MAHAASHAKTI - 19 in Hindi Mythological Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | महाशक्ति - 19

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महाशक्ति - 19

महाशक्ति – एपिसोड 19

"सपने, संकेत और बढ़ता हुआ डर"

सूरज की पहली किरणें आकाश में फैल चुकी थीं। पहाड़ों के बीच बसे इस मंदिर क्षेत्र में हर सुबह मंत्रों की गूंज से एक नई ऊर्जा भर जाती थी। लेकिन इस पवित्र वातावरण के बीच अर्जुन के मन में एक अजीब सी हलचल थी। वह रातभर सो नहीं पाया था।

अर्जुन का सपना और शिवजी का संकेत

रात को जब अर्जुन सोया, तो उसने एक विचित्र सपना देखा—

वह एक गहरे जंगल में था। चारों ओर घना अंधेरा था, और सिर्फ चंद्रमा की हल्की रोशनी ज़मीन पर पड़ रही थी। अचानक उसे दूर से अनाया की चीख सुनाई दी। वह उसकी ओर भागा, लेकिन जैसे ही वह पास पहुँचा, उसने देखा कि अनाया किसी अदृश्य शक्ति द्वारा हवा में उठा ली गई थी।

"अर्जुन!" अनाया की आवाज़ काँप रही थी।

अर्जुन ने उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन तभी एक गहरी गर्जना सुनाई दी। आसमान में एक विशाल नाग की आकृति बनी, और उसके ठीक सामने शिवजी प्रकट हुए।

"तुम्हारा प्रेम तुम्हारी शक्ति बनेगा, अर्जुन। लेकिन याद रखना, प्रेम की रक्षा करने के लिए तुम्हें अपनी शक्ति से अधिक अपने धैर्य की परीक्षा देनी होगी।"

इतना कहते ही पूरी दृश्य बदल गई, और अर्जुन की आँखें खुल गईं। उसका दिल तेज़ी से धड़क रहा था।

"क्या यह सिर्फ सपना था, या शिवजी कोई संकेत दे रहे थे?" अर्जुन सोच में पड़ गया।

अनाया की मासूमियत और अर्जुन की चिंता

सुबह जब अर्जुन अनाया से मिला, तो वह पहले की तरह ही खुशमिजाज लग रही थी।

"अर्जुन, तुम इतने परेशान क्यों लग रहे हो?" अनाया ने हंसते हुए पूछा।

अर्जुन ने उसकी आँखों में देखा।
"बस… रात को एक अजीब सपना देखा।"

अनाया ने उसकी बात को हल्के में लेते हुए कहा, "अर्जुन, तुम नाहक परेशान हो रहे हो। सपने हमेशा सच नहीं होते।"

अर्जुन ने कुछ नहीं कहा, लेकिन उसके चेहरे से उसकी चिंता झलक रही थी।

पहाड़ों पर एक रहस्यमयी घटना

शाम को अर्जुन और अनाया पास की पहाड़ियों पर घूमने निकले। वे दोनों शिव मंदिर के पास बने झरने की ओर बढ़ रहे थे, तभी अचानक हवा का बहाव तेज़ हो गया। पेड़ हिलने लगे, और मंदिर की घंटियाँ बिना किसी छूए बज उठीं।

अर्जुन ने तुरंत इधर-उधर देखा। उसे लगा कि कोई अदृश्य शक्ति उनके आसपास थी। अनाया ने भी यह महसूस किया, लेकिन वह कुछ समझ नहीं पाई।

तभी… एक सफेद कपड़े में लिपटी आकृति सामने आई। उसकी आँखें बंद थीं, और उसके हाथ में एक त्रिशूल बना हुआ था। अर्जुन ने ध्यान से देखा—वह आकृति धीरे-धीरे मिटने लगी, लेकिन उसकी जगह ज़मीन पर एक चिह्न बन गया था।

जब अर्जुन पास गया, तो उसने देखा कि चिह्न में नाग और त्रिशूल की आकृति बनी थी।

"शिवजी फिर से कोई संकेत दे रहे हैं… लेकिन क्या?" अर्जुन ने खुद से कहा।

अनाया पर आने वाला संकट?

रात को अर्जुन सो नहीं पा रहा था। वह उस चिह्न के बारे में सोच रहा था। तभी अचानक बाहर से किसी के गिरने की आवाज़ आई।

वह तेजी से भागा और देखा—अनाया ज़मीन पर गिरी हुई थी, और उसके पैर में खून बह रहा था।

"अनाया!" अर्जुन ने घबरा कर उसे उठाया।

अनाया दर्द से कराह रही थी, लेकिन उसने जब अर्जुन को इतने घबराए हुए देखा, तो हंस पड़ी।
"अर्जुन, मैं बस पत्थर से फिसल गई थी। तुम इतना परेशान क्यों हो रहे हो?"

अर्जुन ने उसकी आँखों में देखा और गंभीर स्वर में कहा, "क्योंकि मुझे डर लग रहा है कि कोई बड़ा खतरा तुम्हारी तरफ बढ़ रहा है, और मैं इसे रोक नहीं पा रहा।"

अनाया ने अर्जुन का हाथ पकड़ा और धीरे से कहा, "अगर तुम मेरे साथ हो, तो मुझे कोई डर नहीं।"

अगला कदम…

लेकिन अर्जुन को इस बात का एहसास हो चुका था कि शिवजी की भविष्यवाणी धीरे-धीरे सच हो रही थी। अनाया के साथ कुछ बुरा होने वाला था, और उसे इसका हल निकालना ही होगा…

(अगले एपिसोड में – क्या अर्जुन शिवजी की भविष्यवाणी का मतलब समझ पाएगा? अनाया का जीवन संकट में पड़ने वाला है… क्या अर्जुन उसे बचा पाएगा? जानने के लिए पढ़ते रहिए – महाशक्ति!)