निरंतर नित्य चंचल चलती चहुंओर,
चारु चमक चलती चपल चांद तुम।
रूठ जायेगी मुझसे मेरी खुशी,
अगर न मिल पाए हमें तुम।
छम-छम बजती पैजनी तुम्हारी,
हमसे तुम और तुम से बने हम।
कह रही मुझसे मेरी ये रेखाएं,
बीत जाने दो रात आंचल में तुम।
काश मुझे तुम मिल जाओ,
सुन लूं तुम्हारी मधुर आवाज की धुन।
काश तुम मेरे साथ रहो तो,
हर एक संगीत में हो जाऊं मैं भी गुम।