*अर्जून ने कृष्ण से पुछा..*
*"ज़हर क्या है"..?*
*कृष्ण ने बहुत सुन्दर जबाब दिया...*
*"हर वो चीज़ जो ज़िन्दगी में*
*॥आवश्यकता से अधिक होती है*
? *वही ज़हर है*
फ़िर चाहे वो *ताक़त* हो, *धन* हो, *भूख* हो, *लालच* हो, *अभिमान* हो, *आलस* हो, *मह त्वकाँक्षा* हो, *प्रेम* ॥हो या *घृणा*..
*"जहर ही है"*
शुभ सवार जय श्री राधामाधव,,,