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L otus

L otus Matrubharti Verified

@rohittalukdar7180
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कब तलक भटकें तीरगी लेकर अब चले आओ रौशनी लेकर

तुम्हारा ख़्याल ही मेरे लिए काफ़ी है, जो मुझे किसी का भी होने से रोकता है........!!

हिज्र की रात है और आंख में आंसु भी नहीं
ऐसे मौसम में तो बरसात हुआ करती थी