Most popular trending quotes in Hindi, Gujarati , English

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New bites

थक गई हूँ सबको दिखाते–दिखाते कि मैं मज़बूत हूँ,
मुस्कुराते–मुस्कुराते दिल का बोझ और भारी हो सा गया।
ये जो ख़ामोशी है न मेरी…
काश कोई इसे भी पढ़ पाता।

सबको लगता है मैं खुश हूँ,
हँसती हूँ, बोलती हूँ, लड़ती हूं , झगड़ती हूं
मगर कोई ये नहीं देखता कि
रातों को मेरी आँखें क्यों भीग जाती हैं?
परेशान होकर क्यों आंसू मुझसे ही रूठ जाती है?

काश कोई होता…
जो मेरी उलझी बातों में छुपे दर्द को सुन पाता,
जो पूछे बिना ही समझ लेता,
कि मेरी ख़ामोश रातें कितनी तन्हा होती हैं....

बस कोई ऐसा…
जो कहता — “रूठ जाया कर मुझसे, थक जाया कर इस दुनिया से,
मगर लौट आना मेरी बाहों में…
क्योंकि मैं समझता हूँ तुझे… तुम जैसी हो, वैसी ही…”

काश… कोई होता,
जिसकी आँखों में मैं अपना सुकून ढूँढ पाती,
जो मेरी कमज़ोरियों से भी मोहब्बत करता,
और बिना कुछ कहे…
मुझे अपना सा कर लेता,
पर हकीकत कुछ और ही नजर आता है!!!!

_Manshi K

manshik094934

"देवाक काळजी रे माझ्या, देवाक काळजी रे…" हे गाणं म्हणजे केवळ एक संगीत तुकडा नाही, तर मनाला उभारी देणारं, काळजाला स्पर्श करणारं एक जीवनगीत आहे.


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देवाक काळजी रे – एका आत्मिक प्रेरणेचं स्वरूप



कोकणचं नितळ आकाश, लाल मातीचा गंध, डोंगरामागून उगवणारा सूर्य, आणि त्याच्या अंगणात उभा आहे एक शेतकरी – डोळ्यांत चिंता, पण चेहऱ्यावर श्रद्धा. आणि मग पार्श्वभूमीवर वाजतं...
"देवाक काळजी रे माझ्या, देवाक काळजी रे…"

हा सूर कोणत्याही शब्दांच्या पलिकडचा आहे.
हा सूर म्हणजे जणू आईच्या उबदार पदराचा ओलावा,
हा सूर म्हणजे विश्वासाचा नवा झरा.


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संगीत आणि गायकी

गायक
त्यांच्या आवाजात जी आत्मीयता आहे, ती ऐकणाऱ्याला अश्रूंनी भिजवून टाकते. आवाजात कोकणचा बाज, मातीचा गंध, आणि अंतःकरणातील श्रद्धा – सगळं ऐकताना दिसतं.

संगीतकारांनी कोकणी मातीतील धून, हलकीशी मृदंगाची साथ, आणि शब्दांमधील भाव खोलवर उलगडले आहेत.


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दृश्य मांडणी – एक जीवनगाथा

प्रत्येक फ्रेम... म्हणजे एक चित्रकथा.
आई पाणवठ्यावर भिजवलेला पदर,
लहान मुलगी देवासमोर हात जोडून उभी,
आणि वडील धान्य मोजताना नजरेने आकाशाकडे पाहतात…
हा सगळा संघर्ष, श्रद्धा आणि आशा यांचा जिवंत कोलाज आहे.


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कलाकार व अभिनय

स्थानिक कलाकारांना संधी देऊन, त्यांच्या चेहऱ्यावरचे खरे भाव टिपले गेले. त्यांच्या संवादात कोकणी भाषेचा सुगंध आहे – नटून मांडलेली नाही, तर खऱ्या आयुष्याला स्पर्श करणारी.

कोकणी भाषेचा वापर गाण्याला एक नैसर्गिक गोडवा देतो.
.. देवाक काळजी असतेच!"


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कोरोना काळातील उमाळा

कोरोनाच्या काळात जेव्हा सर्वत्र निराशा, वेदना, आणि अनिश्चितता होती,
तेव्हा हे गाणं म्हणजे मानसिक उपचारासारखं वाटत होतं.
" देवाक काळजी रे…"
या एका वाक्याने कित्येक हृदयांना उभारी दिली, डोळ्यातलं पाणी थोपवलं, आणि नव्यानं चालायला शिकवलं.


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एक कालातीत प्रेरणा

ही केवळ कला नाही, ही श्रद्धेची कविता आहे.
हे गाणं मराठी सांस्कृतिक अमृताचा एक थेंब आहे,
जे काळाला गवसणी घालणारं आहे.


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समाप्ती

"देवाक काळजी रे माझ्या…" हे केवळ गाणं नाही.
ते आपल्या आईसारखं आपल्याला मिठी मारणारं आहे.
ते आपल्या दुःखांवर शांततेचं औषध लावणारं आहे.
आणि ते आपल्या अंतर्मनातील देवाशी पुन्हा एकदा संवाद घडवणारं आहे.

fazalesaf2973

#कभी -कभी लोगों को दवाइयों की ज़रूरत नहीं होती, उन्हें बस कोई चाहिए होता है जो उनका दर्द सुन सके, उनकी बाते समझ सकें।।

missschhotti

And Thaylend Trip

rohittalukdar7180

न तुम बेवफा हो, न हम बेवफा है क्या करे दोनो शादीशुदा हैं,

rohittalukdar7180

Aaj Ka Samaj
Title: Gareeb Sirf Gareeb Nahi Hota

उसके पास ब्रांडेड जूते नहीं थे,
पर हर दिन नंगे पाँव मेहनत की राह चलता था।
उसके पास स्मार्टफोन नहीं था,
पर माँ-बाप की दवा और बहन की फीस समय पर देता था।
वो ग़रीब था… पर उसका दिल अमीर था।
दुनिया ने उसकी हालत देखी,
पर किसी ने उसकी मेहनत और ईमानदारी नहीं देखी।

✍️ Pawan, Ek Gareeb Ki Kahani Se,
सोचिए… क्या ग़रीबी सिर्फ पैसों की कमी है या इंसानियत की भी?

#Garibi #Truth #Mehnat #Respect #Inspiration #Emotional #Society

writerpawan

जग की अनोखी प्रथम प्रेम कहानी,
श्मशान के राजा के लिए
महलों को छोड़कर आई एक रानी।

सावन में आई उनके मिलन की घड़ी,
शादी का दिन कहलाया शिवरात्रि।

अगर करो मोहब्बत तो करो शिव जैसी,
आदि शक्ति सती हर रूप में स्वीकार थी पार्वती।

नियति को मंजूर थी शिव शक्ति की भी जुदाई,
तांडव किया फिर शिव ने तीनों लोकों में प्रलय आई।

bita

ഓർമ്മയിലെ പൂവ് 🌸

പൂർണ്ണമായി വിരിഞ്ഞു നിന്നൊരു കാലം
മധുരം നുകർന്ന് പൂമ്പാറ്റകൾ പറന്നു വന്നൊരു കാലം
പുഞ്ചിരി തൂകി തലയാട്ടി നിന്നൊരു കാലം
എന്നോ മറഞ്ഞൊരു ഓർമ്മ മാത്രമായ് മാഞ്ഞുപോയി.
വർണ്ണങ്ങൾ മാഞ്ഞു, സുഗന്ധം വറ്റിവരണ്ടു
കാറ്റിൽ ഒരു ഇലപോലെ പറന്നുപോയി
ആയിരം സ്വപ്നങ്ങൾ ബാക്കിയാക്കി
ഓർമ്മകൾ മാത്രം ബാക്കിയാക്കി.
ഇടനെഞ്ചിൽ ഒരു നോവായി നീ മാറിയാലും
നിന്റെ സൗന്ദര്യവും സൗരഭ്യവും ഒരിക്കലും മാഞ്ഞുപോകില്ല
എന്റെ ഹൃദയത്തിൽ നീ എന്നും ജീവിക്കും
അങ്ങനെ നീ എന്റെ ഹൃദയത്തിലെ രാജകുമാരിയായി മാറും.
പൂവേ, നീ പോയതറിയുന്നു ഞാൻ
നിനക്കായ് ഞാൻ എൻ്റെ ഹൃദയം തുറന്നിടുന്നു
ഇവിടെ നീ എന്നെന്നും ജീവിക്കുമെന്നറിയുന്നു
നിൻ്റെ ഓർമ്മകൾ എന്നെന്നും മായാതെ നിലനിൽക്കും.
വിധിയുടെ ക്രൂരമായ കൈകളാൽ നീ മരിച്ചുവെങ്കിലും
നിൻ്റെ സ്നേഹം എന്നെന്നും നിലനിൽക്കും
നിൻ്റെ പുഞ്ചിരി എൻ്റെ മനസ്സിനെ എപ്പോഴും ആശ്വസിപ്പിക്കും
പ്രിയപ്പെട്ട പൂവേ, നിനക്ക് വിട!

✍️തൂലിക _തുമ്പിപ്പെണ്ണ്

statusworld100748

मेरे चेहरे पे तेरी तो चमक है,
तेरे इश्क़ का आलम ये नक्श है।

नज़र तुझसे मिली, दिल को सुकून,
तेरी हर बात में रब की झलक है।

हवा में बस तेरा ज़िक्र बिखरता,
मेरे लफ्ज़ों में तेरा ही रक्श है।

तेरे बिन जिंदगी सूनी लगे अब,
तेरी यादों में बस रंग-ए-शफक है।

नहीं मुझको कोई गम की ख़बर अब,
तेरे प्यार में ये दिल बेकलक है।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

palewaleawantikagmail.com200557

Glimpses of Pujyashree Deepakbhai's Toronto Satsang Tour 2025

To watch more photos, visit: https://dbf.adalaj.org/qPTyhxxc

#photooftheday #picoftheday #Photogallery #PujyashreeDeepakbhai #DadaBhagwanFoundation

dadabhagwan1150

*तू क्यों गया?*

सुनसान गली, रस्ता अनजान,
चाहत से भरे थे पत्थर, बेईमान।
ना कोई दरिया, ना सावन की बूंद,
फिर भी आंखें भर आईं, चुपचाप, बेजुबान।

क्या रुकना, क्या थम जाना,
हर सांस में तेरी कमी का बस जाना।

हर मोड़ पे दर्द, हर गली सदा दे,
"तू कहां है?" दिल यही दुआ दे।

मेरी रूह को तू छू क्यों गया?
फिर अगले ही दिन, रूठ क्यों गया?
_Mohiniwrites

neelamshah6821

खुशहाल हुं, लफ्ज़ ए बयां करूं कैसे,
घायलभी हुं, मूस्कान अदा करूं कैसे;

मैंने पाया हुं, ज़ख्म , बहुत गहरा,
ख़ून तेरी है पहेचान, अदा करूं कैसे।

आनंद

mohanbhaianandgmailcom4776

खुशहाल हुं, लफ्ज़ ए बयां करूं कैसे,
घायलभी हुं, मूस्कान अदा करूं कैसे;

मैंने पाया हुं, ज़ख्म , बहुत गहरा,
ख़ून तेरी है पहेचान, अदा करूं कैसे।

आनंद

mohanbhaianandgmailcom4776

ઠોકરો કેટલી વાગી હશે,
પડયો હશે એ વારંવાર,
તકલીફ તો પડી ઉભાં થવામા,
પણ જેણે હાર નથી માની,
એજ જીવનની રમતમાં જીત્યો છે.

મનોજ નાવડીયા

manojnavadiya7402

📚✨ “एक किताब जो पहाड़ की खामोशियों को आवाज़ देगी…”
#ComingSoon
“जब पहाड़ रो पड़े” — धीरेंद्र सिंह बिष्ट द्वारा

कुछ किताबें पढ़ी नहीं जातीं, महसूस की जाती हैं।
यह कहानी नहीं, एक पीड़ा है जो सदियों से चुप थी — अब शब्दों में ढल रही है।

यह किताब उनके लिए है:
🌿 जो अपने गाँव की मिट्टी को आज भी दिल में बसाए हुए हैं,
🌄 जो शहर की चकाचौंध में खोकर भी पहाड़ की सादगी नहीं भूले,
👵 जिनकी यादों में दादी की कहानियाँ, माँ की थाली, और पापा की चुप्पी आज भी जिंदा है।

“जब पहाड़ रो पड़े” सिर्फ एक शीर्षक नहीं,
यह एक पुकार है उन गांवों की, जिन्हें हमने पीछे छोड़ दिया —
पर उन्होंने आज तक हमें छोड़ा नहीं।

📖 इसमें हैं —
• माँ की अधूरी पुकार
• पिता की खामोश मेहनत
• वीरान गांवों की आवाज
• और एक सवाल — क्या हम कभी लौटेंगे?

🌸 अगर आपने कभी गाँव छोड़ा है,
तो इस किताब में आप अपना ही चेहरा पाएंगे —
एक ऐसा प्रतिबिंब जो आपको भीतर तक छू जाएगा।

💌 “बुक लवर्स, यह सिर्फ किताब नहीं, एक वादा है — लौटने का, समझने का, और जोड़ने का।”

🕊️ Coming Soon… Stay Tuned
#जब_पहाड़_रो_पड़े #BookLoversIndia #HindiLiterature #DhirendraSinghBisht #ComingSoon #गांवकीकहानी

dhirendra342gmailcom

📚✨ “एक किताब जो पहाड़ की खामोशियों को आवाज़ देगी…”
#ComingSoon
“जब पहाड़ रो पड़े” — धीरेंद्र सिंह बिष्ट द्वारा

कुछ किताबें पढ़ी नहीं जातीं, महसूस की जाती हैं।
यह कहानी नहीं, एक पीड़ा है जो सदियों से चुप थी — अब शब्दों में ढल रही है।

यह किताब उनके लिए है:
🌿 जो अपने गाँव की मिट्टी को आज भी दिल में बसाए हुए हैं,
🌄 जो शहर की चकाचौंध में खोकर भी पहाड़ की सादगी नहीं भूले,
👵 जिनकी यादों में दादी की कहानियाँ, माँ की थाली, और पापा की चुप्पी आज भी जिंदा है।

“जब पहाड़ रो पड़े” सिर्फ एक शीर्षक नहीं,
यह एक पुकार है उन गांवों की, जिन्हें हमने पीछे छोड़ दिया —
पर उन्होंने आज तक हमें छोड़ा नहीं।

📖 इसमें हैं —
• माँ की अधूरी पुकार
• पिता की खामोश मेहनत
• वीरान गांवों की आवाज
• और एक सवाल — क्या हम कभी लौटेंगे?

🌸 अगर आपने कभी गाँव छोड़ा है,
तो इस किताब में आप अपना ही चेहरा पाएंगे —
एक ऐसा प्रतिबिंब जो आपको भीतर तक छू जाएगा।

💌 “बुक लवर्स, यह सिर्फ किताब नहीं, एक वादा है — लौटने का, समझने का, और जोड़ने का।”

🕊️ Coming Soon… Stay Tuned
#जब_पहाड़_रो_पड़े #BookLoversIndia #HindiLiterature #DhirendraSinghBisht #ComingSoon #गांवकीकहानी

dhirendra342gmailcom

आजकल की मित्रता वह मित्रता नहीं रही, नशे का व्यापार बढ़ रहा है। जिसके चलते मन में एक भय बना रहता है।

harishkumar6240

वर्तमान समय में हर एक चीज में मिलावट है, शुद्धता कम होती जा रही है।

harishkumar6240

आज के समय में प्रकृति आपदाओं का जिक्र।

harishkumar6240

बहू का सास के प्रति अच्छा व्यवहार ना होना।

harishkumar6240

Happy Gurupurnima, ગુરુપૂર્ણિમાની બધા મિત્રોને શુભકામનાઓ 💐💐💐🙏🌹🌹🌹

drbhattdamayntih1903

શુભ રાત્રી

mrsfaridadesar