MAHAASHAKTI - 4 in Hindi Mythological Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | महाशक्ति - 4

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महाशक्ति - 4

महाशक्ति – चौथा अध्याय: गूंजते मंत्र और छुपा रहस्य

मंदिर की घंटियों की ध्वनि अभी भी हवा में गूंज रही थी। शिवलिंग से निकलने वाली दिव्य रोशनी धीरे-धीरे कम हो रही थी, लेकिन अर्जुन और अनाया के दिलों में उठे सवाल शांत नहीं हो रहे थे।

"क्या यह सब हमारी कल्पना थी?" अनाया ने धीरे से कहा, लेकिन उसकी आवाज़ में अनिश्चितता थी।

अर्जुन ने उसकी आँखों में देखा। "नहीं, यह कोई संयोग नहीं हो सकता। हमें इसका अर्थ समझना होगा।"

रहस्य से भरा पुराना ग्रंथ

अर्जुन और अनाया मंदिर से बाहर निकले तो हवा में अजीब-सी ठंडक थी। लेकिन एक सवाल अभी भी उनके मन में घूम रहा था—यह सब क्या था?

"हमें किसी जानकार से बात करनी होगी," अर्जुन ने कहा।

अनाया ने सोचा, फिर धीरे से कहा, "गुरुदेव से?"

गुरुदेव—गाँव के सबसे ज्ञानी व्यक्ति। वे सालों से पुराणों और शास्त्रों का अध्ययन कर रहे थे। अगर किसी के पास इस रहस्य का उत्तर हो सकता था, तो वह वे ही थे।

अगली सुबह, अर्जुन और अनाया गुरुदेव के आश्रम पहुँचे।

गुरुदेव एक पुराने ग्रंथ का अध्ययन कर रहे थे जब उन्होंने अर्जुन और अनाया को आते देखा।

"क्या बात है, पुत्र? तुम दोनों इतने व्याकुल क्यों लग रहे हो?"

अर्जुन ने मंदिर में हुई सारी घटनाएँ विस्तार से बताईं। गुरुदेव की आँखें गंभीर हो गईं। वे उठे और आश्रम के एक कोने में रखे लकड़ी के संदूक से एक बहुत पुराना ग्रंथ निकालकर लाए।

"यह 'महाशक्ति पुराण' है," गुरुदेव ने कहा। "इसमें लिखा है कि महाशक्ति किसी भी युग में तब जागती है जब अधर्म अपनी चरम सीमा पर पहुँच जाता है।"

"महाशक्ति?" अनाया ने धीमे स्वर में दोहराया।

गुरुदेव ने सिर हिलाया। "इस ग्रंथ में यह भी कहा गया है कि महाशक्ति को जगाने के लिए दो आत्माओं का मिलन आवश्यक होता है।"

"क्या ये आत्माएँ हम हैं?" अर्जुन ने संदेह से पूछा।

गुरुदेव मुस्कराए। "यह तो समय ही बताएगा, लेकिन तुम्हारी आत्माएँ निश्चित रूप से इस रहस्य से जुड़ी हुई हैं।"

गुप्त मंत्र और खोया हुआ सच

गुरुदेव ने ग्रंथ का एक पृष्ठ खोला और एक श्लोक पढ़ा—

"यदा यदा हि धर्मस्य, ग्लानिर्भवति भारत।
तदा आत्मसंयोगेन, शक्ति जाग्रति लोकतः।।"

अनाया और अर्जुन ने आश्चर्य से गुरुदेव की ओर देखा।

"इसका क्या अर्थ है?" अनाया ने पूछा।

गुरुदेव ने गंभीर स्वर में कहा, "जब अधर्म बढ़ता है, तब दो आत्माओं के मिलन से शक्ति का जागरण होता है।"

अर्जुन ने गहरी साँस ली। "तो क्या हमें महाशक्ति को जगाने के लिए कुछ करना होगा?"

गुरुदेव ने सिर हिलाया। "पहले तुम्हें अपनी शक्ति को पहचानना होगा। इसके लिए तुम्हें उस स्थान को खोजना होगा जहाँ महाशक्ति की वास्तविक ऊर्जा छुपी है।"

खोया हुआ स्थान

गुरुदेव के आश्रम में रखे एक पुराने मानचित्र को देखकर अर्जुन और अनाया को पता चला कि एक स्थान था, जहाँ महाशक्ति का जागरण किया जा सकता था—"शिवतत्व गुफा"।

लेकिन वह गुफा कहाँ थी, यह किसी को नहीं पता था।

"तुम दोनों को इसे खुद खोजना होगा," गुरुदेव ने कहा।

अर्जुन और अनाया एक-दूसरे की ओर देखने लगे। यह सफर आसान नहीं होने वाला था।

आगे क्या होगा?

अब अर्जुन और अनाया को अपनी असली शक्ति को पहचानना होगा। लेकिन क्या वे शिवतत्व गुफा तक पहुँच पाएंगे? और वहाँ उन्हें क्या मिलेगा?

जानने के लिए पढ़ते रहिए—महाशक्ति!