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New bites

Prem ni shodh ma 🌹

manonbhai4739

sarikajgd NANDI THE SYMBOL OF ETERNAL WAIT

Nandi is a symbolism of eternal waiting, because waiting is considered the greatest virtue in Indian culture. One who knows how to simply sit and wait is naturally meditative. Nandi is not expecting Shiva to come out tomorrow. He is not anticipating or expecting anything. He is just waiting. He will wait forever. That quality is the essence of receptivity. Before you go into a temple, you must have the quality of Nandi - to simply sit. You are not trying to go to heaven, you are not trying to get this or that - you simply sit.

People have always misunderstood meditation as some kind of activity. No- it is a quality. That is the fundamental difference. Prayer means you are trying to talk to God. Meditation means you are willing to listen to God. You are willing to just listen to existence, to the ultimate nature of creation. You have nothing to say, you simply listen. That is the quality of Nandi he just sits, alert. This is very important - he is alert, not sleepy. He is not sitting in a passive way. He is sitting, very active, full of alertness, full of life, but just sitting -

that is meditation

vsctikmani6883

yogeshymakwana7785

rgposhiya2919

zalajayvirsinh8568

zalajayvirsinh8568

#Motivational

अपनी बहन इलाइजा के साथ एक किशोर बालक घूमने निकला। रास्ते में एक किसान की लड़की मिली। वह सिर पर अमरूदों का टोकरा रखे हुए उन्हें बेचने बाज़ार जा रही थी। इलाइजा ने भूल से टक्कर मार दी, जिससे सब अमरूद वहीं गिरकर गन्दे हो गये। कुछ फूट गये, कुछ में कीचड़ लग गई।

गरीब लड़की रो पड़ी। “अब मैं अपने माता पिता को क्या खिलाऊंगी जाकर, उन्हें कई दिन तक भूखा रहना पड़ेगा।” इस तरह अपनी दीनता व्यक्त करती हुई वह अमरूद वाली लड़की खड़ी रो रही थी। इलाइजा ने कहा- “भैया चलो भाग चलें, कोई आयेगा तो मार पड़ेगी और दण्ड भी देना पड़ेगा। अभी तो यहाँ कोई देखता भी नहीं।”

“बहन देख ऐसा मत कह, जब लोग ऐसा मान लेते हैं कि यहाँ कोई नहीं देख रहा, तभी तो पाप होते हैं। जहाँ मनुष्य स्वयं उपस्थित है वहाँ एकान्त कैसा? उसके अन्दर बैठी हुई आत्मा ही गिर गई तो फिर ईश्वर भले ही दण्ड न दे वह आप ही मर जाता है। गिरी हुई आत्मायें ही संसार में कष्ट भोगती हैं, इसे तू नहीं जानती, मैं जानता हूँ।”

इतना कहकर उस बालक ने अपनी जेब में रखे सभी तीन आने पैसे उस ग्रामीण कन्या को दिये और उससे कहा “बहन तू मेरे साथ चल। हमने गलती की है तो उसका दण्ड भी हमें सहर्ष स्वीकार करना चाहिये, तुम्हारे फलों का मूल्य घर चल कर चुका दूँगा।”

तीनों घर पहुँचे, बालक ने सारी बात माँ को सुनाई। माँ ने एक तमाचा इलाइजा को जड़ा दूसरा उस लड़के को और गुस्से से बोली- “तुम लोग नाहक घूमने क्यों गये? घर खर्च के लिये पैसे नहीं, अब यह दण्ड कौन भुगते?”

बच्चे ने कहा- “मा! देख मेरे जेब खर्च के पैसे तू इस लड़की को दे दे। मेरा दोपहर का विद्यालय का नाश्ता बन्द रहेगा, मुझे उसमें रत्ती भर भी आपत्ति नहीं है। अपनी गलती के लिये प्रायश्चित भी तो मुझे ही करना चाहिये।”

माँ ने उसके डेढ़ महीने के जेब खर्च के पैसे उस लड़की को दे दिये। लड़की प्रसन्न होकर घर चली गई। डेढ़ महीने तक विद्यालय में उस लड़के को कुछ भी नाश्ता नहीं मिला, इसमें उसने जरा भी अप्रसन्नता प्रकट नहीं की। अपनी मानसिक त्रुटियों पर इतनी गम्भीरता से विजय पाने वाला यही बालक आगे चलकर महान विजेताओ की श्रेनी में शामिल नैपोलियन बोनापार्ट के नाम से विश्व विख्यात हुआ।

हमें भी समय समय पर अपनी कमियों का निरिक्षण करना चाहिए और उन कमियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। ठीक इसी तरह हमें अपनी ताकतों को भी पहचान कर उसे और सुदृढ़ करने का प्रयास करते रहना चाहिए तभी हम अपने आप को संतुलित व सफल बनाये रखने में कामियाब होते रहेंगे।

abhishekkashyap233241

एक पुराना खत.....

ripalvyas73gmail.com172629

കവിത: ഓണം
രചന: ഫസ്ല ജൗഹർ
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മുക്കുറ്റിപ്പൂ മൂളിപ്പാടി
ചിങ്ങം പിറന്നാലോണം
തുമ്പപ്പൂവേ തുമ്പപ്പൂവേ
ഇനി നിൻ കാലമോണം!

ചങ്ങാതീ മുക്കുറ്റീ നിന്നെ
തേടുമോണക്കാലം പോയി,
കുന്നിൻചെരിവും മുകളും
താണ്ടിവരാനിന്നില്ലാരും;
പൂവും നിറവും കടയിലായി
എന്നെക്കാണാനില്ലാരും

കൊതിപ്പൂ ഞാനിന്ന് മാവേലി
വന്നീടല്ലേ, വന്നാൽക്കാണാ-
നില്ലിവിടെ മാവേലിമാനുഷർ;
ഉള്ളതിരുകാലിമൃഗങ്ങൾ!

ചങ്ക് പിടക്കുമോണക്കാഴ്ച്ച
കാണാനിനിയും മോഹിച്ച്
വന്നീടല്ലേ തമ്പുരാനേ,
മാവേലിത്തമ്പുരാനേ!

dennychimmendennychimmengmail.com015358

yogeshymakwana7785

લખું છું રાધા માટે અને
મીરા ને ગમી જાય છે.

મન ને ગમે છે રાધા અને
રુકમણી મળી જાય છે.

parmarnarvirsinh4956

Dear One,

*Thank you for your patronage.*
Best wishes of Shravan Maas. It's said, *Shravan Maas* is very auspicious month for *Daan (donation)*. Providing education to 84000+ Students in 1200+ Free Schools across India. *Donate for Mid-day Meals of Tribal Children*, *click*: http://vvki-dsy.org/wa

*VVKI DSY Team*

vsctikmani6883

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kunalmakwana3363