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जो फरेब में लिपटा हो वो सनम सनम नहीं, तोड़ ले जितना तोड़ना है हमें, हौसले तोड़ दे मेरे इतना किसी में दम नहीं। -Adil Uddin
आसमान से आते हैं सब इस दुनिया में, अगर मैं आसमान को देखूं तो कहते हैं औकात में रहा करो, भला मैं अपने घर को ढूंढता हूं इसमें हर्ज़ ही क्या है। -Adil Uddin
यूहीं राहों में मिल जाते हैं लोग, लेकिन हर बार जिंदा चीज़ तो नहीं मिलती, कभी पत्थर भी मिल जाते हैं। -Adil Uddin
ये रातें भी अजीब है ये मेरे साथ-साथ जागती हैं, सुबह का उजाला भी क्या उजाला है, ये तो बंद दरवाजों के अंदर नहीं आ सकता, रात कम से कम रातें तो बिताती हैं। -Adil Uddin
कुछ पन्ने अभी बाकी हैं स्याही मेरे कलम की खत्म हो चुकी है, कहो तो आसुओं से लिख दूं आखरी सांसो को शब्दो में बदल दूं.... -Adil Uddin
कौन कौन चाहता है इस कहानी को में आपके सामने पेश करूं?
बहुत समय बाद आपके लिए लेकर आ रहा हूँ 09/12/21 के दिन एक कहानी पढे़ और अपनी कीमती साेंच मुझे बतायें -Adil Uddin
खुद ही पढ़ नहीं पा रहा हूँ,जो कहानी मैंने लिखी थी इस कहानी में किरदार ग़लत नहीं थे,मैंने कहानी किरदारों के खिलाफ़ लिखी थी।
ना लेना था मुझे तेरी ज़िन्दगी से कुछ, ना तुझे मेरी मौत से कुछ लेना था, चल थोड़ा फेर बदल करते हैं, तू मेरी ज़िंदगी ले ले मुझे अपनी मौत दे दे!
#सजावटी - एक सीने में कभी दो दिल नहीं धड़कते, वैसे भी मेरे दिल के बग़ैर तुम्हारा सीना सजावटी लगता है, सच कहूँ तुम्हारा प्यार अब बनावटी लगता है
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