में उसका नाम,
रातों की नींदें उसकी यादों के नाम,
कभी चुपके से मुस्कुराना,
कभी बेवजह उदास हो जाना।

कॉलेज की गलियों में
दोस्तों के संग हँसी के ठहाके,
कभी किताबों में डूब जाना,
कभी कैंटीन में बैठकर
ज़िंदगी के सपने बुनना,
कभी इम्तिहान की चिंता,
कभी भविष्य की उलझनें।

फिर आती है जिम्मेदारियों की बारी,
करियर की दौड़,
सपनों की उड़ान,
माँ-बाप की उम्मीदें,
समाज की बातें,
कभी समझौता,
कभी संघर्ष,
कभी हार,
कभी जीत।

फिर एक दिन
किसी की मुस्कान में
अपना घर मिल जाता है,
किसी की आँखों में
अपनी दुनिया बस जाती है।
शादी, बच्चे,
नई जिम्मेदारियाँ,
पुराने सपनों की
नई परिभाषाएँ।

समय के साथ
चेहरे पर झुर्रियाँ,
पर दिल में वही
बचपन की मासूमियत,
कभी बच्चों के साथ
फिर से बच्चा बन जाना,
कभी उनकी बातों में
खुद को ढूँढना।

ज़िंदगी का ये सफर
चलता ही रहता है,
हर मोड़ पर
नई कहानी,
हर रास्ते पर
नई पहचान,
कभी रुकना,
कभी चलना,
कभी थकना,
कभी संभलना।

शाम ढलती है
तो यादों की चादर ओढ़
मन मुस्कुरा उठता है—
क्या खोया, क्या पाया,
सब अधूरा सा लगता है,
पर सफर का हर लम्हा
खूबसूरत लगता है।

*यही है अनकही राहें—
हर दिन नया,
हर पल सच्चा,
हर याद अमर।*

कैसी लगी आपको ये कविता?

gayatreegayatree.482743

मुझे पसंद थे चूड़ी पायल,
साड़ी , झुमके , काले– काजल।
लेकिन डरता था , क्या लोग कहेंगे ?
पहनूंगा तो , क्या लोग हंसेंगे ?
ये आसपास के लोग है कहते ,
ये हाव भाव तेरे ठीक नहीं ।
ये सजना– संवरना , हैं मर्दों की सीख नहीं ।
तू पुरुष है , तू सख्त बन ।
तू क्षत्रिय का पूत है , क्षत्रिय सा रक्त बन।
मारा – पीटा , न जाने कितने दिन की भूख सही।
मैं बच्चा दर्द की पीड़ा , दर्द न मुझसे सही गई।
बोल पुरुष है , क्या अब भी स्त्री जैसा बर्ताव करेगा ?
रहा इसी तरह जो तू, हमारे लिए अपमान बनेगा।
कुल का तू अभिशाप बनेगा।
एक बार नहीं , सौ बार कहा ,
खुद से झूठ मैने बार – बार कहा ।
लेकिन मन को न मार सका।
तो खुद को मैं मारने चला ।
लेकिन उसमे भी मैं हार गया।
जख्मी शरीर ले,
छोड़ घर से भाग गया।
उम्र थी बारह बहुत डरा मैं
इस जालिम दुनियां में , न जानी कितनी बार मरा मैं।
छक्का, हिजड़ा लोग बुलाते।
मुंह पर हंसते मुझे चिढ़ाते ।
देख मुझे तालियां बजाते।
अगर लोग इनके जैसे , निर्दय है होते ।
अगर समझते होते मैं भी इंशा हूं ।
दर्द मुझे भी होता है,
तो यह दर्द की वजह न होते।
कई बार मैं सोचा ,
क्यों न पूरी स्त्री मैं ?
क्यों मैं न पूर्ण पुरुष बना ?
अगर होते है दुनिया में , इन जैसे ज़ालिम लोग।
तो शुक्र है मैं नही इसके जैसा हूं
कौन है कहता मैं नहीं पूरा ?
असल रहे यह आधे अधूरे।

rk1996tgmailcom9244

chosen one

girish1

people..

krupalipatel.810943

अभी अधूरी सी है शायरी मेरी
अधूरी है तुमसे इक
मुलाक़ात..

तुम बन जाओ जान-ए-गजल
मेरी मुझे बना लो अपने
अल्फ़ाज़,,,@

arandhanpura24gmailc

આઠ આઠ શકમંદોની પૂછપરછ
પરિણામ શૂન્ય હવે...?
Matrubharti પર મારી સૌથી વધારે વંચાયેલ, અને વખણાયેલ એક જબરદસ્ત સસ્પેન્સ ક્રાઈમ થ્રિલર
તમે પણ હમણાં જ વાંચો 👇👇👇

shaileshjoshi0106gma

*Poems Parley*

https://shopizen.app.link/rsRN4Cd76Sb "> https://shopizen.app.link/rsRN4Cd76Sb

This collection, 'Poems Parley', is not just a volume of verses; it is a conversation across the chambers of hope, love, loss, laughter and reflection. Each poem has been chosen with purpose, not merely for its words, but for the feelings it evokes and the silences it understands. Spread across themes like motivation, relationships, nature, philosophy, emotional healing, modern life and gentle humour, these hundred poems trace the inner map of what it means to be human.
https://shopizen.app.link/rsRN4Cd76Sb "> https://shopizen.app.link/rsRN4Cd76Sb

shamimmerchant6805

હાસ્ય એક એવું ઝાડું છે,
જે હૃદય ની આસપાસ લાગેલા જાળા ને સાફ કરી દે છે...

dipika9474

गुनिया धन है पा गया, बुधिया रहा गरीब।
शिक्षा का मतलब सही, पाएँ बड़ा नसीब।।

मंजिल रहती सामने, चलने भर की देर।
बैठ गया थक-हार कर, पहुँचा वही अबेर।।

भटक रहा मानव बड़ा, ज्ञानी मन मुस्काय।
ईश्वर का तू ध्यान कर, फिर आगे बढ़ जाय।।

दगाबाज फितरत रहे, मत करिए विश्वास।
सावधान उससे रहें, जब तक चलती श्वास।।

उलझन बढ़ती जा रही, सुलझाएगा कौन।
जिनको हम अपना कहें, क्यों हो जाते मौन।।

उमर गुजरती जा रही, व्यर्थ करे है सोच ।
चलो गुजारें शेष अब, हट जाएगी मोच।।

जितना तुझसे बन सके, करता जा शुभ काम।
ऊपर वाला लिख रहा, पाप पुण्य अविराम।।

सुप्त ऊर्जा खिल उठे, जाग्रत रखो विवेक।।
सही दिशा में बढ़ चलो, राह मिलेगी नेक।।

मन-संतोष न पा सका, बैठा पैर पसार।
लालच में उलझा रहा, मिला सदा बस खार।।

उठो सबेरे घूमने, रोग न फटके पास।
स्वस्थ रहेंगी इन्द्रियाँ, मन मत रखो उदास।।

मनोज कुमार शुक्ल *मनोज*

manojkumarshukla2029

...." લગ્ન જીવન "

લગ્ન જીવનનું બીજું નામ વિશ્વાસ છે.
પતિ-પત્ની તો એકબીજાનાં શ્વાસ છે.

બંધાયાં જ્યારથી અમે ગઠબંધનમાં,
એકબીજા માટે બની ગયાં ખાસ છે.

હાથ પર હાથ મૂકી થયો હસ્તમેળાપ,
મરણ પર્યંત હવે નિભાવવાનો સાથ છે.

સપ્તપદીનાં સાત ફેરાનાં સાત વચનો,
સાત જન્મ સુધીનો કદમોનો પ્રાસ છે.

બે તન પછી બન્યાં એક આત્મા "વ્યોમ",
લગ્ન જીવનમાં સદા ફેલાયો ઉલ્લાસ છે.

નામ:-✍... વિનોદ. મો. સોલંકી "વ્યોમ"
જેટકો (જીઈબી), મુ. રાપર.

omjay818

No matter how high we rise, our feet must remain on the ground, otherwise the height we have risen will have no meaning.

sangeethac431329

rgposhiya2919

બદલાઈ જવું પણ કોના માટે...?
જે પ્રેમ કરે છે એમને કંઈ બદલવા જેવું નથી લાગતું...
અને જે પ્રેમ નથી કરતા એને કંઈ ફેર નથી પડતો....
તો પછી બદલાઈ જવું કોના માટે....?

પોતાની જાત ને કંઈ અટકાવતું હોય તો એના માટે....
પોતાના હૃદયને જો કઈક ખૂચતું હોય તો એના માટે...
સમયને માન આપવા, સમજ ને ધાર આપવા..
સ્વવિકાસ માટે,નવા આયામ માટે....
એ પણ પરાણે નહિ,સહજતા સાથે...
એટલે તો કહ્યું ચાલ પ્રકૃતિના સ્વભાવ સાથે...

truptirami4589

🧿🐝🍀

heemashree3430

Good morning....

dimpledas211732

🙏🙏એકલા રહેવા કરતાં 'એક થઈને' રહેવામાં શું ફાયદો છે?

આટલું સમજાવવા માટે એક નાનું નામ જ કાફી છે.

"મધમાખી".🦚🦚

🐝વિશ્વ મધમાખી દિવસ🐝

parmarmayur6557

Very Touchy 👌👌👌👌

omnilesh96gmail.com8745

If calling good as good is considered wrong, then I will commit that wrong.
And if calling right as right is considered a sin, then I will commit that sin.

ahsrab

अहिल्या एक युवा चित्रकार थी, जो मुंबई की चमचमाती ज़िन्दगी से ऊब चुकी थी। उसकी आत्मा जैसे किसी गहरे अर्थ की तलाश में भटक रही थी। एक दिन उसने अचानक टिकट बुक किया और चली आई बनारस — वह शहर जिसके बारे में उसने अपनी नानी से कहानियाँ सुनी थीं।

जैसे ही वह वाराणसी स्टेशन पर उतरी, एक अजीब-सी शांति ने उसे घेर लिया। वहाँ की गंध — गंगा की, अगरबत्तियों की, और दूर से आतीं मंदिर की घंटियों की आवाज़ — जैसे किसी पुराने सपने की याद दिला रही थी।

उसने घाटों की ओर रुख किया। दशाश्वमेध घाट पर बैठकर वह घंटों गंगा को निहारती रही। वहाँ उसे एक बुजुर्ग साधु मिले — बाबा आनंदगिरि। वे चुपचाप जल में तैरते दीपों को देख रहे थे। अहिल्या ने उनसे पूछा, “बाबा, ये बनारस सबको अपनी ओर खींचता क्यों है?”

बाबा मुस्कुराए, “क्योंकि यहाँ मृत्यु मोक्ष है, और जीवन साधना। बनारस वो आईना है, जिसमें आत्मा खुद को देख पाती है।”

अहिल्या ने अगले कुछ हफ्ते घाटों पर चित्र बनाते हुए बिताए — गलियों में खेलते बच्चों की तस्वीर, संतो की, नाव पर बैठा एक उदास प्रेमी की, पूजा की, जलती चिताओं की। धीरे-धीरे उसके चित्र बदलने लगे। अब उनमें रंग से ज़्यादा आत्मा थी।

एक दिन उसने गंगा आरती के समय अपनी माँ को फोन किया और बस इतना कहा, “माँ, मैं घर आ गई हूँ — अपने असली घर, बनारस।”

rohanbeniwal113677

good morning

rohanbeniwal113677