"आज की मां"
आज की मेरी रचना
अय मां तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी।
एक फिल्मी गाना जो माता के प्रति का प्रेम व्यक्त करता है।
हमने भगवान को मूर्तिरूप या मन के ख्यालों में देखा है।
लेकिन माता इस धरती पर भगवान ही है,जो अपना सुख दुःख नहीं देखती और अपने संतानों के सुख के खातिर जिंदगी व्यतीत करती है।
माता माता होती है।
आज की हो या कल की या आने वाले कल की।
अपने संतान के प्रति प्रेम ही उसे जीने के लिए मजबूर करती है।
तूं कितनी अच्छी है
तूं कितनी प्यारी है
जब भी संतान को अपनी माता के प्रति प्रेम आता है तब उसे अपनी माता सब से अच्छी और प्यारी लगती है।
माता के प्रति का प्यार बढ़ जाता है।
लेकिन आज़ कल के बच्चे अपने बुढ़े माता पिता को अकेला छोड़ देते हैं या वृद्धाश्रम में दाखिल कर देते हैं।
जब उसे अपने पर ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ता है तब उसे माता पिता की याद आ जाती है।
छोटी छोटी तक़लिफों में संतान को अपनी माता याद आ जाती है।
आज की मां का संदेश
भूलो भले बीजु बधु मा बाप ने भूलसो नहीं
अगणित छे उपकार ऐना ऐ विसरशो नहीं।
जिंदगी में परिस्थितियां अच्छी हो या विपरीत अपने माता-पिता को मत भूलना।
हमारे माता-पिता ने हमारे लिए जो किया है,वह हमारे पर उपकार है। हमारे माता-पिता ने हमारे लिए जो किया है वैसा हम अपने संतानों के लिए नहीं कर सकेंगे।
कुछ लोग कहते हैं कि हमने अपने माता-पिता से भी बढ़िया हमारे संतानों को सुख दिया है।
सोचों, हमारे माता-पिता की उस वक्त की स्थिति,दो वक्त की रोटी नसीब से मिलती थी। फिर भी माता भूखी-प्यासी रहकर अपने संतानों को खिलाती है।
क्या हमने ऐसी परिस्थितियों का सामना किया है?
हमारी जिंदगी हमारे माता-पिता ने आसान बना दी है।
- कौशिक दवे