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गुमनाम शायर

गुमनाम शायर Matrubharti Verified

@shayar
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दहलीज पर उसके हम
मोहब्बत को तरसते रहे

दरवाजा था बंद उसका
और हम राह ताकते रहे
- गुमनाम शायर

क्या हक जता कर हमें रोकोगे

हमे खोने के बाद तुम सोचोगे
- गुमनाम शायर

फासलों मैं भी वो और दूरियां बढ़ा लेती है

इतना खौफ खाती है,राब्ता खत्म कर देती है


- गुमनाम शायर

तड़प कर क्या होगा,,सब्र कर ले ए इंसान

सफर और मुश्किल होगा देना है इम्तेहान

- गुमनाम शायर

मौसम ने भी अपना रुख बदला है
अपनों ने भी अपना रास्ता बदला है

उम्मीद ए वफ़ा मुझे तुम से है सनम
यहां हर किसी ने अपना रंग बदला है

- गुमनाम शायर

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मुझे तन्हा तड़पता छोड़ कर

वो खुश है मुझ से दूर हो कर




- गुमनाम शायर

ना कभी वो जज़्बात समझते है
ना कभी वो एहसास समझते है

मैने तो बच्चे की तरह समझाया
नादान मेरी बात कहा समझते है

गलत फैसले ले कर माफी मांगे
हम गलती नहीं आदत समझते है
- गुमनाम शायर

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तेरे ही हो कर रहेंगे हम जिंदगी भर

चाहे कितने ही इल्ज़ाम लगे मेरे सर


- गुमनाम शायर

एक तो तू खूबसूरत
ऊपर से नजरों के वार

मुझे सिर्फ तेरा इंतजार
करते है तुझ से प्यार

यूं न नज़रे मिलाया करो
कातिल निगाहे करती है
तीर जिगर के पार

गुमनाम शायर

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उसके सामने तुम कर देना जिक्र मेरा
चेहरे की रंगत बयां कर देगा इश्क
मेरा
उससे क्यों पूछते हो तुम सब नाम मेरा
हाल ए दिल खुद बयां कर देगा मुकाम
मेरा
- गुमनाम शायर

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