भारत की भूमि, ऋषियों का धाम,
जहां हर कण में बसता है राम।
सिंधु घाटी की संस्कृति निराली,
सभ्यता की पहली कहानी हमारी।
वेदों का ज्ञान, धर्मों का मर्म,
जीवन का अर्थ सिखाया हर कर्म।
चाणक्य की नीति, अशोक का त्याग,
संघर्ष से सीखा शांति का राग।
गुप्तों का युग, स्वर्णिम था काल,
कला, विज्ञान का गूंजा हर गाथाल।
मौर्य की शक्ति, वैभव अपार,
संस्कृति का खजाना, अनमोल आधार।
मुगल आए, स्थापत्य बढ़ाया,
ताजमहल ने विश्व को लुभाया।
पर आई फिर गुलामी की पीड़ा,
अंग्रेज़ों ने लूटी हमारी ये सीढ़ा।
1857 की बगावत जगी,
क्रांति की चिंगारी हर दिल में लगी।
गांधी का सत्य, भगत का बलिदान,
नेहरू का सपना, स्वतंत्रता महान।
1947 का स्वर्णिम प्रभात,
आज़ाद हुआ भारत, हुआ विनम्र आरंभ।
संविधान ने दिया लोकतंत्र का दान,
समता और समानता का हुआ सम्मान।
हरित क्रांति, श्वेत क्रांति की राह,
भारत ने बढ़ाया विकास का चाह।
चंद्रयान ने दी अंतरिक्ष को छुआ,
वैज्ञानिकों ने नया इतिहास लिखा।
2024 का भारत, आत्मनिर्भर महान,
विश्वगुरु बनने को तैयार हिंदुस्तान।
संघर्ष और सफलता की है ये कहानी,
हर युग ने लिखी एक नई बानी।
जय हिंद की गूंज, है भारत का नारा,
संस्कृति और प्रगति का अद्भुत सहारा।
इतिहास हमारा, गर्व का प्रतीक,
हमेशा रहेगा भारत अद्वितीय।। - ©️ जतिन त्यागी