कभी आंसुओं में मिले, कभी हसी में छुप गए,
कभी खामोशी में थे कभी बातों में घुल गए...
हर लम्हा तेरे साथ एक किताब सा लगता हैं जैसे हर पल में तेरा नाम लिखा रहता हैं...
जिंदगी की सफर में रास्ते बदलेंगे ज़रूर,
पर दोस्ती का ये ये रिश्ता _कभी ना होगा कमजोर....
- Sunita bhardwaj