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Dipika

Dipika

@dipika9474


कदम कदम पर मूर्ख
बनाती है दुनिया,

"APRIL FULL"
तो यूँ ही बदनाम है....

क्या सितम है वक़्त का,
इस दौर का हर आदमी,
है तो इक किरदार पर,
अपनी कहानी का नहीं...

कई जन्म लेने होंगे
इस प्रेम को जानने को

मेरे लिए तो
एक असहाय को सड़क पार कराना
भी प्रेम है,"कान्हा"..

हर त्यौहार ऐसे मने कि कोई मलाल नहीं रहे,
दुआओं का रंग ऐसे लगे कि कोई उंगली नहीं उठे.…

कुछ रंग लडकपन के हिस्से,..,
कुछ रंग बुजुर्गो के किस्से....,
कुछ रंग तो कह देंगें सबसे....,
कुछ रंग कहे जाकर किससे...,
कुछ रंग यहीं भोगे सीखे....,
सब रंग यहीं देखे जी के...,
खुश रंग तबियत के आगे...,
सब रंग जमाने के फिके....

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होली आ रही है,
रंगों से ना डरे,

रंग बदलने वालों से डरे...

જય શ્રીકૃષ્ણ 🙏

પગલું ઉપાડે તો ધર બંધાય,
પગલું પડે તો સંસાર બંધાય,
માથું નમાવે તો સાસરિયું પૂજાય,
અને સંસ્કાર જાળવે તો પિયરયું પૂજાય.....
મહિલા દિવસ ની શુભકામનાઓ...

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मैं स्त्री हूं....
मैंने रिश्तों में...
वो शुरूआत भी देखी है,
जब पाँव ज़मीन पे नहीं रहते,
वो अंत भी देखा है..
जब पाँव तले ज़मीन नहीं रहती....

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કાળનું આ ચક્ર ફરતું કાળ પર
જિંદગી આવી ઊભી છે ઢાળ પર
કોઇ પીંછા ખેરવી ઊડી ગયું
છે હજી એકાદ ટહુકો ડાળ પર...

"ધર્મ, કર્મ અને જાત ત્રણેય માણસાઈ છે,
મને તો વાત માત્ર આટલી જ સમજાઈ છે..."