किसी भी व्यक्ति का परिचय उसका नाम, उसके अंग वस्त्र , उसकी जाती और उसका धर्म नहीं कराते बल्कि उनका व्यवहार, उनका कौशल और उनके विचार ही उनका परिचय कराने में सक्ष्म होते हैं।
जिस प्रकार सूर्य को अपना परिचय देनें की जरूरत नहीं बल्कि लोग मात्र उसकी अनुभूति से ही जान जाते हैं ,इसी प्रकार कई विद्वानों का परिचय भी उनके कौशल,उनके विचार और व्यवहारिक जीवन से ही हुआ है जिन्हें
अन्नतकाल तक के लिऐ स्मरण किया जाता रहेगा।
#परिचय