मैं और मेरे अह्सास  
मंज़र
दिल को बहला देनेवाला मंज़र तलाश कर l
फूलों से लहराता हुआ शज़र तलाश कर ll
संगेमरमर का हो या कोटा स्टोन का जो l
घर को घर बनादे वो पत्थर तलाश कर ll
हमसफ़र के संग सफ़र का मजा लेकर l
दूर तक जाना हैं तो समुंदर तलाश कर ll
"सखी" 
डो. दर्शिता बाबूभाई शाह