बेवफ़ा लम्हों से ना कोई शिकवा रहा,
सच्चा इश्क़ तो बस खामोशी में लिखा रहा।
न तक़दीर बदली, न रास्ते बदल सके,
वो ही रहा मेरा, चाहे जमाने बदलते रहे।
तेरी यादें रूह में इस तरह उतर गईं,
जैसे दुआओं में छुपी कोई असर गई।
वो मोहब्बत ही क्या जो वक़्त देखे,
सच्चा इश्क़ तो हर हाल में रहमत देखे।
— सच्चा इश्क़ ना सवाल करता है, ना जवाब चाहता है,
बस दिल से निभता है, और रूह तक साथ रहता है। ❤️
by---- Naina