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New bites

शायरी:

"हळूहळू मनात फुलतो एक विचार,
शब्दांआधी बोलतात डोळ्यांचे व्यवहार.
कधी निरपेक्ष, कधी वेडसर,
प्रेम हे असतं शेवटी अव्याख्येय अंतर!"

"गणित नसतं त्यात, ना व्याकरण,
ना ऊन ना सावलीचं कारण…
फक्त असतो एक क्षण –
जिथं आयुष्य थांबतं आणि प्रेम सुरू होतं."

fazalesaf2973

એક જ ધબકારોને આખી કહાની કહી ગયો,
હોઠે ના ફરક્યા શબ્દો, ને આંખો બધું કહી ગયો.

ઊંડા સમંદરો જેવી એની મૌન વાતો હતી,
હળવો સ્પર્શ ને જાણે જન્મોનો સાથ દઈ ગયો.

નજરથી નજર મળીને વીતી સદીઓની સફર,
એક પળમાં જિંદગીનો અર્થ નવો દઈ ગયાં.

વિખરાયેલા સપનાંઓને એણે સમેટ્યા પ્રેમથી,
સૂની હથેળીમાં જાણે મહેક મૂકી ગયો.

હૃદયના કોઈ ખૂણે ધરબી હતી જે વેદના,
એક હૂંફાળો શ્વાસ ને બધું જ સહન થઈ ગયો.

હવે તો બસ એ ધબકારાની યાદોનો સહારો છે,
જે ક્યારેક મારામાં બનીને ધબકતો રહી ગયો.
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
🌹 કલમ મારી પ્રતિસાદ તમારો 🌹

palewaleawantikagmail.com200557

miss you post

virdeepsinh

gautam0218

gautam0218

🧠 “जीवन में तरक्की की असली शुरुआत आपकी सोच से होती है।”
अगर सोच सकारात्मक हो तो सीमाएँ भी अवसर बन जाती हैं।
📘 मन की हार, ज़िंदगी की जीत — अब उपलब्ध है: Amazon, Flipkart और NotionPress पर।
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dhirendra342gmailcom

શાંતિ ના મન માં, બહાર ક્યાંથી મળે?
આસ્થા વિના, પ્રભુ ક્યાંથી ભળે?
સુખ સાધન સૌ, છતાં જો અશાંતિ,
વ્યર્થ છે બધું, ના મળે સાચી શાંતિ.
DHAMAK

heenagopiyani.493689

मन में न हो शांति, तो बाहर कहाँ से मिले?
आस्था बिन, प्रभु से भला कहाँ जुड़े?
सुख साधन सब हों, फिर भी जो अशांति,
व्यर्थ है सब कुछ, न मिले सच्ची शांति.
Heena gopiyani

heenagopiyani.493689

જયારે કોઈ તમારાં વિચારો સુધી પહોંચવા સક્ષમ ના હોય ત્યારે તે તમારી નિંદા
કરે છે કારણ તેનામાં એટલી હિંમત
નથી કે તમે બનાવેલી ઉંચાઈને આંબી
શકે એટલે તેમને તમારાં વ્યક્તિત્વથી તકલીફ થાય છે.તમારી
સ્વતંત્રતા તેમને ખુંચે છે . વેદનાં આવાં જ લોકો આપણી આલોચના કરે છે,જજ કરે છે અને ટીકા કરે છે.

palewaleawantikagmail.com200557

💌 "कसमों वाला कमरा"

(लव मैरिज के बाद की पहली रात – सच्ची भावना, प्यारा तकरार)

👫 पात्र: आरव और नेहा

(दोनों 4 साल रिलेशनशिप में रहे, फिर घरवालों को मनाकर शादी की)


---

शादी के बाद का वो पल – जब सब बाराती, रिश्तेदार, पंडित, फोटोग्राफर… सब चले गए थे।
नेहा ने भारी लहंगा उतारकर साधारण सूट पहन लिया था। आरव ने शेरवानी से छुटकारा पाया और बस टी-शर्ट पहन ली थी।

कमरे का दरवाज़ा बंद हुआ,
लेकिन हवा में कोई अजीब सी "झिझक" तैर रही थी।

> “तू तो कहती थी शादी के बाद डांस करूँगी, कहाँ गया तेरा डांस?”
– आरव ने मज़ाक में कहा।



नेहा चुप रही… मुस्कराई नहीं।

> “क्या हुआ?” – आरव ने पूछा।



नेहा की आँखों में आँसू थे।

> “अब सब कुछ असली है न, आरव… अब कोई ब्रेकअप का ऑप्शन नहीं है। अब मैं सिर्फ तुम्हारी नेहा नहीं, सबकी बहू भी हूँ… डर लग रहा है।” 😢



आरव पहली बार नेहा को इतना डरा हुआ देख रहा था।
वो पास आया, उसका हाथ पकड़ा, और धीरे से कहा:

> “तो चलो, हम कसम लेते हैं –
तेरा डर, अब मेरा डर।
तेरी थकान, अब मेरी ज़िम्मेदारी।
तेरी मुस्कान, मेरी कमाई।
और तेरे आँसू... मेरी हार।”



नेहा हँस पड़ी, और रो भी पड़ी।

उस रात उन्होंने मिलकर चाय बनाई, पुराने फोटो देखे, कॉलेज के किस्से दोहराए, और सुबह तक "पति-पत्नी" नहीं… "बेस्ट फ्रेंड्स" की तरह बातें करते रहे।


---

🔚 सीख:

लव मैरिज की सुहागरात में सपनों की ज़मीन पर यथार्थ की चादर बिछती है।
जो पहले प्यार था, वो अब ज़िम्मेदारी बनता है।
लेकिन साथ में अगर दोस्ती बची हो – तो हर डर हँसी में बदल जाता है।

rajukumarchaudhary502010

💌 "कसमों वाला कमरा"

(लव मैरिज के बाद की पहली रात – सच्ची भावना, प्यारा तकरार)

👫 पात्र: आरव और नेहा

(दोनों 4 साल रिलेशनशिप में रहे, फिर घरवालों को मनाकर शादी की)


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शादी के बाद का वो पल – जब सब बाराती, रिश्तेदार, पंडित, फोटोग्राफर… सब चले गए थे।
नेहा ने भारी लहंगा उतारकर साधारण सूट पहन लिया था। आरव ने शेरवानी से छुटकारा पाया और बस टी-शर्ट पहन ली थी।

कमरे का दरवाज़ा बंद हुआ,
लेकिन हवा में कोई अजीब सी "झिझक" तैर रही थी।

> “तू तो कहती थी शादी के बाद डांस करूँगी, कहाँ गया तेरा डांस?”
– आरव ने मज़ाक में कहा।



नेहा चुप रही… मुस्कराई नहीं।

> “क्या हुआ?” – आरव ने पूछा।



नेहा की आँखों में आँसू थे।

> “अब सब कुछ असली है न, आरव… अब कोई ब्रेकअप का ऑप्शन नहीं है। अब मैं सिर्फ तुम्हारी नेहा नहीं, सबकी बहू भी हूँ… डर लग रहा है।” 😢



आरव पहली बार नेहा को इतना डरा हुआ देख रहा था।
वो पास आया, उसका हाथ पकड़ा, और धीरे से कहा:

> “तो चलो, हम कसम लेते हैं –
तेरा डर, अब मेरा डर।
तेरी थकान, अब मेरी ज़िम्मेदारी।
तेरी मुस्कान, मेरी कमाई।
और तेरे आँसू... मेरी हार।”



नेहा हँस पड़ी, और रो भी पड़ी।

उस रात उन्होंने मिलकर चाय बनाई, पुराने फोटो देखे, कॉलेज के किस्से दोहराए, और सुबह तक "पति-पत्नी" नहीं… "बेस्ट फ्रेंड्स" की तरह बातें करते रहे।


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🔚 सीख:

लव मैरिज की सुहागरात में सपनों की ज़मीन पर यथार्थ की चादर बिछती है।
जो पहले प्यार था, वो अब ज़िम्मेदारी बनता है।
लेकिन साथ में अगर दोस्ती बची हो – तो हर डर हँसी में बदल जाता है।

rajukumarchaudhary502010

💌 "कसमों वाला कमरा"

(लव मैरिज के बाद की पहली रात – सच्ची भावना, प्यारा तकरार)

👫 पात्र: आरव और नेहा

(दोनों 4 साल रिलेशनशिप में रहे, फिर घरवालों को मनाकर शादी की)


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शादी के बाद का वो पल – जब सब बाराती, रिश्तेदार, पंडित, फोटोग्राफर… सब चले गए थे।
नेहा ने भारी लहंगा उतारकर साधारण सूट पहन लिया था। आरव ने शेरवानी से छुटकारा पाया और बस टी-शर्ट पहन ली थी।

कमरे का दरवाज़ा बंद हुआ,
लेकिन हवा में कोई अजीब सी "झिझक" तैर रही थी।

> “तू तो कहती थी शादी के बाद डांस करूँगी, कहाँ गया तेरा डांस?”
– आरव ने मज़ाक में कहा।



नेहा चुप रही… मुस्कराई नहीं।

> “क्या हुआ?” – आरव ने पूछा।



नेहा की आँखों में आँसू थे।

> “अब सब कुछ असली है न, आरव… अब कोई ब्रेकअप का ऑप्शन नहीं है। अब मैं सिर्फ तुम्हारी नेहा नहीं, सबकी बहू भी हूँ… डर लग रहा है।” 😢



आरव पहली बार नेहा को इतना डरा हुआ देख रहा था।
वो पास आया, उसका हाथ पकड़ा, और धीरे से कहा:

> “तो चलो, हम कसम लेते हैं –
तेरा डर, अब मेरा डर।
तेरी थकान, अब मेरी ज़िम्मेदारी।
तेरी मुस्कान, मेरी कमाई।
और तेरे आँसू... मेरी हार।”



नेहा हँस पड़ी, और रो भी पड़ी।

उस रात उन्होंने मिलकर चाय बनाई, पुराने फोटो देखे, कॉलेज के किस्से दोहराए, और सुबह तक "पति-पत्नी" नहीं… "बेस्ट फ्रेंड्स" की तरह बातें करते रहे।


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🔚 सीख:

लव मैरिज की सुहागरात में सपनों की ज़मीन पर यथार्थ की चादर बिछती है।
जो पहले प्यार था, वो अब ज़िम्मेदारी बनता है।
लेकिन साथ में अगर दोस्ती बची हो – तो हर डर हँसी में बदल जाता है।

rajukumarchaudhary502010

💌 "कसमों वाला कमरा"

(लव मैरिज के बाद की पहली रात – सच्ची भावना, प्यारा तकरार)

👫 पात्र: आरव और नेहा

(दोनों 4 साल रिलेशनशिप में रहे, फिर घरवालों को मनाकर शादी की)


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शादी के बाद का वो पल – जब सब बाराती, रिश्तेदार, पंडित, फोटोग्राफर… सब चले गए थे।
नेहा ने भारी लहंगा उतारकर साधारण सूट पहन लिया था। आरव ने शेरवानी से छुटकारा पाया और बस टी-शर्ट पहन ली थी।

कमरे का दरवाज़ा बंद हुआ,
लेकिन हवा में कोई अजीब सी "झिझक" तैर रही थी।

> “तू तो कहती थी शादी के बाद डांस करूँगी, कहाँ गया तेरा डांस?”
– आरव ने मज़ाक में कहा।



नेहा चुप रही… मुस्कराई नहीं।

> “क्या हुआ?” – आरव ने पूछा।



नेहा की आँखों में आँसू थे।

> “अब सब कुछ असली है न, आरव… अब कोई ब्रेकअप का ऑप्शन नहीं है। अब मैं सिर्फ तुम्हारी नेहा नहीं, सबकी बहू भी हूँ… डर लग रहा है।” 😢



आरव पहली बार नेहा को इतना डरा हुआ देख रहा था।
वो पास आया, उसका हाथ पकड़ा, और धीरे से कहा:

> “तो चलो, हम कसम लेते हैं –
तेरा डर, अब मेरा डर।
तेरी थकान, अब मेरी ज़िम्मेदारी।
तेरी मुस्कान, मेरी कमाई।
और तेरे आँसू... मेरी हार।”



नेहा हँस पड़ी, और रो भी पड़ी।

उस रात उन्होंने मिलकर चाय बनाई, पुराने फोटो देखे, कॉलेज के किस्से दोहराए, और सुबह तक "पति-पत्नी" नहीं… "बेस्ट फ्रेंड्स" की तरह बातें करते रहे।


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🔚 सीख:

लव मैरिज की सुहागरात में सपनों की ज़मीन पर यथार्थ की चादर बिछती है।
जो पहले प्यार था, वो अब ज़िम्मेदारी बनता है।
लेकिन साथ में अगर दोस्ती बची हो – तो हर डर हँसी में बदल जाता है।

rajukumarchaudhary502010

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🌹 राजा वीर और रानी सुरभि की कहानी 🌹

बहुत समय पहिलेको कुरा हो। हिमालयको काखमा बस्ने एक सानो, सुन्दर राज्य थियो — "वसंतपुर"। यहाँका राजा थिए वीरसिंह – वीर, न्यायप्रिय, तर एक्ला। युद्ध जितेका थिए अनेकौं, तर आफ्नो मनको युद्धमा हार्दै थिए – किनकि उनको जीवनमा प्रेमको उज्यालो थिएन।

दोस्रो पट्टि, एउटी साधारण किसानकी छोरी थिइन् – सुरभि। उनी पढ्न लेख्न मन पराउँथिन्, जंगलका फूलसँग कुरा गर्थिन्, अनि स्वप्न देख्थिन् – न कुनै शाही जीवनको, बरु साँचो प्रेमको।

एक दिन, राजा आफ्नो भेष बदलेर जनताको हालचाल बुझ्न गाउँतिर निस्किए। त्यही बेला उनी सुरभिसँग भेटिए – जंगलमा पानीको घैँटो बोकेकी, अनि चरा चिर्बिर गर्दै गाइरहेकी थिइन्।
उनको निष्कलंक हासोले, राजा वीरको वीरता पनि बिनासुरक्षीत बनाइदियो।

👑 एक असम्भव जस्तो प्रेम

राजा त मोहित भए, तर कसरी भन्ने? उनले सादा युवकको रुपमा सुरभिसँग मित्रता गाँस्न थाले। सुरभिलाई थाहा थिएन कि उनी जसलाई मन पराउँदै छिन्, ऊ वसंतपुरकै राजा हो।

राजा वीरले राजमहल फर्केर, सुरभिलाई एकदिन दरबारमा बोलाए। र गम्भीर स्वरमा भने –
"तिमीले मलाई पहिचानिनौ, तर म तिमीलाई आफ्नो रानी बनाउने चाहन्छु।"

सुरभि चकित भइन्। भोलिपल्ट सारा राज्यमा हलचल मच्चियो।
"एक किसानकी छोरी – रानी बन्ने?"
दरबारी हाँसे, राजपुरोहित गम्भीर भए। तर राजा वीरको उत्तर थियो:
"राजा त्यो हो जसले न्याय गर्छ, र रानी त्यो जसले प्रेम गर्छ।"

❤️ अन्त्य होइन, नयाँ सुरुवात

रानी सुरभिको सादगीले दरबारमा प्रेम र करुणा फैलियो।
उनीसहित राज्यमा विद्यालय खोलिए, महिलाहरूलाई अधिकार दिइयो, अनि राजा-रानीको प्रेम कथा बन्छ – पुस्तौंपुस्तासम्म सुनाइने कहानी, जसमा साँचो प्रेमले जात, हैसियत, रीतिथिति तोड्यो।


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सीख:
प्रेम साँचो हो भने, ऊ सिंहासन होइन, साँचो साथ खोज्छ।
र जसले दिल जित्छ, उही साँचो राजा हुन्छ।

rajukumarchaudhary502010

कहानी की शुरुआत:
आरव को हर दिन डाक लेकर गांव भर में घूमना होता था। लेकिन एक दिन जब उसने कविता को पहली बार देखा, तो वक्त जैसे थम सा गया। वो नीली सलवार में खड़ी थी, बालों में दो चुटिया, और आंखों में सपनों का समंदर।

धीरे-धीरे आरव को पता चला कि कविता हर हफ्ते अपनी माँ को एक चिट्ठी भेजती है। और हर बार जब वो उसकी चिट्ठी लेकर आता, कविता के चेहरे पर एक मुस्कान बिखर जाती।

प्रेम की शुरुआत:
आरव ने कभी सीधे कुछ नहीं कहा, लेकिन चिट्ठियों पर लिखी गई कविताएं उसका दिल बयाँ करती थीं। एक दिन कविता को एक चिट्ठी मिली, बिना भेजने वाले का नाम –

> "तुम्हारी मुस्कान सबसे सुंदर शब्द है, जो मैंने कभी नहीं पढ़ा..."



कविता समझ गई थी... ये आरव के दिल की चिट्ठी है। मगर वो भी सीधे कुछ नहीं बोली। उसने अगली बार एक जवाबी चिट्ठी उसी अंदाज़ में डाक में डाल दी:

> "अगर मेरी मुस्कान कविता है, तो तुम मेरे पन्ने बन जाओ..."



संघर्ष:
गांव में जब ये बात फैलने लगी, लोगों ने ताने देने शुरू कर दिए। कविता के मामा को ये रिश्ता मंज़ूर नहीं था।
"एक डाकिया और मेरी भांजी?" – उन्होंने नाराज़गी से कहा।

अंततः:
आरव ने अपनी इज़्ज़त और मोहब्बत के लिए गांव छोड़ शहर जाने का फैसला किया। लेकिन जाते-जाते कविता को एक आखिरी चिट्ठी लिखी:

> "शायद हम अब न मिलें, पर तुम्हारी हर चिट्ठी मेरे दिल की डाक है – कभी देर नहीं होगी, मैं जरूर जवाब दूंगा।"



कुछ सालों बाद, कविता एक टीचर बन गई। एक दिन स्कूल में एक स्पेशल पोस्टमास्टर को सम्मानित करने का आयोजन था — वो आरव था।

जब मंच से उसे कविता की आवाज़ सुनाई दी:
"आज मैं उस शख्स को सम्मानित कर रही हूं, जिसने मुझे प्रेम की सबसे खूबसूरत भाषा सिखाई — चिट्ठियों की भाषा।"

सभी तालियाँ बजा रहे थे। आरव और कविता की आंखों में आंसू थे — लेकिन वो आंसू खुशी के थे।


---

सीख:

प्यार अगर सच्चा हो, तो शब्दों में नहीं, खामोश चिट्ठियों में भी सांस ले सकता है। दिल अगर वफ़ादार हो, तो दूरी भी रास्ता बन जाती है।

rajukumarchaudhary502010

"માણસની મથરાવટીથી એની સાચી માણસાઈ છતીથાય છે, કોઈ માણસ મણનો હોય છે ,તો કોઈ માણસ કણનો હોય છે તો કોઈ ક્ષણનો હોય છે સમય આવ્યે આ સ્પષ્ટ થાય છે"

bharatgelot6129

🖋️ કાવ્ય શીર્ષક: "અંતિમ સાથ..."
(વિજયભાઈ રૂપાણીની વિદાય પર)

ચૂપ વાદળોની વચ્ચે, એક નમ્ર પ્રકાશ હતો,
ગાંધીના પ્રદેશે આજે, શાંતિનો અવકાશ હતો.

નેતા નહીં, એક સેવા યાત્રિક છે ગઈ,
કુદરત પણ આજે ભીની થઈ ગઈ, એમ લાગ્યું કે કંઈ ખૂટી ગઈ…

રાજકારણનું ઓરું આજે ખાલી ખૂણું લાગે,
જ્યાં બેઠા હતા તેઓ, ત્યાં આજ શૂન્ય સંગ્રામો વાગે.

ન મંચ ભાષણો છે, ન વાંસળીના સંગીત,
માત્ર માણસોની ભીની આંખે સ્મરણ અને ભીત.

પગલાંઓ નીચા, ભીની આંખે, હ્રદય ભૂમકી કરે,
એક સાચો વિજયી, આજે શમશાનની તરફ ધરે.

પતંગિયાની જેમ ઉડી ગઈ પ્રકાશમય દિશા,
જેમ વિજયભાઈની ઉડી ગઈ ભવિષ્યની આશા.

પરંતુ...

શબ્દો રોકાય નહીં, કાર્ય બોલે સતત,
વિજયભાઈનું જીવન, આજે પણ આપે સંકલ્પ પવિત્ર.


---

🙏 "અંત થાય છે શરીરનો, સાહિત્યમાં જીવંત રહે સ્મૃતિનો પ્રકાશ…"

vrundajani

Certainly! Let's fact-check the claim made in the image.
The image claims that "Pomato" is a unique plant that grows tomatoes above ground and potatoes below ground. It states that this "grafted hybrid" yields two crops in less space, making it an excellent option for small gardens.
Here's the fact check:
* Is "Pomato" a unique plant that naturally grows tomatoes and potatoes? No. While the concept of a plant producing both tomatoes and potatoes is real, it's not a naturally occurring single plant species called "Pomato."
* Is it a "grafted hybrid"? Yes, this is accurate. The plant described is indeed a grafted plant, not a true hybrid in the genetic sense. Grafting is a horticultural technique where the tissues of plants are joined so as to continue their growth together. In this case, a tomato scion (the upper part) is grafted onto a potato rootstock (the lower part). Both tomatoes and potatoes belong to the Solanaceae (nightshade) family, which makes them compatible for grafting.
* Does it yield two crops in less space, making it good for small gardens? Yes, this is one of the primary benefits highlighted for such grafted plants. By combining two crops on a single plant, it can indeed be a space-saving solution, particularly for urban gardeners or those with limited growing areas.
Conclusion:
The core claim that a plant can produce both tomatoes and potatoes is TRUE, but it's important to understand that this is achieved through grafting, not as a naturally occurring "Pomato" plant or a genetic hybrid. The benefits of space-saving are also accurate.
Therefore, the claim is largely TRUE with clarification regarding the method of creation (grafting vs. natural hybrid).

bkswanandlotustranslators

Heyyyy everyone

dimpledas211732

મૌન ખાલી નથી હોતું ઢમક......
અંદરના ગુર્જનનો અવાજ હોય છે.
અશ્રુ વિના રડવાનું નામ છે,
અવ્યક્ત લાગણીઓનો સાથ હોય છે.
શબ્દો જ્યાં હાર ખાય છે,
ત્યાં મૌનથી સાચો જવાબ થાય છે.
Heena gopiyani

heenagopiyani.493689

🦋... SuNo ┤_★_
दिल के ज़ख़्मों को दुनिया से छुपाना
                   चाहिए,

लोग पागल समझने लगेंगे तुम्हें, हर
     वक़्त मुस्कुराना नहीं चाहिए,

आँसुओं को पीकर, होंठों पे हँसी
             लानी पड़ती है,

हर दर्द को अब दुनिया को दिखाना
               नहीं चाहिए,

जो राहें ले जाती हैं ‘मंज़िल से दूर
                उन राहों पे,

भूल से भी अब कदम बढ़ाना नहीं
                  चाहिए,

तन्हाई का सफ़र है ये तन्हा ही तय
                 करना है,

किसी और को अब इसमें बुलाना
              नहीं चाहिए,

ग़मों  की  रात है  लंबी, मगर कट
          जाएगी ऐ 'मुसाफ़िर'

उम्मीद  का  दिया  अब  बुझाना
             नहीं चाहिए...🔥
╭─❀💔༻ 
✤┈┈┈┈┈★┈┈┈┈━❥
 #LoVeAaShiQ_SinGh °   
♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
✤┈┈┈┈★┈┈┈┈┈━❥

loveguruaashiq.661810

Munni

aiubkhan337587

Do You Know that suffering exists as long as there is a fault? Once the faults are gone, no one in this world, no event in this world, will have the power to give any suffering to you.

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#doyouknow #spirituality #facts #suffering #DadaBhagwanFoundation

dadabhagwan1150