The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
kal ko khamosh ho gayi to ye mat kahana tum badal chuki ho bak bak or gussa karne wali ladki khamosh yun hi to nhi huyi ye bat ek bar jarur khud se puch lena javab tumhe khud mil jayenge,..... Manshi K
कुछ दूर तुम भी लौट तो आओ कब से यूं ही इंतज़ार में है मेरी दो आँखें पलकों में जाने क्यों भारीपन सा महसूस होता है होठों से सिसक की आवाज धीरे धीरे मंद पड़ जाता है फिर अंदर से एक आवाज आती है जो कुछ वक्त के लिए मुझे खामोश कर जाता है मैं हूं एक नदी का किनारा फिर क्यों खुली आंखों से खड़ा समुंदर नजर आता है?? - Manshi K
कभी जो अधूरे थे अब पूरे भी तो नहीं लगते ठहर कर राहों पर आंखों में बस इंतजार नजर ही आते हैं मुसाफ़िर तो मैं हूं अपने ही मंजिल का पर आंखों से बहता आंसू मुझसे सवाल नहीं करते... - Manshi K
सच में कोई किसी का नहीं होता यहां,,, धीरे धीरे सामने वाला सक्स एक दिन एहसास करा ही जाता है, जिसे हम अपना कहते फिरते हैं,,, - Manshi K
हम छोड़ चुके हैं अब आंखों से इश्क का नशा करना बेमौत सी जिंदगी लगती है अगर वो सक्स नज़र नहीं आता है... - Manshi K
अभी ठहरी ही हूं मैं बस तेरा हाथ चाहिए जिंदगी भर चलना है मुझे तुम्हारा साथ चाहिए यूं खिली न उड़ाया करो ए चांद तारे छुप जाओ जाकर तुम घने बादलों में तुम भी अंधेरी रातों में भी मुझे उनकी आंखों में खुद की तस्वीर चाहिए....... - Manshi K
यूं झुकी पलकों का राज़ तुम्हे क्या पता है? जाने कितने हंसी ख़्वाब तुम्हारे इंतज़ार में बुन रहे हैं... _Manshi K
तेरे जाने से कुछ तो खामोशी भरे दिल में हुआ था हम तो इतने नादान ठहरे , तेरे साथ होने पर भी तेरी अदाओं को नहीं समझ पाया ..... क्यों इस तरह थी तेरी मोहब्बत वक्त के तराजू पर तूने तौल डाला ,,,, शिकायतें तो तुमसे करनी बहुत थी मुझे , मेरी झुकी पलकों ने मगर जवाब कुछ और मांगा,,,,, _Manshi K
आपके सिवा आपका कोई नहीं यहां वक्त रहते समझ जाए तो बेहतर होगा वरना अपना बनकर रुलाने वाले बहुत है यहां - Manshi K
ख्वाबों का सिलसिला अब टूटने लगा है दिल का हर कोना सूना सा लगने लगा है मुस्कुराहट भी अब अजनबी लगती है मेरी अब खुशी की राह भी कहीं खोने लगा है... - Manshi K
Copyright © 2025, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser