कल मैं जब हमेशा कि सुबह सुबह उठकर वाक् के लिए निकल पड़ी और सबसे खुबसूरती से गुड मॉर्निंग बोल कर अपना घड़ी में स्टेप सेट कर के स्पीड में चलने लगी।रोज की तरह ही करती थी पर आज कुछ स्पेशल दिन जो था क्या valentine's day और फिर अचानक से तुम्हारी याद आ गई और यह क्या तुम मेरे सामने खड़े मुस्कुरा रहे थे। मुझे लगा कि शायद यह सपना है तुम कहां से मेरे पास आ पाओगे और मैं जैसे ही मुड़ी तो तुमने उसी नाम से पुकारा जो मुझे बहुत पसंद था क्योंकि वो नाम तुमने ही दिया था। फिर तुमने कहा कि अरे एक hug तो बनता है।