navratri Quotes in Hindi, Gujarati, Marathi and English | Matrubharti

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navratri bites

#Navratri
#નવરાત્રી

આજ મસ્ત મધમાતી રાત છે!
પ્રિયતમ ની સાથે આજ ગરબે રમવાને,
મનડુ અધિરૂ કઇં ખાસ છે!

જેમ મળે દાંડિયા સંગ દાંડિયા
મળે હૈયા થી હૈયુ એ રાત છે!

આજ લાગે અલૌકિક રૂપ તમારું,
કે અમારી નજરૂ નો વાંક છે!

ખેલૈયા ની ભીડ માં જોવાને તરસે,
આ આંખલડી બની આજ જામ છે!

આજ નવલી નવરાત્રી ની રાત છે!

#Navratri
#Kavyotsav

નોરતાની નવલી રાત આવી
હૈયે ઉમંગ ને ઉત્સાહ લાવી

ઘટસ્થાપના ને ચૂંદડી ચઢાવી
માતાને પૂજા અર્ચન સિધાવી

કરું પ્રાર્થના હું બે હાથ જોડી
કર મા અંબે કૃપા કરૂણા થોડી

તારાં ગરબે ઘૂમી લઉં હું માડી
અનેરી નવરાત્રિની નવ રાતડી

ऑनलाइन गरबा खेले चल री राधा l
काना गोपी संग खेले चल री राधा ll

घर बाहर निकलना मना है l
काना दूर मथुरा मे बसा है l
आज रास तो खेलेंगे ही l
ऑनलाइन रास खेले चल री राधा ll

सोसियल डिस्टेंस रखना है l
किसीको छुना भी मना है l
आज तो झूम पे खेलना है l
ऑनलाइन गरबा घूम चल री राधा ll
#NAVRATRI

#navratri
मां के कृपा से ही होता है यह दिन रात
मां के आशीर्वाद से बन जाती है हर बिगड़ी बात माही है इस जग के कर्ताधर्ता
मां का नाम लेकर ही करते हैं दिन की शुरुआत।
🕉️🔱💐🙏जय माता दी 🙏💐🔱🕉️

-Vp Army. ️️️️️️

#Navratri
#Kavyotsav

माता के स्वरूप...

नवरात्री की महिमा न्यारी, हर दिन का नया स्वरूप,
भक्ति करे नौ दिन मात की, फल दे तू अपने अनुरूप.

प्रथम रूप मात दुर्गा का, माता शैलपुत्री स्वरूप,
सिद्धि दे, शक्ति दे हमें मात तू अपने अनुरूप.

दूसरा रूप मात दुर्गा का, माता ब्रह्मचारिणी स्वरूप,
सदाचार, संयम - विजय दे हमें मात तू अपने अनुरूप.

तृतीय रूप मात दुर्गा का, माता चन्द्रघंटा स्वरूप,
जीवन कष्टों से मुक्ति दे हमें मात तू अपने अनुरूप.

चतुर्थ रूप मात दुर्गा का, माता कूष्मांडा स्वरूप,
आयु वृद्धि, यश-बल दे हमें मात तू अपने अनुरूप.

पांचवा रूप मात दुर्गा का, माता स्कंदमाता स्वरूप,
सुख, शांति एवं मोक्ष दे हमें मात तू अपने अनुरूप.

छठा रूप मात दुर्गा का, माता कात्यायनी स्वरूप,
रोग, शोक दूर कर सुख दे हमें मात तू अपने अनुरूप.

सातवां रूप मात दुर्गा का, माता कालरात्रि स्वरूप,
विध्न सारे दूर कर सुरक्षा दे हमें मात तू अपने अनुरूप.

आठवां रूप मात दुर्गा का, माता महागौरी स्वरूप,
सब संभव कर खुशहाली दे हमें मात तू अपने अनुरूप.

नौवा रूप मात दुर्गा का, माता सिद्धिदात्री स्वरूप,
अगम्य को सुगम बना राह दे हमें मात तू अपने अनुरूप.

ब्रह्माण्ड रूप मात दुर्गा तू, माता अविनाशी तेरा स्वरूप,
भक्ति भाव अर्चन का फल दे हमें मात तू अपने अनुरूप.

#Navratri
#Kavyotsav

#Navratri

नारी नवरूपा

इच्छाओं को वो करती है, सबकी प्यार से पूरी,
सहनशीलता से मिटाती है, आपसी मन की दूरी,
बिन उसके रहती है, जीवन की हर बात अधूरी,
गृहिणी कहलाती है, हर घर परिवार की धुरी।

काम घर का हो या बाहर का,
देती है तन मन धन से पूरा सहयोग।
करती बचत और अथक मेहनत,
छुपा लेती है अपने छोटे-मोटे रोग।

बच्चें है धड़कन इनके जीवन की,
पाती उनमें खुद के बचपन की झलक।
पढ़ाकर उनको जान लेती हैं कुछ नया
पूरी करती अपने सीखने की ललक।

घर के बड़े बुजुर्गों का भी रखती है ध्यान,
देती समय पर दवा और उचित खान-पान
बच्चे भी खुश रहते पाकर उनके अनुभव की छाया
मिलती सफलता, जहाँ हो इनके आशीर्वाद का साया।

संजोकर रखती सब नए पुराने रिश्ते नाते,
हर दिन है उत्सव इनका, यादगार जो बन जाते
मनाती है हर तीज त्यौहार, सबके मन को जो हैं भाते
रूप निखारे खुद भी अपना, झटपट सारे काम जो हो जाते।

खाकर बचा खुचा और बासी, हो जाना संतुष्ट
कह दिया है अब इनको अलविदा
जिम ज़ुम्बा एरोबिक्स से नाता जोड़
रखती है काया अपनी निरोगी सदा।

"क्या कहेंगे लोग" इस रोग से पायी अब निजात
शौक भी पूरे करती, चाहे दिन हो या रात
राजनीति और नयी तकनीकों की करती है बात
चर्चा हो कोई भी, अब देती है सबको मात।

जुड़े तार अंतर्मन से, करती प्राणायाम और योगासन
मिलती इससे नयी ऊर्जा, रहता स्वस्थ तन और शांत मन।
बदलते वक़्त के साथ, बदल दिया है अपना जीवन
नारी अब अबला नहीं, सामना करती है सबला बन।


सहन नहीं है उसको अब, मिला किसी से अपमान
वो चाहे बस केवल, सच्चा प्यार और सम्मान
पूजते आये हैं जिनके हम सिर्फ चित्र और मूरत
खोल आँखें देख लो, अब हर नारी में उसकी सूरत।

सौम्यक्रोधधरे सृष्टिरूपे महिषासुरनिर्नाशि चामुण्डे नमस्तुभ्यं।
सर्वस्वरूपे महाविद्ये कपालिनी देवी नारायणि नमोऽस्तु ते ॥
..
अर्थ- सौम्यक्रोध धारण करने वाली, सृष्टिस्वरूपिणी, महिषासुर का नाश करने वाली देवी चामुण्डे तुम्हें नमस्कार है। सर्वस्वरूपा महाविद्ये कपालिनी नारायणि देवी तुम्हें नमस्कार है।
((संस्कृत लिखने का प्रयास किया है, कोई त्रुटि हो गई हो क्षमा करें))
नवरात्रि की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं🌷🌷
🙏🥀
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