लबों से पूछूं, या मुस्कुराहट से पूछूं।
डर से पूछूं, या आहट से पूछूं।
तू ही बता, ऐ रोज़ बदल जाने वाले वक़्त
अल्फाजों से पूछूं या लिखावट से पूछूं।
चमन से पूछूं, या गुलाब से पूछूं।
जाम से पूछूं, या शराब से पूछूं।
मुकर्रर रखना है अगर, चांदनी आसमां की
तो चांद से पूछूं,या आफ़ताब से पूछूं।
आंखो से पूछूं या इशारों से पूछूं।
दामों से पूछूं, या बाजारों से पूछूं।
जब हो जाएगा कभी बेमुरब्बत।
तो गर्दिश से पूछूं या सितारों से पूछूं।
-Satish Malviya