#काव्योत्सव -2
★ शायद ऐसे तुम्हे दोबारा मिलूंगा!!! ★
● अगर जिन्दा रहा तो दोबारा मिलूंगा और भूल भी गया तो तुजे तो सब याद ही है,,,
एक बार सब बातों का जिक्र करना...
★ शायद ऐसे तुम्हे दोबारा मिलूंगा!!! ★
● जिस पल हँसाया था पहेली बार उस पल से आज तक का साथ युही नहीं ख़ुदाने मुक्कमल किया होगा,,,
वरना आज तक का ये सफर कब का ख़तम हो चूका होता...
★ शायद ऐसे तुम्हे दोबारा मिलूंगा!!! ★
● जहा कल हम थे, वही आज जीने के लिए एक बार तेरा दिल भी मुस्कुराया होगा,,,,
किस्मत का भी क्या खेल था जख्म देकर खुद मलहम भी लगाया,,,
अब कर सको तो एक इज़हार करना...
★ शायद ऐसे तुम्हे दोबारा मिलूंगा!!! ★
● इस कायनात को भी हमने कुछ वादा किया था,,,,
वादा करते वक़्त ये भी कहा था कि मैने पाया भी क्या था जो मेरे पास कुछ खोने को भी हो???
बस ख़ुदा से हमने इतना माँगा था कि जो हमारा है वो सिर्फ हमारा ही रहे किसी और को हमने माँगा न था क्योकि इस बात को भी हमने कभी आपको जताया ना था लेकिन आज हक़ से कहते है आपको हमने कभी गवाया भी ना था...
★ शायद ऐसे तुम्हे दोबारा मिलूंगा!!! ★
● किसी कार्ड को पढ़ते वक़्त मेरा पैगाम तुज तक पहोचता तो होगा, शायद उस कार्ड को पढ़ते वक़्त तेरा दिल भी गबराया होगा, वही कार्ड को हाथ मे लिए वक़्त एक पल के लिए मुज पर थोड़ा सा भी प्यार आया तो होगा,,,
उसी कार्ड को हाथ मे लिए वक़्त शायद तुमने मुझे महसूस किया तो होगा और उसी वक़्त मेरी किस्मत पर तुजे तरस आया तो होगा...
★ शायद ऐसे तुम्हे दोबारा मिलूंगा!!! ★
● रात को नींद न आने की वजह मे शायद मेरा नाम आता तो होगा,,,
मिलके तो नहीं लेकिन शायद बिछड़के भी एक बार हमको आजमाया तो होता,,
खुदा की कसम पास से गुजरते वक़्त तेरा दिल भी जोर - जोर से धड़का तो होगा, न जाने क्यू इस धड़कन को भी तुमने बेबस किया होगा...
★ शायद ऐसे तुम्हे दोबारा मिलूंगा!!! ★
● चाय पीते वक़्त लब पर रखे कप को देखके तेरा जिस्म भी नींद से जागा तो होगा, शायद मे नहीं लेकिन वो चाय का कप भी तुजे छूके एक सुकून पाता होगा,,,
सुबह उठके तुम भी मुझसे बात करने को तरसा होगा जैसे सच्चे प्यार को साबित करने सावन भी बरसा होगा!!!..
★ शायद ऐसे तुम्हे दोबारा मिलूंगा!!! ★
◆ चाँदनी