#काव्योत्सव -2
【 वो..मुझे आज भी याद है!!】
● मेरे बालो की तारीफे तुम सुनाया करते थे, इन नसिली आँखों पर फ़िदा थे वो भी कहते थे, मेरे इन होंठो पर लाल रंग की लिपस्टिक अच्छी लगेगी वो भी कहा करते थे, मेरी मुस्कुराहट के दीवाने तो पहले से थे ही लेकिन इस बड़ी नाक की भी बातें छेड़ि थी...
【 वो..मुझे आज भी याद है!!】
● हर बात अच्छी तरह से समजाते थे, कभी कभी बातें करते करते ही सो जाया करते थे, कभी नींद मे भी बातें करते थे,कभी सुबह उठके भी बातों की बरसात करते थे, आखिर कुछ बात न सूजे तो शब्दोंवाला खेल खेला करते थे लेकिन बात जरूर करते थे...
【 वो..मुझे आज भी याद है!!】
● मिले थे एक बार बहोत वक़्त के बाद लेकिन नज़रे चुराके भी उस लम्हे में कुछ खास ढूंढा करते थे, कुछ समस्या हो भी जाये तो तुम उसका समाधान करते थे, तुमने cut-copy-paste भी अपने हाथों से सिखाया था...
【 वो..मुझे आज भी याद है!!】
● चलते वक़्त धरती मे ढूंढा करते थे-छत पर सोते वक़्त व्योम मे ढूंढा करते थे-लिखते वक़्त मेरे शब्दों मे ढूंढा करते थे-यहा तक की मेरे खुद के दिल मे भी उसीको ढूंढा करते थे-बारिसों मे भीगके भी तेरे प्यार मे डूबा करते थे-
हमें प्यार भी था लेकिन वो भी छुपाके करते थे...
【 वो..मुझे आज भी याद है!!】
● कभी कभी बात करते करते भूख भी लगती थी तो रात को भी उठके खाया करते थे,,
कुछ है ही नहीं खाने को तुम आकर कुछ बना दो ऐसे मज़ाक करके तुम हँसाया करते थे,
मुझे ऐसे चिड़ाके उसे बहोत मज़ा आता था...
【 वो..मुझे आज भी याद है!!】
● रात को चमकते तारो मे भी चाँदनी को ढूंढा करते थे लेकिन हम तो हर चीज मे समस्त को ढूंढा करते थे,,,
तुजे कुछ भी हो तो तुरंत पूछ लिया करते थे तुम ठीक तो हो न??,,
अगर तुम ठीक हो तो मे भी ठीक हूँ उसे ऐसे कहा करते थे...
【 वो..मुझे आज भी याद है!!】
● दोनों प्यार करते है उस बात को राज़ ही रखना चाहते थे क्योंकि एक दूसरे को बदनाम नहीं करना चाहते थे,,,,
प्यार हैं वो तो रहेगा ही ऐसे भी कहाँ करते थे,,,
अब इस बात का ज़िक्र ना खुद से करना है और ना ही किसी और से करना है,,
ये भी वादा किया करते थे, इतना विश्वास दोनों एक दूसरे पर किया करते थे...
【 वो..मुझे आज भी याद है!!】
★ चाँदनी