The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
मुझे तन्हा तड़पता छोड़ कर वो खुश है मुझ से दूर हो कर - गुमनाम शायर
ना कभी वो जज़्बात समझते है ना कभी वो एहसास समझते है मैने तो बच्चे की तरह समझाया नादान मेरी बात कहा समझते है गलत फैसले ले कर माफी मांगे हम गलती नहीं आदत समझते है - गुमनाम शायर
तेरे ही हो कर रहेंगे हम जिंदगी भर चाहे कितने ही इल्ज़ाम लगे मेरे सर - गुमनाम शायर
एक तो तू खूबसूरत ऊपर से नजरों के वार मुझे सिर्फ तेरा इंतजार करते है तुझ से प्यार यूं न नज़रे मिलाया करो कातिल निगाहे करती है तीर जिगर के पार गुमनाम शायर
उसके सामने तुम कर देना जिक्र मेरा चेहरे की रंगत बयां कर देगा इश्क मेरा उससे क्यों पूछते हो तुम सब नाम मेरा हाल ए दिल खुद बयां कर देगा मुकाम मेरा - गुमनाम शायर
हकीकत हो तुम मेरी जिंदगी की लेकिन आती हो ख्वाबों की तरह सजाया है मेने तुम्हे लफ्जो मैं पढ़ता हूं मैं तुम्हे किताबों की तरह - गुमनाम शायर
रोज पिता हु में तेरी आंखों से ये ना पूछो के नशा कितना है -गुमनाम शायर
वादा क्या था मिलने का जाने क्या बात हो गई सुबह को था हमे मिलना अब तो शाम हो गई -गुमनाम शायर
में कुछ इस तरह से जिंदगी गुजार लिया करता हूं तुम्हे सोचता हु रात दिन और मुस्कुरा लिया करता हूं -गुमनाम शायर
तुम जान हो मेरी मुझ से तुम जूदा नही, इबादत रब की करो में कोई खुदा नही, यादों मैं रहता हूं तुम्हारे होता मैं गुमशुदा नही तुम मुझ में हो शामिल कभी होती जूदा नही,, -गुमनाम शायर
Copyright © 2024, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser