वाराणसी की तंग गलियों में अर्जुन का छोटा सा घर था, जहाँ वह अपनी पत्नी सुमन और छह साल के बेटे मोहन के साथ रहता था। एक साधारण मजदूर, जो सुबह काम पर जाता और शाम को दो वक्त की रोटी का इंतज़ाम करके लौट आता। उसकी दुनिया छोटी थी, मगर सुकून से भरी थी। पर किस्मत को शायद कुछ और ही मंज़ूर था। एक दिन काम से लौटते समय अर्जुन का एक्सीडेंट हो गया। उसकी टांग इतनी बुरी तरह जख्मी हुई कि डॉक्टर ने कह दिया— "अब कुछ महीनों तक चलना तो दूर, सही से खड़ा होना भी मुश्किल होगा।"
महाशक्ति - 1
एपिसोड01 सीजन 01 "महादेव की महिमा" – अर्जुन की कहानीवाराणसी की तंग गलियों में अर्जुन का छोटा सा घर जहाँ वह अपनी पत्नी सुमन और छह साल के बेटे मोहन के साथ रहता था। एक साधारण मजदूर, जो सुबह काम पर जाता और शाम को दो वक्त की रोटी का इंतज़ाम करके लौट आता। उसकी दुनिया छोटी थी, मगर सुकून से भरी थी।पर किस्मत को शायद कुछ और ही मंज़ूर था। एक दिन काम से लौटते समय अर्जुन का एक्सीडेंट हो गया। उसकी टांग इतनी बुरी तरह जख्मी हुई कि डॉक्टर ने कह दिया— "अब कुछ महीनों तक चलना ...Read More
महाशक्ति - 2
अध्याय 2: अनाया – एक रहस्यमयी आगाजबनारस की सुबहें वैसे तो गंगा आरती और मंदिरों की घंटियों की गूंज भरी रहती थीं, लेकिन आज हवाओं में कुछ अलग था। घाट की सीढ़ियों पर बैठा अर्जुन अपने विचारों में खोया हुआ था। गंगा की ठंडी हवा उसके चेहरे को छू रही थी, और उसका मन किसी अज्ञात एहसास से भरा हुआ था। वह शिवजी की मूर्ति की ओर देखता रहा, जैसे कोई संकेत खोज रहा हो। लेकिन किसे पता था कि महादेव ने उसके लिए कुछ और ही योजना बनाई थी।गंगा की लहरें मंद गति से बह रही थीं, सूर्य ...Read More
महाशक्ति - 3
महाशक्ति – तीसरा अध्याय: आधी रात की आहटरात का सन्नाटा पूरे वातावरण में घुल चुका था। आसमान में चाँद पूरी आभा के साथ चमक रहा था, लेकिन अनाया की आँखों में नींद नहीं थी। पिछले कुछ दिनों से उसे अजीब-अजीब सपने आ रहे थे। कभी वो खुद को एक विशाल पर्वत के शिखर पर खड़ा देखती, जहाँ से तेज़ रोशनी निकल रही होती। कभी-कभी उसे ऐसा लगता कि कोई अनजानी शक्ति उसे पुकार रही है।वो समझ नहीं पा रही थी कि यह महज़ एक सपना है या कोई संकेत। लेकिन आज का सपना कुछ अलग था। उसने खुद को ...Read More
महाशक्ति - 4
महाशक्ति – चौथा अध्याय: गूंजते मंत्र और छुपा रहस्यमंदिर की घंटियों की ध्वनि अभी भी हवा में गूंज रही शिवलिंग से निकलने वाली दिव्य रोशनी धीरे-धीरे कम हो रही थी, लेकिन अर्जुन और अनाया के दिलों में उठे सवाल शांत नहीं हो रहे थे।"क्या यह सब हमारी कल्पना थी?" अनाया ने धीरे से कहा, लेकिन उसकी आवाज़ में अनिश्चितता थी।अर्जुन ने उसकी आँखों में देखा। "नहीं, यह कोई संयोग नहीं हो सकता। हमें इसका अर्थ समझना होगा।"रहस्य से भरा पुराना ग्रंथअर्जुन और अनाया मंदिर से बाहर निकले तो हवा में अजीब-सी ठंडक थी। लेकिन एक सवाल अभी भी उनके ...Read More