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Roopanjali singh parmar

Roopanjali singh parmar Matrubharti Verified

@roopanjaliparmarroop3978
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आज बैठे-बैठे यूँ ही कुछ पुरानी बातें याद आ गई, याद आया की कैसे तुमने पहली बार मुझे गले लगा लिया था। मेरे हाथ तुम्हारे सीने पर थे शायद इस कोशिश में की थोड़ा फ़ासला रहे हमारे दरमियान और तुम मेरे माथे को चूम मेरी हालत पर झुंझला रहे थे और चाह रहे थे कि तुम कोई जादू की छड़ी घुमा सब ठीक कर सको।
आज जब तुमसे दूर हूँ तो यह सब याद कर बस मुस्कुरा जाती हूँ।
तुम मुझसे हमेशा कहते थे 'बड़ी हो जाओ'।
तुम्हें याद है तुमने बिना किसी संकोच के सबके सामने मुझे अपने पास बुलाया था और मेरे नहीं आने पर हर एक शब्द पर जोर देकर कहा 'मेरे.. पास.. आओ..'।
मैं अवाक थी कि इतने अधिकार से तुम मुझे अपने पास कैसे बुला सकते हो।
तुम एकटक बस मुझे ही देख रहे थे और फिर मैं चुपचाप तुम्हारे पास आकर बैठ गई।
जब तुम अधिकार जताकर सबके सामने मुझे रोकते-टोकते थे तो मुझे लगता था कि कहीं गड्ढा खोदकर उसमें कूद जाऊं और ऊपर से मिट्टी डाल लूं।
क्योंकि हद है, यह आदमी ना जगह देखता न लोग बस अपने मन के हिसाब से चलता है।
तुम मेरे सवालों का जवाब भी यूँ देते हो जैसे मैंने बहुत बचकाना सवाल किया है और मैं बच्ची हूँ। मेरी आँखों में देखकर हल्की मुस्कुराहट के साथ तुम्हारा जवाब देना मेरा दिल इतना खुश कर देता था की मन करता था तुम्हारा मुँह नोच लूँ।
तुम्हें यकीन नहीं होगा मगर तुम्हारे हिटलर वाले स्वभाव की वज़ह से मैंने तुम्हें मन ही मन हमेशा 'जल्लाद' कहा है।
तुमसे कहने को बहुत बातें हैं मगर सब निरर्थक हैं।
अब इनका कोई अर्थ नहीं।
हम नदी के दो अलग-अलग किनारे हैं जिनका वजूद साथ दिखने तक का है साथ होने का नहीं और तुम्हें यह जानकर अच्छा लगेगा कि मैंने यह स्वीकार कर लिया है।
मगर तुम्हारा ख़्याल भर ही मेरे लिए जीवन भर की टीस है। मैं अब तुमसे दुबारा कभी मिल भी जाऊं तो पहले से ज़्यादा दूर भागूंगी। क्योंकि अब तो तुमसे मोहब्बत हो गई । नहीं होनी थी, मगर हो गई और होनी को कौन टाल सकता है।
जानती हूँ तुमसे कभी कहा नहीं है मगर तुमसे मुझे बेहद मोहब्बत है और शायद तुम्हें भी इसका एहसास हो। मगर ना कभी तुम कुछ कहोगे ना मैं और हम यूँ ही बिछड़ जाएंगे।
मेरे सारे ख़्वाब जो मैंने तुम्हारे साथ होने के देखे हैं चकनाचूर हो चुके हैं बस मेरा मन है जो मानता ही नहीं। आँखों पर पट्टी बांधने से अंधे नहीं होते और हाथ थाम लेने से साथ नहीं होते। यह सब तो बस क्षणिक है।
मैं उस बच्चे की भांति हो गई हूँ जो प्यार भरी दृष्टि भर से ही खिलखिला उठता है।
तुम सही कहते हो 'बड़ी हो जाओ'।
-रूपकीबातें
❤️🌺
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