जो बीती हर बात मे ......,
अब तुम होते तो ये जमाने की
बातों का असर ना होता मुझपर ,
जो बीती है अभी किस हाल मे
उसका जिक्र ना होता आजतक ...
वो जो लहजा था तुम्हारे अंदाज मे
दे गये तुम मुझे वो विरासत मे ,
मजबूर हु अब मे ये सोचकर
अब किस जहा मे रहना है ,
काश तुम होते तो ,
ये बातों का सिलसिला रेहता जारी ,
होती आज भी गुस्सैभरी नाक और
तीखे झगड़ों की तैयारी ,
कोई इसी बात पे होती
अगर सच्चाई ,
तो ये ना मानने की कसम तुमने
हरबार है खाई ,
जिद पे अड़े रहना तो आदत आज भी होगी तुम्हारी ,
लेकिन हर वो बात तुमसे मनवाने की आज भी है जिम्मेदारी ,
काश होता उन बातों का सिलसिला आज भी ,
और होता जीम्मा उन बेतुके सवालों का आज भी ,
नींद से थी दुश्मनी चांद से थी दोस्ती
वो बाहों मे भरना समझना हर जज्बात ......
सपनों की दुनिया मे अब ना होती ये बातें ,
जहा होती थी हर रोज मुलाकाते
सुनो एक बात बता दु तुम्हे ,
चलना है अकेले हमे इस दुनिया के दस्तूर मे ,
अब आदत सी है हमे खुशी ढूंढने की ,
जो बीती हर बात मे ......
Piya ❤️