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krutikruti46493gmailcom4128

Happy Children's Day

sureshumaraliya202340

મને ગમ્યું તે મારું
પણ જો તને ગમે તો તારું.
મારું તારું ને ગમતું પણ
લાવ ને કરીએ સહિયારું.
તું જીતે ને થાવ ખુશી હું,
લાવ ને ફરી ફરી હારું.

gohildigvijaysinh190047

माहेर सुखांचा सागर

shraddha.sable.04gmail.com190155

Happy Children’s Day ?

mirayapandyagmailcom

Happy Children's Day...

kingjatin5gmailcom

शब्द

     शब्द  हसवतात शब्द रडवतात ....

    शब्द शब्दांची सांगड घालत

    मनात रूजंवतात नवं कोर वाक्य !

    शब्द तारतात शब्द मारतात 
    
    शब्दच तलावरीचे घाव होऊन

    मन घायाळ करतात ....!

    शब्द अन् शब्दाचा समजून 
    
     घेण्याचा भाव बदलला की

     शब्दच रूसून छळू पहातात ....!

     शब्द आतड्यांत उकीरडयाचे

     भक्ष विनतो शब्द शब्दांची 
    
     रानफुल होऊन मृगजळ बनतो !

     शब्द कोवळे घन थरारतो

     थवे होऊन पक्षाचे उंच डोंगरावर

      संध्येच्या प्रहरी गंधारतो !

     शब्द निद्रेमधले गीत होतो

     शब्द माझ्या कवितेचे प्रित होतो

     शब्द करुणाघन होऊन शिळ

     घालत क्षितीजाच्या संग

     शुभ्र रत्न होऊन कोकिळाच्या

     कंठातले  मधुर सूर होतो .......

© कोमल मानकर , सिंदी रेल्वे . वर्धा 
    

komalmankar

krishna ej jivan

jani26

જય જલારામ બાપા

nikunjgohel224256

What is life without children
Like a world without the sun, stars and moon
Blessed are the ones who have children
Shower all your love on them
Happy Children’s Day! ??

kapadiavarsha97gmail.com

Happy, childrens, Day.

dineshparmarsagargma

આમનો જન્મદિવસ છે.... આજે.....?

rajveer76420

mehuljain143109

#Girls खास कर ap logo ke लिए पोस्ट है ??
प्लीज दो मिनट का समय निकाल कर आवश्य पढें
पूरी पढ़े बिना कमेंट न करे
मुझे आज तक ये समझ नहीं आया कि ये औरतें अपना नग्न शरीर अपने पति के अलावा किसको और क्यूँ ओर किसलिऐ| दिखाती हैं
हम अपने संस्कार और संस्कृती भूल गए हैं
लड़कियो के अनावश्यक नग्नता वाली पोशाक में घूमने पर तर्क है....इन कपड़ो के पीछे
कुछ लड़किया कहती है कि हम क्या पहनेगे ये हम तय करेंगे....पुरुष नहीं.....
जी बहुत अच्छी बात है.....आप ही तय करे....लेकिन हम पुरुष भी किस लड़की का सम्मान/मदद करेंगे ये भी हम तय करेंगे, स्त्रीया नहीं.... और हम किसी का सम्मान नहीं करेंगे इसका अर्थ ये नहीं कि हम उसका अपमान करेंगे
फिर कुछ विवेकहीन लड़किया कहती है कि हमें आज़ादी है अपनी ज़िन्दगी जीने की.....
जी बिल्कुल आज़ादी है,ऐसी आज़ादी सबको मिले, व्यक्ति को चरस गंजा ड्रग्स ब्राउन शुगर लेने की आज़ादी हो, मांस खाने की आज़ादी हो,वैश्यालय जाने और खोलने की आज़ादी हो . हर तरफ से व्यक्ति को आज़ादी हमें औरतो से क्या समस्या है??
लड़को को संस्कारो का पाठ पढ़ाने वाला कुंठित स्त्री समुदाय क्या इस बात का उत्तर देगा की क्या भारतीय परम्परा में ये बात शोभा देती है की एक लड़की अपने भाई या पिता के आगे अपने निजी अंगो का प्रदर्शन बेशर्मी से करे??? क्या ये लड़किया पुरुषो को भाई/पिता की नज़र से देखती है ??? जब ये खुद पुरुषो को भाई/पिता की नज़र से नहीं देखती तो फिर खुद किस अधिकार से ये कहती है की "हमें माँ/बहन की नज़र से देखो"
कौन सी माँ बहन अपने भाई बेटे के आगे नंगी होती है??? भारत में तो ऐसा कभी नहीं होता था....
सत्य ये है कीअश्लीलता को किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं ठहराया जा सकता। ये कम उम्र के बच्चों को यौन अपराधो की तरफ ले जाने वाली एक नशे की दूकान है।।और इसका उत्पादन स्त्री समुदाय करता है।
मष्तिष्क विज्ञान के अनुसार 4 तरह के नशो में एक नशा अश्लीलता भी है।
चाणक्य ने चाणक्य सूत्र में सेक्स को सबसे बड़ा नशा और बीमारी बताया है।।
अगर ये नग्नता आधुनिकता का प्रतीक है तो फिर पूरा नग्न होकर स्त्रीया अत्याधुनिकता का परिचय क्यों नहीं देती????
गली गली और हर मोहल्ले में जिस तरह शराब की दुकान खोल देने पर बच्चों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है उसी तरह अश्लीलता समाज में यौन अपराधो को जन्म देती है।।
√ मेरा मकसद किसी का दिल दुखना नही है सभी को अपना जीवन अपने तरीके से जीने का अधिकार है बस तरीका सही होना चाहिए ।
? ये पिक्चर तो एक नमूना है इससे वाहीयात फोटो तो बहुत से लोगों ने देखी होगीं
मुझे जो उचित लगा मैने कह दिया निर्णय आपका है।✔✔✔✔
.?? SARTAJ S.PATHAN??

sartajgoripathan105734

તારા સ્મિતની ભલે ને નિમિત બનતી આખી દુનિયા ,
મને તારી ઉદાસીનો સાથી બનવા દેજે ...
તારી હારે ભલે ને ભળે ટોળા મિત્રોના ,
મને તારા અસ્તિત્વનો પડછાયો બનવા દેજે ..
તારા જ હૃદયનો ધબકાર બનવા દેજે ..

દુનિયા ભલેને કહેતીકે મોજ મજા ને જલસો છેં જીંદગી ,
પણ ,
માની છેં તને જ મેં જીંદગી તો શ્વાસે શ્વાસે ધબકવા દેજે ..

ભલે કવિઓ કહેતા સ્વાર્થની સગી છેં આ દુનિયા ,
અજ્ઞાનનો ખાળાંપટ છે અહીં ,
આડમ્બર અને અભાવોથી ખદબદતી છેં આ દુનિયા ,
પણ સાંભર મને આ બધાથી પળ , અપવાદ બનવા દેજે..

સાંભર ...
આંખના પલકારમાં ,
સળકતા સમયમા ,
તારા સ્મરણમાં ,
સહરાના રણમા,
માત્ર પળ માટે નહીં અનંતકાળ સુધી તારી સાથે વિસ્તરવા દેજે ...

અત્તરનો પમરાટ વ્હાલી અમને ના શોભે ,
મને તારી ફોરમથી મ્હેકવા દેજે ...!
તારો જ વ્હાલી બસ , તારો રહેવા દેજે ..!
બહું બધું યાદ કરું છું બાબુ ....!
લબ ઉ સો મચ .....

harshadrathod161456

~*☞તમે બદલાઈ ગયા તો મજબૂરી હતી,*~

_*અમે બદલાયા તો બેવફા થઈ ગયા !!*_

?♥?

maheshmeniya230946

Please पूरा पढ़े... ???

बड़े गुस्से से मैं घर से चला आया ..
इतना गुस्सा था की गलती से पापा के ही जूते पहन के निकल गया
मैं आज बस घर छोड़ दूंगा, और तभी लौटूंगा जब बहुत बड़ा आदमी बन जाऊंगा ...
जब मोटर साइकिल नहीं दिलवा सकते थे, तो क्यूँ इंजीनियर बनाने के सपने देखतें है .....
आज मैं पापा का पर्स भी उठा लाया था .... जिसे किसी को हाथ तक न लगाने देते थे ...
मुझे पता है इस पर्स मैं जरुर पैसो के हिसाब की डायरी होगी ....
पता तो चले कितना माल छुपाया है .....
माँ से भी ...
इसीलिए हाथ नहीं लगाने देते किसी को..
जैसे ही मैं कच्चे रास्ते से सड़क पर आया, मुझे लगा जूतों में कुछ चुभ रहा है ....
मैंने जूता निकाल कर देखा .....
मेरी एडी से थोडा सा खून रिस आया था ...
जूते की कोई कील निकली हुयी थी, दर्द तो हुआ पर गुस्सा बहुत था ..
और मुझे जाना ही था घर छोड़कर ...
जैसे ही कुछ दूर चला ....
मुझे पांवो में गिला गिला लगा, सड़क पर पानी बिखरा पड़ा था ....
पाँव उठा के देखा तो जूते का तला टुटा था .....
जैसे तेसे लंगडाकर बस स्टॉप पहुंचा, पता चला एक घंटे तक कोई बस नहीं थी .....
मैंने सोचा क्यों न पर्स की तलाशी ली जाये ....
मैंने पर्स खोला, एक पर्ची दिखाई दी, लिखा था..
लैपटॉप के लिए 40 हजार उधार लिए
पर लैपटॉप तो घर मैं मेरे पास है ?
दूसरा एक मुड़ा हुआ पन्ना देखा, उसमे उनके ऑफिस की किसी हॉबी डे का लिखा था
उन्होंने हॉबी लिखी अच्छे जूते पहनना ......
ओह....अच्छे जुते पहनना ???
पर उनके जुते तो ...........!!!!
माँ पिछले चार महीने से हर पहली को कहती है नए जुते ले लो ...
और वे हर बार कहते "अभी तो 6 महीने जूते और चलेंगे .."
मैं अब समझा कितने चलेंगे
......तीसरी पर्ची ..........
पुराना स्कूटर दीजिये एक्सचेंज में नयी मोटर साइकिल ले जाइये ...
पढ़ते ही दिमाग घूम गया.....
पापा का स्कूटर .............
ओह्ह्ह्ह
मैं घर की और भागा........
अब पांवो में वो कील नही चुभ रही थी ....
मैं घर पहुंचा .....
न पापा थे न स्कूटर ..............
ओह्ह्ह नही
मैं समझ गया कहाँ गए ....
मैं दौड़ा .....
और
एजेंसी पर पहुंचा......
पापा वहीँ थे ...............
मैंने उनको गले से लगा लिया, और आंसुओ से उनका कन्धा भिगो दिया ..
.....नहीं...पापा नहीं........ मुझे नहीं चाहिए मोटर साइकिल...
बस आप नए जुते ले लो और मुझे अब बड़ा आदमी बनना है..
वो भी आपके तरीके से ...।।

"माँ" एक ऐसी बैंक है जहाँ आप हर भावना और दुख जमा कर सकते है...
और
"पापा" एक ऐसा क्रेडिट कार्ड है जिनके पास बैलेंस न होते हुए भी हमारे सपने पूरे करने की कोशिश करते है...मेरा पूरा पोस्ट पढ़ने के लिए शुक्रिया !!

sartaj.........

sartajgoripathan105734