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Yash Singh

Yash Singh

@yashsingh949094


नजर से नजर मिली तो तीर बन गयी,
जुल्फें जो तेरी उड़ी तकदीर बन गयीं
मैं तो यूहीं जमीन पर उंगलिया फिरा रहा था,
नीचे देखा तो तेरी तस्वीर बन गयी।

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ऐसे झूम कर नाची मैं उसके प्यार में,
हाय ये घुँघरू टूट गए खुले बाजार में
ये टूटे घुँघरू किससे जुड़वांऊ
किसको अपने दिल का हाल सुनाऊँ?
कर गया मेरे जिस्म का सौदा
कीमत भी उसने बड़ी लगायी
जिस्म यहि छोड़ गया, और
साथ ले गया मेरी परछाई।

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रोशनी करने का ढंग बदलना होगा,
चिराग नहीं जलाने हमको,
चिराग बन कर जलना होगा।

मैं तुम्हें आकाश की उन ऊचाईयों तक पहुंचा देना चाहती हूँ
जहाँ पहुँच कर तुम तुम न रहो
लेकिन डर ती हूँ कहिं......
आकाश की ऊचाईयों में तुम इतना खो ना जाओ की
जमीन वालों से अपना नाता ही तोड़ दो।

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