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कितना बेबस हूं तेरे प्यार में तारे गिनता हु तेरे इंतजार में कुछ कमी थी मेरे इजहार में क्यों एहसास नहीं तेरे इकरार मैं तड़पता रहता हो कर बेकरार मै बहक जाता हु याद कर रुखसार मै एक शाम मिले थे हम इतवार मैं तू भी था मेरे ही इख्तियार में आंधी आई सबकुछ बिखर गया बाकी ना रहा कुछ इस संसार में - गुमनाम शायर
तुझे कुछ अब कहना भी नहीं है दर्द जुदाई का सहना भी नहीं है कैद है तू अपने ही आशियाने में तुझे बंदिशों मै रहना भी नहीं है - गुमनाम शायर
मेरी जिंदगी की खुशी तेरे साथ में है मेरे मुकद्दर का फैसला तेरे हाथ में है - गुमनाम शायर
या रब ऐसी कोई हवा चले ना जिस्म रहे ना सांसे चले - गुमनाम शायर
ना हम रहेंगे ना हसीं शाम रहेगी ना गम रहेंगे ना आंखे नम रहेगी - गुमनाम शायर
इस तरह आप हमे छोड़ कर जायेंगेे कसम खुदा की हम मर जायेंगे - गुमनाम शायर
हमारे ख्वाबों में सिर्फ उनका बसेरा है उनके ख्वाबों में किसी और का चेहरा है - गुमनाम शायर
ये बात मैने नहीं उसने कहा है हाल ए दिल अपना बयां क्या है उसने कहा कभी तो एतबार कर मेरे प्यार का, चन्द रोज और दौर गुजरेगा इन्तज़ार का,, - गुमनाम शायर
मेरी रात की नींदें गुमशुदा नींद से ख्वाब भी हुए जुदा रोशन था फलक पर मेहताब तड़पता रहा याद करके खुदा - गुमनाम शायर
Happy new year 2025 खुशी नहीं है मुझे नए साल की याद तड़पा रही है मेरे यार की परेशान है वो अपने आशियाने में निशानियां है ये हमारे प्यार की - गुमनाम शायर
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