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"हम सब स्वच्छता फैलाएंगे
#कविता
આ પોસ્ટ મે અહિ બે કલાક પહેલા જ મૂકી છે.
ફરીથી આ પોસ્ટ મૂકવાનુ કારણ એ છે કે આ પોસ્ટથી નરેન્દ્રભાઈ પરમારને એવુ લાગે છે કે આનાથી બીજાની ઈજ્જતની નિલામી થઈ રહી છે.
તો પ્લીઝ તમે મને કોમેન્ટમા જરુરથી જણાવો આનાથી કોની ઈજ્જતની નિલામી થઈ રહી છે.
નરેન્દ્રભાઈની પોતાની મારી પોસ્ટ પરની કોમેન્ટમા એમણે મને આમાથી એક ઓપ્શન ચૂઝ કરો એવુ લખ્યુ છે શુ એ યોગ્ય છે?
ઘણા બધા લોકો ફની પોસ્ટ મૂકે છે, વાંચે છે, કેટલાક કોમેન્ટ કરે છે., તો કેટલાક ઈગ્નોર કરે છે.
નરેન્દ્રભાઈને વાંધો હોય તો એમણે પોસ્ટ ઈગ્નોર કરવી જોઈએને?
આવા લોકોને શુ કહેવુ ?
👇Save Your Friend's Status👇
#H_R
This year, Dada Bhagwan’s Guru-Purnima 2025 was celebrated at Jacksonville, USA with great devotion and enthusiasm, including a Special Darshan, Bhakti, a cute GNC Parade, and much more in the pious presence of Pujyashree Deepakbhai.
To read more about the Guru Purnima celebration, click here: https://dbf.adalaj.org/5LBtfMCX
#blog #blogpost #GuruPurnima #celebration #dadabhagwanfoundation
ഓർമ്മയിലെ നിഴൽ
മങ്ങിയ സാന്ധ്യവെളിച്ചത്തിൽ,
ഒരു രൂപം മാഞ്ഞുപോയി.
അകലെ എങ്ങോ മറഞ്ഞുവോ,
ഓർമ്മകൾ മാത്രം ശേഷിച്ചുവോ?
ഒരു ചിരി, ഒരു വാക്ക്,
ഇരുമിഴികളിലെ സ്നേഹം.
ഇനിയില്ല തിരികെ, ഒരിക്കലും,
നിഴലായ് നീ മാഞ്ഞുവല്ലോ.
ഓരോ ദിനവും തേങ്ങുന്നു ഞാൻ,
നിൻ ഓർമ്മയിൽ അലിയുന്നു.
എങ്കിലും അറിയുന്നു, നീയെൻ ഹൃദയത്തിൽ,
ഒരു നോവായ് എന്നും ജീവിപ്പു.
മഴത്തുള്ളിയായ് നീ എൻ കവിളിൽ,
തഴുകുന്നുവോ മെല്ലെ?
കാറ്റായ് നീയെൻ കാതിലോതുന്നുവോ,
"ഞാൻ നിനക്കരികിലുണ്ട്"?
കാണാതായത് വെറും ശരീരമാണ്,
ആത്മാവ് മായാതെ എന്നും.
എൻ ഹൃദയത്തിൻ കോണിലെങ്ങോ,
നീ ഒരു നോവായ് ജീവിക്കുന്നു.
✍️തൂലിക _തുമ്പിപ്പെണ്ണ്
*तेरे हिस्से की रोशनी*
चाहिए जो… वो वक़्त के साथ हम ढूंढ़ लेंगे,
कब से वह चाह हमारी, सनम की संग रह नहीं।
कोई जहाँ जवाब सच न रोये जाए,
ना जाने अपना वक़्त भी क्या अजीब सिलसिला प्यारा सा रह गया।
जो राम मेरे करीब से आए,
कहीं न कहीं वो हँसते हुए दम निकल रहे।
मुझे तो तेरे हिस्से में,
मेरी तक़दीर की वो रौशनी से ही चाहत है।
तेरे नाम की ख़ामोशी, अब मेरी दुआ बन गई है,
इश्क़ का जवाब, अब रब की इनायत सी लगती है।
जो पल टूटे नहीं थे, वही रूह बन गए हैं,
और जो पास थे, अब दूर से मुस्कुरा रहे हैं।
_Mohiniwrites
नारी, तू है शक्ति का सागर,
हौसले से भरा तेरा आलम,
चुनौतियों को चीरती चली जा,
हर कदम पर लिख दे नया कलम।तूफानों में भी मुस्कान सजाए,
सपनों को सच करने की ठानी,
हर बाधा को तूने हँसकर ठुकराया,
तुझमें बस्ती है वो अटल कहानी।उठ, चमक, तू सूरज की किरण,
अंधेरों को मिटाए तेरा जुनून,
नारी, तू है अनघट का राग,
तेरे हौसले से खिले नया सवेरा सुनहरी||
५० किताबें, ५० कहानियाँ, और एक दिल से निकली आवाज़।
काठगोदाम की गर्मियाँ अब ५० पाठकों की ज़िंदगी का हिस्सा बन चुकी है।
ये सफ़र सिर्फ़ मेरा नहीं रहा — अब ये हम सबका है।
आपके प्यार और भरोसे के लिए दिल से धन्यवाद।
कहानी अभी बाकी है… 🌿📖”
#KathgodamKiGarmiyaan #AuthorLife #IndianWriters #HindiBooks #GratitudePost #Storyteller #BookMilestone #धीरेंद्र_सिंह_बिष्ट
श्री बप्पा रावल श्रृंखला खण्ड-एक 👇
https://www.matrubharti.com/novels/53707/by-the-bappa-rawal
विवरण : गुहिल या गहलौत वंश के बप्पा रावल मेवाड़ के वास्तविक संस्थापक माने जाते हैं क्योंकि मेवाड़ ने जो शक्ति, प्रसिद्धि और सम्मान प्राप्त किया वो इन्ही की देन थी। इसी राजवंश में से सिसोदिया वंश का निकास माना जाता है, जिनमें आगे चलकर महान राजा राणा कुम्भा, राणा सांगा, महाराणा प्रताप हुए। बप्पा रावल इनका नाम नहीं बल्कि इनके प्रजासरंक्षण, देशरक्षण आदि कामों से प्रभावित होकर जनता ने इन्हें बाप्पा पदवी से विभूषित किया था।
712 ईस्वी में, भारत पर पहला मुस्लिम आक्रमण हुआ जिसमें मुहम्मद बिन कासिम ने सिंध पर आक्रमण कर राजा दाहिर को हराया था। तब बप्पा रावल ने हिंदुस्तान के विविध राजाओं को एकजुट कर न केवल मुहम्मद बिन कासिम को हराया, बल्कि उसे ईरान तक खदेड़ दिया और उसके खलीफा तक पीछा किया।
बप्पा रावल (कालभोजादित्य) का इतिहास जानने के लिए अवश्य पढ़ें।
रोना अच्छा लगता है या यूं कहूं
अपनों के दिए तकलीफों को सहना अच्छा लगता है
खामोश हो जाना चाहती हूं मैं खुद में कही
खुद के खातिर अब जीना अच्छा लगता है.....
सो कर उठ जाए आंखों में पड़े ख्वाब
अब उन ख्वाबों को मिटाना अच्छा लगता है
कोई गैर न समझे तो अनोखा लगता है
कोई अपना समझने से मुकर जाए तो दिल बहुत रोता है
मिल कर बिछड़ना शायद किस्मत थी मेरी
अब तक़दीर को धुंधला कहना अच्छा लगता है.....
_Manshi K
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