“सहनशील पत्नी”
पत्नी ने तो पति की गलतियाँ भी सह लीं,
उसकी बेरुख़ी भी, उसके झूठ भी,
यहाँ तक कि उसके जीवन में आई दूसरी औरत को भी सह लिया।
वो जानती थी — अब उसका हक़ कोई और बाँट रहा है,
पर उसने झगड़ा नहीं किया, सवाल नहीं उठाया…
बस अपने हिस्से की चुप्पी ओढ़ ली।
पर जब कभी उसके दिल का लावा फूट पड़ा,
पति ने कहा — “अब तो तू क्लेश करने लगी है।”
जिसने वर्षों तक सहेजकर घर को बचाया,
उसी को दोषिनी बना दिया गया।
सच है, औरत जब तक सहती है, सब उसे आदर्श कहते हैं,
पर जब बोलती है — वही आदर्श एक पल में “क्लेश” बन जाता है।