Most popular trending quotes in Hindi, Gujarati , English

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New bites

Love and care have flourished in this rainy season.

kattupayas.101947

Rainy day

kattupayas.101947

Umbrella's life

kattupayas.101947

Umbrella quotes

kattupayas.101947

मौत तो एक प्रक्रिया है, मेरे लिए तो तुम्हारा जाना ही मेरा अंत था

rohittalukdar7180

जहर तो यूँ ही बदनाम है असली काम तो इश्क़ कर रहा है।

rohittalukdar7180

इश्क़ में ध्यान मछली की आँख पर नहीं, अपने होश पर रखना चाहिए। वरना तीर खुद की छाती में लग जाता है।

rohittalukdar7180

वो पागल धीरे-धीरे सबकी नावें किनारे लाता रहा, मगर जब खुद डूबा तो किनारा उससे बहुत दूर था।

lotus 🪷

rohittalukdar7180

तुम्हारा दिल, दिल नहीं कोई सरकारी कमरा हो गया है, हर कोई आकर दीवारों पर अपनी बात लिख जा रहा है।

rohittalukdar7180

मेरे घर में दुनिया की सबसे खूबसूरत औरत रहती है......
जिसे मैं मां कहता हूं।
मैं उसके आसपास कम............ उसके दिल में ज्यादा रहता हूं.........

mayurpokale921810

I want to present a colorful world where you and your freedom is respected

kattupayas.101947

The journey with you is most important and the destination I never care about

kattupayas.101947

Good morning friends

kattupayas.101947

Radhey Radhey 🌸🌺💞🌸🌺

gautamsuthar129584

welcome Jalandhar padharo . ham aapka swagat karenge

virdeepsinh

ज़रूरी नहीं हर ताल्लुक मोहब्बत का हो,
दोस्ती के रिश्ते इश्क़ से ऊँचा मुकाम रखते हैं।
वो साथ चलते हैं बिना किसी फ़ायदे के,
जो दर्द भी बाँट लें और खुशियाँ भी आम रखते हैं।

दिल को सुकून है उनकी महफ़िल में बैठने से,
जिनके लहजे में मोहब्बत और आँखों में सलाम रखते हैं।
दुनिया के मेले में भी जो हमें तन्हा न छोड़ें,
ऐसे दोस्त ही तो रिश्तों का असल इनाम रखते हैं।

satyashubhampandey200429

My book will be freely available on Kindle from 12:00 AM, 12 August 2025 to 11:59 PM, 16 August 2025.

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anand5870

Goodnight friends

kattupayas.101947

Its our joy to share happiness put more likes on your loved ones

kattupayas.101947

“कभी-कभी चुप्पी आपकी सबसे बड़ी जीत होती है।
मूर्ख को जवाब नहीं, सबक सिखाएँ — अपनी ख़ामोशी से।”
📌 Truth hits different
#LifeWisdom #PowerOfSilence #DhhirendraSinghBisht #Agnipath #ViralQuotes

dhirendra342gmailcom

✧ मूल तत्व विज्ञान ✧

तेज से जड़ तक — और पुनः तेज तक
✍🏻 — 𝓐𝓰𝔂𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲

प्रस्तावना

यह ग्रंथ केवल शब्दों का संग्रह नहीं है —
यह जीवन और ब्रह्मांड का संपूर्ण मानचित्र है।
इसमें वह बीज है जिससे सम्पूर्ण अस्तित्व का वृक्ष फैलता है —
और वह द्वार है जहाँ से सम्पूर्ण अस्तित्व मौन में लौट जाता है।

यह न केवल वेदांत की गहराई से जुड़ा है,
बल्कि आधुनिक विज्ञान की दृष्टि में भी यह एक पूर्ण, तार्किक और प्रमाणिक चक्र है।

जो इस ग्रंथ को पढ़े, वह केवल “जान” न पाए,
बल्कि अपने भीतर “देख” सके —
कि उसका जन्म, विकास और अंत —
एक ही धारा का प्रवाह है।

अध्याय 1 — सूत्र

> "सत्य पाया नहीं जा सकता — हम सत्य से बने हैं।
पुनः सत्य बनना ही सत्य तक पहुँचने का मार्ग है।"

अध्याय 2 — सूत्र का विज्ञान

1. सत्य = तेज

तेज न प्रकाश है, न अग्नि, न ऊर्जा — बल्कि उन सबका मूल कारण।

तेज परिवर्तनरहित, मौन, और स्थिर है।

उसका कोई आकार, रंग, गंध या माप नहीं — वह अज्ञेय है।

2. तेज से संसार

जब तेज का एक अंश अपने मूल केंद्र से बाहर आता है, तब परिवर्तन शुरू होता है।

यह परिवर्तन पंचतत्व में होता है:

1. आकाश — केवल विस्तार।

2. वायु — गति का जन्म।

3. अग्नि — गति से ताप।

4. जल — ताप से द्रवता।

5. पृथ्वी — स्थिरता का अंतिम रूप।

3. पंचतत्व में तेज का अंश

प्रत्येक तत्व में तेज मौजूद रहता है, जैसे बीज में जीवन।

इन्हीं तत्वों के तेज से जीवात्मा बनती है — कोई बाहरी चेतना प्रवेश नहीं करती।

4. जीव का विकास–चक्र

जीव 84 लाख योनियों में रूपांतरण करता है।

अंतिम और सर्वोच्च रूप — मानव है।

5. मानव की स्थिति

जन्म में मानव पृथ्वी तत्व प्रधान (जड़ और अज्ञान) होता है।

अनुभव और जन्मों की यात्रा में वह पुनः सूक्ष्म तत्वों की ओर लौटता है — जल → अग्नि → वायु → आकाश।

6. आकाश के पार

आकाश के ऊपर कोई तत्व नहीं, केवल शुद्ध तेज है — यही आत्मा है।

तेज में विलीन होना = जन्म–मृत्यु से मुक्ति।

अध्याय 3 — जन्म और मृत्यु का संकेत

जन्म = तेज का पंचतत्व में प्रवेश।

जीवन = पंचतत्व में यात्रा और विकास।

मृत्यु = पंचतत्व से तेज का मुक्त होना।

जब तेज पूर्ण रूप से लौट जाता है, चक्र समाप्त हो जाता है।

जो नहीं लौटता, वह पुनः नए रूप में प्रवेश करता है — यही पुनर्जन्म है।

अध्याय 4 — तीन शरीर और यात्रा

1. स्थूल शरीर — पृथ्वी तत्व प्रधान।

2. सूक्ष्म शरीर — मन, इंद्रियाँ, अनुभव।

3. कारण शरीर — चेतना, जो तेज है।

मन की यात्रा: जड़ से ज्ञान (आकाश) तक।
ज्ञान के बाद — मौन, और मौन में तेज।
अध्याय 5 — सूत्र का बोध

यह सूत्र न केवल कहता है कि “सत्य पाया नहीं जा सकता”,
बल्कि यह भी बताता है कि हमारे पास लौटने का एकमात्र मार्ग — पुनः अपने मूल में विलीन होना है।

यह कोई विश्वास, धर्म या उपासना का विषय नहीं —
यह एक पूर्ण विज्ञान है, जिसमें आरंभ और अंत दोनों दिखाई देते हैं।

सारांश

एक साधारण व्यक्ति भी समझ सके,

और जिसमें जन्म और मृत्यु का संकेत,

विकास और अंत की पूरी प्रक्रिया,

और रहस्य का समाधान — सब एक ही सूत्र में छिपा हो।

मतलब यह सूत्र केवल "ज्ञान" नहीं, बल्कि पूरा जीवन-चक्र का नक्शा है।

bhutaji

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