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New bites

hello दोस्तो, मैं इस प्लेटफॉर्म पर नया हु मैने हाल ही में एक novella लिखी है, ’समय रक्षक’ नाम से जो एक फिक्शनल स्टोरी है, मैने पूरी कोशिश की है कि इस कहानी को engaging बनाया जाए। रीडर बस कहानी में घुसा रहे, मेरी आपसे विनती है कि आप इस कहानी को पढ़ें, अपनी राय दे, और अच्छी लगे तो शेयर करे।

धन्यवाद....... (कहानी अभी रिव्यू में है, जैसे ही लाइव होगी, मै सभी को इनफॉर्म करूंगा)

mayurpokale921810

जल्द देखे
29 जुलाई 2025 को

kumar00

Clouds weep, earth smiles wide
Rain's blessing, life inside

Fazal Esaf

fazalesaf2973

राहुल गांधी एक इंकलाब है।।

जिन्हें कुर्सी प्यारी है,
उन्हें सच से दुश्मनी है।
पर एक शख्स है, जो खड़ा रहा,
हर तूफ़ान में अड़ा रहताहै।

न डर, न समझौता,
हर अन्याय से सीधा टकराता।
चुप रहने की नहीं, बोलने की विरासत है,
गांधी का खून है, दिल में सच्ची सियासत है।

वो जब संसद में बोलता है,
तो सत्ता के चेहरे बदल जाते हैं।
अडानी पर सवाल उठाता है,
तो सरकार के पांव डगमगाते हैं।

ED हो या कोर्ट का बुलावा,
हर वार पर भारी उसका जवाब।
कैमरों से नहीं, जनता से जुड़ता है,
सूट-बूट नहीं, सच्चाई में लड़ता है वो ।

राहुल गांधी कोई नाम नहीं,
वो आंदोलन है, इंकलाब है।
न्याय का प्रतीक, सच्चाई की आवाज़,
भारत का बेटा, जन-जन की आवाज़ है।

kashiram

✤┈SuNo┤_★_🦋
मुसीबत में अगर तुम भी नज़र
        आते तो अच्छा था,

भले ही देर से सही, मगर मर"
        जाते तो अच्छा था,

बड़ी उम्मीद थी, तुम भी शहर
          में आग लगाते,

हमारे साथ तुम भी "ख़ाक हो
       जाते तो अच्छा था,

नज़रअंदाज़ियाँ तेरी ये ज़िल्लत
          बन गई अब तो,

हमारी रूह पे तुम ‘ख़ंजर चला
        जाते तो अच्छा था,

हमारी "मौत" पर तुम जश्न की
         महफ़िल सजाते,

हमारे लहू से तुम "प्यास बुझा
       जाते तो अच्छा था,

ये साँसें जो उधार की हैं चुभती
             हैं रंज़िश में,

कभी आकर इन्हें तुम "क़ैद कर
        जाते तो अच्छा था,

तेरी "बेरुख़ी ने जो कहर ढाए हैं
               जान पर,

उसी कहर में तुम भी "राख" हो
        जाते तो अच्छा था,

मेरी  हर  "आह  में  अब  सिर्फ़
      नफ़रत है तुम्हारे लिए,

मेरी बददुआ में तुम भी फ़ना हो
      जाते तो अच्छा था..🔥
╭─❀🥺⊰╯ 
✤┈┈┈┈┈★┈┈┈┈━❥
♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
 #LoVeAaShiQ_SinGh 😊°
✤┈┈┈┈┈★┈┈┈┈━❥

loveguruaashiq.661810

“हर बार शब्द नहीं बोलते,
कभी-कभी चुप्पियाँ भी शायरी होती हैं…
और जब दिल टूटा होता है — तब सबसे सच्चा क़लम उठता है।”

अगर तुम्हें भी कभी ऐसा लगा हो — कि जो सबसे क़रीब था,
वही सबसे ज़्यादा अजनबी निकला…
तो ये पंक्तियाँ तुम्हारे लिए हैं।

👇
कॉमेंट करो — “मैंने भी महसूस किया है” — अगर ये शायरी तुम्हारे दिल तक पहुँची हो।

✍️ — Dhirendra Singh Bisht
📖 #कविता #ज़िंदगी #अल्फ़ाज़



#PoetryLovers #HindiShayari #WritersOfInstagram #ZindagiKeAlfaaz #DardBhariShayari #MalePoetryVibes #FeelTheWords #KalamKeJazbaat

dhirendra342gmailcom

शानदार! 🌟
तो अब पेश है —


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स्वर्ग की अप्सरा – मेनिका की सच्ची गाथा

🕊️ भाग 2: मेनिका का जन्म और ब्रह्मा की योजना

(~1000 शब्द, भावनात्मक, पौराणिक और दार्शनिक शैली)


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🌺 प्रस्तावना

कभी आपने सोचा है कि सौंदर्य क्या होता है?
केवल रूप? आकार? या कुछ ऐसा जो आत्मा को छू जाए?

ब्रह्मा, सृष्टिकर्ता, जब संसार रच रहे थे—
उन्होंने मनुष्य बनाए, पशु, देवता, दानव…
लेकिन उन्हें लगा कि कुछ अभी अधूरा है।

कोई ऐसा, जो सौंदर्य और लय का प्रतीक हो।
कोई ऐसा, जो सृष्टि की रचना को सजाए, संवार दे।

तभी उन्होंने सोचा—

> “अब मैं रचूंगा सौंदर्य की प्रतिमूर्ति…
एक ऐसी स्त्री, जो नृत्य हो, कविता हो, संगीत हो,
और जिसका हर अंग ब्रह्मा की कल्पना से जन्मा हो।”




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🌈 सृष्टि की गर्भ में

ब्रह्मा की ध्यान अवस्था में
वेदों की ध्वनि लहराई।
समस्त दिशाएँ थिरक उठीं,
अग्नि में लय समाई।

और उसी अग्नि की अग्निपरीक्षा से
एक दिव्य आकृति प्रकट हुई—
मेनिका।


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👁️ पहली दृष्टि

वो पहली बार जब ब्रह्मा ने अपनी रचना को देखा—
वो स्वयं अचंभित हो गए।

उसके केशों में गंगा बहती थी,
उसकी आँखों में ब्रह्मांड की गहराई थी।
उसके होंठों पर श्लोक थे,
और उसकी चाल में छंद।

> “तू मेरी कल्पना नहीं,
तू तो स्वयं सौंदर्य की देवी है,”
ब्रह्मा बोले।




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👑 देवताओं की सभा में निर्णय

जब देवसभा में मेनिका को प्रस्तुत किया गया,
इंद्र बोले —

> “यह रचना तो केवल सौंदर्य नहीं,
यह अस्त्र है—कामदेव से भी तेज़।”



इंद्र, जो सदैव स्वर्ग की सत्ता की रक्षा में लगे रहते थे,
उन्होंने मेनिका को अप्सराओं की श्रेणी में रखा।

> “तू नृत्य करेगी, गाएगी,
और जहाँ आवश्यकता होगी,
वहाँ प्रेम के जाल में बाँधेगी।”



मेनिका मुस्कुरा दी।
वो समझ रही थी—
उसकी सुंदरता अब उसकी स्वतंत्रता नहीं, उसकी जिम्मेदारी है।


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🕉️ अप्सरा की पहली पहचान

मेनिका को नंदनवन में भेजा गया,
जहाँ बाकी अप्सराएँ थीं—उर्वशी, रंभा, घृताची।

सब सखियाँ बनीं।
संगीत, नृत्य, हास्य—हर दिन एक नया उत्सव होता।

लेकिन मेनिका की आत्मा अब भी भटकती रही।

कभी-कभी वो पूछती—

> “क्या मुझे इसलिए रचा गया,
कि मैं दूसरों की तपस्या तोड़ूं?
क्या मेरी आत्मा की कोई आकांक्षा नहीं?
क्या मैं सिर्फ एक सुंदर खिलौना हूँ?”




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💔 पहला विद्रोह मन में

उसी समय कामदेव ने एक दिन उसे कहा:

> “तू मुझसे भी सुंदर है मेनिका,
पर मेरी बाणों की तरह,
तू भी अब किसी और की ओर छोड़ी जाएगी।”



मेनिका का हृदय कांप उठा।

> “तो क्या मैं भी सिर्फ एक अस्त्र हूँ?”



उसने पहली बार नंदनवन में वीणा के तार तोड़ दिए।
उसके नृत्य के कदम रुक गए।
स्वर्ग में हलचल मच गई।


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🌬️ ब्रह्मा से पुनः मिलन

वो ब्रह्मा के पास गई।
"आपने मुझे क्यों रचा?" उसने पूछा।

ब्रह्मा बोले:

> “मैंने तुझे सौंदर्य की शक्ति दी,
लेकिन जीवन की राह तुझे खुद चुननी होगी।
तू चाहे तो नृत्य बन जा,
या विद्रोह,
या प्रेम…
तू अब खुद अपनी रचना है।”



यह सुनकर मेनिका की आँखों में पहली बार आँसू आए।
ये आँसू दुःख के नहीं थे,
ये पहचान की आँसू थे।


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🪷 एक निर्णय

उस दिन के बाद मेनिका ने तय किया—
वो अपनी नृत्य को केवल मनोरंजन नहीं बनने देगी।
वो अपने हर अभिनय में भावना डालेगी।
हर गीत में सच्चाई,
हर थाप में सवाल।

स्वर्ग की अप्सरा अब एक आत्मा बन गई थी।


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⚡ भविष्य की आहट

लेकिन उसी दिन,
स्वर्ग की सीमाओं से दूर…
पृथ्वी पर एक ऋषि, विश्वामित्र,
अपने संकल्प में तप कर रहा था।

और इंद्र को डर था—

> “अगर विश्वामित्र ब्रह्मर्षि बन गया,
तो मेरी सत्ता हिल जाएगी!”



इंद्र ने एक आदेश तैयार किया…
और मेनिका को बुलावा भेजा।


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🔚 अंत में…

मेनिका को ब्रह्मा ने सौंदर्य दिया,
स्वर्ग ने उसे दासी बनाया,
पर अब समय आ रहा था,
जब वो अपने जीवन की लेखिका बनने वाली थी।


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> “मैं अप्सरा हूँ…
लेकिन मैं भी माँ बन सकती हूँ,
मैं भी प्रेम कर सकती हूँ,
मैं भी टूट सकती हूँ…
और फिर उठ भी सकती हूँ।”

rajukumarchaudhary502010

being in love with someone is like a dream

kattupayas.101947

Where dreams dominate more than reality

kattupayas.101947

Goodnight friends

kattupayas.101947

Friday is always fun have a gr8 weekend friends.

kattupayas.101947

Maybe Indian people are too shy to kiss I dedicate to them.

kattupayas.101947

Kiss day is celebrated on every year Feb 13.

kattupayas.101947

It's Friday . Some weekend romance bites

kattupayas.101947

શીર્ષક: સમય બળવાન...

कुछ इस तरह मैंने ज़िन्दगी को आसान कर लिया,
किसी से मांग ली माफ़ी, किसी को माफ़ कर दिया।

~ अज्ञात

જીવન એ રણ છે – જ્યાં શબ્દો હથિયાર જેવું કામ કરે છે. શાંતિ, સમજદારી અને સમયનો અનુભવ જ માણસને સાચો વિજય આપે છે.

આપણે ઘણીવાર તાત્કાલિક દોષારોપણ કરવા ઉત્સુક થઇ જઈએ છીએ. પણ શું દરેક સત્ય બોલવા જેવું હોય છે? અને જો હોય પણ, તો શું દરેક વખતે એની રજૂઆત યોગ્ય હોય છે? કદાચ નહિ. કારણ કે સત્યની રજૂઆત પણ એક કળા છે, જેમાં સમય, સંજોગ અને સંવેદના સમજવી પડે.

સમય બધાનું ચિત્ર બદલવાનો સામર્થ્ય ધરાવે છે. જે આજે ખોટું જણાય છે, તે કાલે સાચું સાબિત થાય. જે આજે મૌન છે, એ કાલે કથન બની શકે છે. એટલે જ કહેવાય છે:
"સમય સૌથી બળવાન છે, માટે શાંત રહેવું વધુ સારું."

શાંતિમાં ઉદારતા હોય છે. જ્યારે આપણે પોતે શાંત રહીએ છીએ, ત્યારે આપમેળે આપણા વિચારો ભીતરમાં ઊંડા બને છે. આ શાંતિ આપણા માટે રક્ષણ પણ બને છે. – કારણ કે દરેક સંજોગમાં બોલવું જરૂરી નથી. ઘણાં પ્રશ્નોનો જવાબ શાબ્દિક નથી, પણ વ્યવહારિક છે.

અને જ્યારે વાત આવે દોષની, ત્યારે માનસિક દૃષ્ટિએ આપણે જે છે તે જ જોઈ શકીએ છીએ. વ્યક્તિની પરિસ્થિતિ સંજોગ કોઈ જોતું નથી. "આંખોમાં દોષ હોય તો દોષ જ દેખાય!"

માણસની નજર અને મન બંને જો નકારાત્મક હોય, તો દરેક ઘટના, દરેક વ્યક્તિમાં ખામી જોવા મળે.
પણ જેનું હ્રદય શુદ્ધ હોય, તે દુઃખદ સંજોગોમાં પણ આશાનો ચમકારો જોઈ શકે છે.

આખરે, જેવો સ્વભાવ હોય, તેવી જ તેની દુનિયા બને છે.
સ્વભાવ પ્રકૃતિ બની જાય છે. કોઈનું સાંકડું મન બધામાં છિદ્ર શોધે છે, તો કોઈનું નિર્દોષ મન બધામાં ભગવાન જોઈ શકે છે.

જન્મથી આપણે બધાને બોલવાની શક્તિ મળે છે,
પણ ક્યાં, ક્યારે અને કેવી રીતે બોલવું – એ શીખવું પડે છે. એ જ વાસ્તવિક સમજદારી છે.

તો ચાલો, હવે પછી જ્યાં શક્ય હોય ત્યાં શાંત રહીને સંજોગોને સમય આપીએ.
સત્યને સાચા સમયે રજૂ કરીએ, અને દોષ શોધવા કરતાં દ્રષ્ટિ સુધારીએ. કારણકે ક્યારેક ભીતરની શાંતિ પણ મહત્વની હોય છે.

સમયની ચાલ ધીમી છે પણ પરિવર્તન ચોક્કસ છે. – અને તે હંમેશા સાચા પક્ષે રહે છે. કોઈ આપણે ખોટા સમજે તો બિલકુલ ખોટું લગાડવું નહીં. એક હળવા હાસ્ય સાથે વિદાય લેવી યોગ્ય છે. 'Accept and go ahead..'
Be a practical...

જય શ્રીકૃષ્ણ 🙏
ભગવાન સૌનું ભલું કરે.✨
દર્શના હિતેશ જરીવાળા "મીતિ"
રાધે રાધે ❤️

jari

🌿 सावन में आखिर मन शिवमय क्यों 🌿

बरसों बीते, फिर वही सावन आया,
भीगी हवाओं ने "भोले" को फिर से बुलाया।

हर बूंद में घुला एक मंत्र-सा प्रभाव है,
जैसे शिव की जटाओं से बहता कोई भाव है।

मेघों की गर्जना जब डमरू सी लगती है,
मन की हर गूंज शिव-ध्यान में रचती है।

वृक्षों की हरियाली में नंदी की छाया है,
हर हर महादेव की गूंज जैसे सृष्टि की माया है।

सावन की फुहारें नहीं केवल पानी हैं,
ये तो शिव के आँचल से गिरती कहानी हैं।

कांवड़िये पथ पर नहीं, श्रद्धा में बहते हैं,
हर कण-कण में भोलेनाथ के रंग रहते हैं।

व्रत-भक्ति और रुद्राभिषेक की बेला,
सावन शिव का मास है, नहीं कोई झमेला।

जैसे धरती शिव को प्रणाम में झुक जाती है,
वैसे ही हर आत्मा ध्यान में रमता जाती है।

सावन मन को बस शिव के समीप ले आता है,
दुनिया छूटे न छूटे, पर “शिव” मन में बस जाता है।

🌧️ “शिव को पाना हो तो सावन से बात कर लो,
हर बूँद में उनका आशीष बरसता है...” 🌸

✍️ डॉ. पंकज कुमार बर्मन
कटनी, मध्यप्रदेश

pintumajhi.678666

Sorry for my earlier statement, Washington Sundar has taken two wickets. Still a long way to go. Test cricket

kattupayas.101947

कभी-कभी लगता है क्या ही मिला मुझे उससे बात करके दर्द, तन्हाई, रुसवाई, चेहरे को बर्बाद किया, जिसे मैंने बेहिसाब प्यार किया, उसी ने मुझे ज़िंदा लाश किया..!!!

rohittalukdar7180

Good evening friends

kattupayas.101947

https://www.matrubharti.com/book/19977738/first-time-in-hostel-a-lesson-in-disguise-1

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2nd chapter arriving 🛬 soon🔜 guys 😃💞

sagwal

सबको बस धूप चाहिए,
पर मैं तो बारिश में ही जीती हूं।
- शिवांगी विश्वकर्मा

kahaniyabyshivangi

📚 राजु कुमार चौधरी
✍️ लेखक | कवि | कहानीकार
📍 प्रसौनी, पर्सा, नेपाल

"मैं कहानियाँ नहीं लिखता, मैं आपको एक दूसरी दुनिया में खींच ले जाता हूँ।"

यहाँ आपको मिलेगा —
🌀 जादू की वो परत, जिसे कोई तोड़ नहीं सकता
💔 प्रेम की वो गहराई, जहाँ दिल रो भी ले और मुस्कुरा भी दे
👻 रहस्यों की वो परछाई, जो आपके सपनों में भी पीछा करे
🔥 संघर्ष की वो आग, जो आपको हारने नहीं देगी

कहानियाँ पढ़ने नहीं, जीने के लिए होती हैं — और मेरी कहानियाँ आपकी रूह को छू जाएंगी।
हर दिन कुछ नया, कुछ अनसुना... बस आपके लिए।

🙏 पढ़ें, कमेंट करें, और इस जादुई सफर का हिस्सा बनें।
📬 आपके आइडियाज, मेरे अगले जादू की चाबी हो सकते हैं।

rajukumarchaudhary502010

"नरक है ये जीवन"

नरक ही तो है ये जीवन,
पूछोगे क्यों? तो सुनो ज़रा,
जहाँ जन्म के साथ ही मासूमियत छीन ली जाती है,
और माँ की गोद में भी मौत दिख जाती है।

जहाँ खेलने की उम्र में खिलौना छूट जाता है,
और किसी बेटी का बचपन पाप की भेंट चढ़ जाता है।
जहाँ दहेज के लिए हर रोज़ कोई औरत सताई जाती है,
और एक स्त्री अपने ही घर में घुट-घुट कर जीती है।

जहाँ नज़र हर वक़्त कपड़ों के पार जाती है,
और इज़्ज़त सिर्फ़ शब्दों में सिमट कर रह जाती है।
जहाँ न समझा जाता है एक लड़की का सपना,
बस बंद कमरों में क़ैद हो जाता है हर अपना।

जहाँ कहा जाता है — "ये काम तुम्हारा नहीं",
और हर मोड़ पर उसके सपने कुचले जाते हैं वहीं।
क्या यही जीवन है? क्या यही इंसानियत है?
अगर हाँ — तो सच कहूँ, ये तो बस नरक है।

aadijain

*વિશ્વાસનો અર્થ એ નથી કે "હું જે ઈચ્છીશ" તે જ ઈશ્વર કરશે,*

*પણ વિશ્વાસનો અર્થ એ છે કે ઈશ્વર હંમેશા એ જ કરશે જે "મારા માટે સારું" હશે.*

*🌞સુપ્રભાત🌞*

shreeshah