Mahashakti - 36 in Hindi Mythological Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | महाशक्ति - 36

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महाशक्ति - 36


🌺 महाशक्ति – एपिसोड 36

"नागलोक की यात्रा और चेतना का द्वार"


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🕯️ प्रारंभ – सात कुलों की खोज का पहला पड़ाव

गुरुजी ने सप्तदीप के प्राचीन मानचित्र को सामने रखा।
उसमें सात चिह्न उभरे:

नाग,

गंधर्व,

मानव,

असुर,

राक्षस,

देव,

और एक अनाम शून्य।


"सबसे पहला द्वार है — नागलोक," गुरुजी बोले।
"नागों का कुल, जो आध्यात्मिक चेतना और कुंडलिनी की ऊर्जा से जुड़ा है।"

अर्जुन, अनाया और ओजस — तीनों तैयार थे।
छाया की शक्ति बढ़ रही थी, और हर पल उसके प्रभाव गाँव और तपस्थल पर पड़ने लगे थे।


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🛤️ यात्रा का आरंभ – शेष पर्वत की ओर

तीनों पहाड़ों, घने जंगलों और गुफाओं को पार करते हुए एक ऐसे स्थान पर पहुँचे जहाँ आकाश धुंधला और वातावरण में हल्की सिसकारी सी थी।

यह था — शेष पर्वत,
जहाँ नागलोक की सीमाएँ प्रारंभ होती थीं।

"ध्यान रखना," गुरुजी ने चेताया था,
"नागों की भूमि केवल तप और शुद्ध चेतना वालों को स्वीकार करती है।"


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🐍 नागलोक का प्रवेश द्वार – मन की परीक्षा

एक विशाल, साँप के फन के आकार का द्वार उनके सामने प्रकट हुआ।

उस पर लिखा था:

> "मन जो सर्प सा फिसलता है,
वही चेतना के नागलोक में प्रवेश पाता है।
पर जिस मन में भय हो… वह यहीं समाप्त होता है।"



तीनों ने एक-दूसरे की ओर देखा।

पहले ओजस आगे बढ़ा।
द्वार अपने आप खुला — उसकी चेतना निर्विकारी थी।

फिर अनाया — उसकी साधना और प्रेम की शक्ति ने उसे पार जाने दिया।

अर्जुन जब आगे बढ़ा, तभी द्वार से एक काली नागिननुमा छाया निकली —
और बोली:
"तू शिव के समान दिखता है… पर क्या तेरे भीतर वैसा ही धैर्य है?"


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🧠 अर्जुन पर पहला मानसिक हमला

अर्जुन को अचानक भ्रम होने लगा।

— उसने देखा कि ओजस, उसका पुत्र नहीं, बल्कि छाया का रूप है।
— अनाया उसे छोड़कर नागराज के साथ जा रही है।
— और वह अकेला, टूट चुका है।

"ये सब भ्रम है…" अर्जुन ने आँखें बंद कीं।
"ये मेरा नहीं, छाया का बोझ है।"

अर्जुन ने एक गहरी साँस ली और शिव मंत्र का जाप किया:

> "ॐ नमः शिवाय…
ॐ नमः शिवाय…"



धीरे-धीरे वह छाया शांत हुई।
द्वार खुला।
अर्जुन ने आँखें खोलीं — ओजस और अनाया मुस्कुरा रहे थे।


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🛕 नागलोक – चेतना का संसार

नागलोक कोई भौतिक स्थान नहीं था — वह चेतना की परत था।

चारों ओर नीली रोशनी, हवा में शांति, और मन में मौन।

नागराज वासुकि एक ध्यानमग्न मुद्रा में वहाँ विराजमान थे।

ओजस ने उनके चरणों में झुकते हुए कहा:
"हे नागराज, हम सप्तकुलों का आह्वान करने आए हैं —
छाया के विरुद्ध सत्य की मशाल जलाने।"

वासुकि ने अपनी आँखें खोलीं।

"ओजस… तू वही है जो सात कुलों के संधि सूत्र से जुड़ा है।
तेरा आना पूर्व निर्धारित था।
परंतु मैं तभी साथ चलूँगा,
जब तुम तीनों मेरी चेतना की परीक्षा में सफल हो जाओगे।"


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🧘‍♂️ तीन चेतनाओं की तीन परीक्षाएँ

1. ओजस की परीक्षा – मौन की शक्ति

वासुकि ने ओजस से कहा:
"मौन ही वह अस्त्र है जिससे सबसे बड़ा युद्ध लड़ा जाता है।"

ओजस को एक गुफा में भेजा गया — जहाँ हर दिशा से आवाज़ें आती थीं:

“तू अधूरा है…”

“तुझे भेजा गया, तू जन्मा नहीं…”

“तू एक प्रयोग है…”


ओजस ने कोई जवाब नहीं दिया।
बस आँखें बंद करके मौन साधना की।

एक घंटे बाद — गुफा शांत हो गई।
वासुकि बोले:
"यह बालक केवल ज्ञान नहीं, धैर्य का भंडार है।"

2. अनाया की परीक्षा – प्रेम बनाम मोह

अनाया को एक जलधारा के पार भेजा गया, जहाँ उसे अर्जुन की मृत्यु का दृश्य दिखाया गया।

वह रोई नहीं।
उसने शिवलिंग के समक्ष बैठकर मंत्र उच्चारित किया —
"अगर मेरा प्रेम सच्चा है, तो यह दृश्य भ्रम है।"

जलधारा शांत हुई — अर्जुन जीवित था।

वासुकि ने कहा:
"तू प्रेम की देवी है, न कि मोह में डूबी स्त्री। तू योग्य है।"

3. अर्जुन की परीक्षा – आत्मग्लानि का परित्याग

अर्जुन को एक कक्ष में भेजा गया जहाँ उसे अपने सारे जीवन की असफलताएँ दिखाई गईं:

जब उसने अपने पिता को खो दिया

जब वह पहली बार युद्ध में पराजित हुआ

जब वह खुद से नफरत करने लगा था


वह रो पड़ा।
लेकिन फिर उसने कहा:
"मैं वो नहीं हूँ जो अतीत में गिरा था —
मैं वो हूँ जो हर बार उठ खड़ा हुआ।"

वासुकि बोले:
"तू शिव का प्रतिनिधि है — क्षमा और संघर्ष दोनों तुझमें हैं।"


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🐍 नागराज का साथ और वरदान

वासुकि ने तीनों को आशीर्वाद दिया:
"अब नागकुल, सत्य के इस संग्राम में तुम्हारे साथ है।"

उन्होंने एक शक्तिनाग भेंट किया —
जो जब भी बजाया जाएगा, नागों की चेतना सहायक होगी।

ओजस ने उसे अपने गले में पहन लिया।

"यह पहला कुल है, अर्जुन," वासुकि बोले।
"बाकी छह अभी बाकी हैं — और छाया अब जान चुकी है कि तुम उसकी ओर बढ़ रहे हो।"


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🌑 छाया का क्रोध – नया षड्यंत्र

तपस्थल से दूर, छाया अब एक नई योजना बना रही थी।

"अब मुझे अर्जुन की चेतना को नहीं…
ओजस की आत्मा को तोड़ना होगा।"

उसने एक रक्त-नेत्र बनाया — और उसे ओजस के पीछे भेज दिया।


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✨ एपिसोड 36 समाप्त