याद
कभी सोचा न था कि यादें इतनी भारी हो जाएँगी,
एक नाम, एक चेहरा —
पर दिल के अंदर एक पूरी दुनिया बस जाएगी।
तू अब साथ नहीं है,
फिर भी हर सुबह तेरे एहसास के साथ ही उठती हूँ।
चाय का पहला घूंट अब पहले जैसा मीठा नहीं लगता,
क्योंकि अब उसमें तेरी मुस्कान की मिठास नहीं होती।
तेरे बिना हँसी आती है, मगर टिकती नहीं,
आवाज़ें सुनाई देती हैं, पर सुकून नहीं मिलता।
कभी-कभी लगता है,
तू यहीं कहीं है —
बस मैं देख नहीं पा रही।
याद भी कितनी अजीब चीज़ है ना —
न इसे मिटाया जा सकता है,
न किसी और से बाँटा जा सकता है।
ये वही रिश्ता है जो खामोश होकर भी बोलता है,
और दूरी में भी बहुत पास रखता है।
तेरी बातों की गूंज अब भी दीवारों से टकराती है,
तेरी हँसी अब भी हवा में तैरती है।
कभी लगता है,
तूने मेरी रूह में ही घर बना लिया है।
जब रात गहरी होती है,
तो यादें धीरे-धीरे चली आती हैं,
बिना दस्तक दिए मेरे पास बैठ जाती हैं।
कुछ नहीं कहतीं,
बस तेरे पुराने लम्हे फिर से जीला जाती हैं।
तेरा नाम अब भी मेरी दुआओं में आता है,
तेरी तस्वीर अब भी मेरी मुस्कान की वजह बनती है।
लोग कहते हैं, “वक़्त सब ठीक कर देता है,”
पर यादें वक़्त की नहीं,
दिल की होती हैं — और दिल कभी भूलता नहीं।
कभी बारिश में तेरी महक आती है,
कभी धूप में तेरे साए की झलक दिखती है।
कभी किसी गाने में तू लौट आता है,
कभी किसी खामोशी में तू खुद बोल जाता है।
तेरे बिना जीना सीख लिया,
पर तुझे भूलना आज तक नहीं सीखा।
क्योंकि याद सिर्फ दर्द नहीं,
वो इस बात का सबूत है कि हमारा प्यार सच्चा था।
अगर कभी ऊपर से देखे तू,
तो बस इतना जान ले —
मैं आज भी तुझे उतनी ही सच्चाई से याद करती हूँ,
जितनी सच्चाई से तू मुझे चाहता था।
और अगर किसी दिन ये दिल धड़कना बंद भी कर दे,
तो भी तेरे नाम की एक धड़कन उसमें ज़िंदा रहेगी…
क्योंकि यादें कभी मरती नहीं —
वो बस दिल की सांसों में छुपी रहती हैं। 💫