सभी भाई - बहनों को पावन पर्व की मंगलकामनाएँ 💐💐
बाँध लिया धागे में मैंने स्नेहिल सा आशीष,
भाई सभी आनंदित होंवें सदा मेरे जगदीश!
कंटक न छू पाए उनको,बहना चुन लेगी सब,
कौन किसे कैसे मिलता है, यह तो जाने वो रब।
जब धुंधली होती हैं राहें एक - दूजे को संभालें,
सबको मिलें आशीष सभी मिल , गाते रहें
तराने।।
स्नेह सदा
डॉ प्रणव भारती